अभिसम्मुख भिसम्मुख (त्रि०) आदरपूर्वक देखना | मुख सामने किये हुए । भिसरः (५०) अनुचर अनुयायी २ साथी । संगी। सहायक अभिसरणाजू ( न० ) १ समीपागमन २ मिळाय। सङ्केतस्थान प्रेमियों के मिलने का सङ्केतस्थान या ठहराव। भिसर्गः (०) । संसार की रचना | सिर्जनम् (न०) १ भेट दान | २ वध | हत्या । अभिसर्पणं ( न०) समीपागमन | सुष्टिसाधन मिसान्वः (पु०) अभिशान्त्वः (पु.) मिसान्त्वनम् (न० ) [ प्रबोध ढाँइस रमिशान्त्वनम् (न०) रभिसायं (अव्यया०) सूर्यास्त के समय सम्ध्या के के साम्वना । धीरज ३ हम्ला । श्राक्रमण | नभिसारिका ( स्त्री० ) नायिका जो सहेवस्थल पर | अपने प्यारे नायिक से मिलने स्वयं जाय या उसे बुलावे। पभिसारिन (वि०) भेंट करने को जाने वाला आगे बढ़ने वाला। आक्रमणकारी। बड़े वेग से बाहिर निकलने वाला। [ लापा । श्रभुज अभिहारः ( 3 ) लेजाना लूट लेना चुरा लेना । २ श्राक्रमण | हमजा ३ हथियार लगाना । हथियार लेना। अभिहासः (पु० ) हँसी दिलगी। मज़ाफ | हर्ष । अभिहित ( व० कृ० ) : कथित | कहा हुआ। घोषित वर्णित २ सम्बोधित | बुलाया हुआ। पुकारा हुआ। [क्रिया | 1 पभिस्नेह (पु० ) अनुराग स्नेछ । प्रेम अभि भिस्कुरित (वि.) पूर्णरूप से फैला हुआ या बढ़ा हुआ पूर्व वृद्धि कर प्राप्त ( यथा पुष्प ). प्रमिहत ( च० ऋ० ) १ ढोंका हुधा | २ पीटा हुआ मारा हुआ। घायल किया हुआ। २ रोका हुआ | रुद्ध | ३ (अङ्गगणित ) गुणा किया हुआ | मभिहतिः ( स्त्री० ) १ मार | चोट । २ गुणा । अरब । सिहोमः ( पु० ) अझि में घी की आहुतियों देने की अभी (वि०) निडर निर्भय प्रसीदणम् ( न० ) 1 अक्सर बहुवा वारंवार २ असता से ३ बहुत अधिक अस अधिकाई से । लगभग | अभिसारः (पु०) १ प्रेमी प्रेमिका का मिलने के लिये | अभीप्सित (वि० ) अभीष्ट || चाहा हुआ । 1 (केवस्थान पर ) गमन | सङ्केतस्थल | ठहराव । २ प्रेमी प्रेमिका का देवस्थान या सङ्केत समय । २ मनोनीत । ३ अभिप्रेस आशय के अनुकूल अभीप्सितम् (न० ) अभिलापा । मनोरथ । अभीरः ( पु० ) 3 अहीर | ग्वाला गौचराने वाला। -पल्ली (स्त्री० ) अहोरों का एक छोटा सा गाँव । अभीक (वि० ) अभिलाषी उल्लुक २ कामुक विलासी । भोगासक्त । ३ निर्भय । निडर | अभीया (वि० ) दुहराया हुआ । २ सतत | निरन्तर | २ अत्यधिक अभीशापः (g० ) देखो "अभिशाप”। भोः (पु० ) १ खवान | २ प्रकाश की किरगा। अभीषुः । ३ अभिलाषा | ४ अनुराग | अभीष्ट ( ० ० ) अभिलषित | अभीप्सित । २ प्रिय | कृपापात्र प्राणप्यारा | अभी: ( इ० ) परम प्यारा। ( म०) मनोरथ | चाही हुई वस्तु । अभि मत वस्तु । अभीष्टा (स्त्री० ) स्वामिनी | प्रेयसी । अभुग्न (वि० ) १ जो देदा या मुद्दा या चुका हुआ न हो। सीधा सतर ३ अच्छा भला । रोगरहित । ग्रमहरणं ( न० ) १ समीप लामा | जाकर लाना। २ लूटना। [ दान | यज्ञ | प्रमिय: ( 30 ) आह्वान | आमंत्रण १ वलि | प्रभुज ( वि० ) भुजारहित । ढुंजा |
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८२
दिखावट