पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/८०६

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वीयवत का चमक | स्फूर्ति | साहस । दृढ़ना २ किमी लाभकारी ) सुख ६ धातु | बीज | आभाम महिमा | मर्यादा अः (पु० पुत्र प्रपातः, (पु० ) दीर्य का पान | वीर्यवत् ( वि० ) १ मजबूम | बलिष्ट २ गुणकारी । वीवधः (०) बहंगी का बाँस । २ वाक ! ३ अनाच का ढेर | ४ मार्ग रास्ता | सहक | श्रीवधिकः ( पु०, बहँगी वाला पोदारः (5० ) 1ौद्धों का संचागम | २ मठ: षंग ( प्रा० प० ) [ [गति, ] त्यागना छोड़ना। बंद | (घा० उ० ) [ बुराव्यति, सुटते २१ कॅरोट् चोटिल करना। बध करना । २ नाश होगा। बुचूर्षु ( वि० ) चुनने के लिये अभिलाषी चूर्ण (वि० ) चुना हुआ। छाँटा हुआ। वृ (धा० उ०) [ घरति, - चरते, वृणांति, - वृद्धते, वृणाति, वृणीते, वृत ] चुनना। छाँटना २ विवाह करने के लिये छाँट कर पसंद करना । ३ याचना करना। माँगना ४ ढकना | छिपाना । पर्दा डालना। लपेटना । घेरना । ६ रोकना। बचाना अड़चन डालना विरोध करना । तिखो वृंद बृंद्दिन । वृक ( घा० श्रा० ) [ वर्कते, | अहण करना| लेना। पकड़ना । 2 चूकः ( पु० ) 2 वृका ( श्री० ) ! वृकः ( पु० ) १ भेड़िया २ सेही | ३ गीदड़ | शृगाल। ४ काक | कौवा | ५ उल्लू । ६ डाकू | ७ क्षत्रिय म तारपीन | ९ सुगन्ध पदार्थों का संमिश्रण। १० एक राक्षस का नाम । १९ वकवृष । १२ उदरस्थ | अग्नि विशेष ।-रातिः रिपु० ) कुत्ता उदः ( पु० ) १ या का नाम । २ भीम का नाम । – देशः, ( पु० ) कुत्ता | धूपः, ( पु० ) १ तारपीन | कई खुशबूदार द्रव्यों से बना हुआ सुगन्ध पदार्थ विशेष ) - धूर्तः, (पु० ) श्रृंगाल | नि: ० ० ) विभाजित कटा हुआ हटा हुआ । वृत (व कृ०) साफ किया हुआ वृत्त ( ० ० ) [ कटा हुआ शुद्ध किया हुआ ] ] अंकार करना । पसंद करना। चुना विरुप | 1 वृहः (पु० ) पेड़ख्ख पाइप भइनः ( पु० ) १ बाई को न कुल्हाड़ी असूला ३ का पेड़ पित्राल वृक्ष अम्लः, ( पु० ) श्रम - बालवः, ( पु० ) पक्षी आवासः (पु० ) पक्षी साधु-प्राथविर, (०) छोटी का उल्लू कुट: ( 30 ) जंगली मुर्गा - खण्डम् (न०) अवन उपवनचर, (१०) वानर - धूपः, ( पु० ) नारपीन - निर्यासः, ( पु० ) गोंद गुग्गुल -पाकः, (पु० ) अश्वस्थवृच -भिट्ट ( पु० ) कुल्हाड़ी - मर्कटिका ( श्री० ) गिलहरी । -वाटिका, - वाढी, (स्त्री०) याग बगिया - शः. (पु० ) छपकली। -शायिका, ( वी० ) गिलहरी । • वृत्तकः ( पु० ) 1 छोटा वृक्ष २ वृक्ष | वृच् धा० प [ वृशक्ति ] चुनना पसंद करना | i वृज (धा० आ० [ वृकं] १ बचाना । त्यागना [ १०-चुणकि ] १ बना जाना छोड़ देना | त्याग देना २ पसंद करना चुनना ३ प्राय श्चित करना। ४ टाल देना बृजनः ( पु० ) १ केश २ घुंघराले बाल बृजन (न० ) 1 पाप विपत्ति । ३ आकाश | ४ हाथा नाश घिरा हुआ भूखण्ड ओ काम्स- कारी या चरागाह के काम के लिये हो । वृजिन ( पु० ) 1 मुड़ा हुआ । टेड़ा। दुष्ट । पापी | घृजिनं ( ० ) १ पाप | २ पीड़ा कष्ट इस अर्थ में पु० भी ) । वृत्रिनः (पु०) १ केश धुंधराकेश | २ |