वारिण निकालने की कल रथः ( पु० ) नाव । जहाज बेड़ा /- राशिः, (पु० ) १ समुद्र | २ झील्ल १Srkris (सम्भाषणम्)शहूं. (नु० ) कमल कलवार। शराब बेचने वाला- - वासः (पु०) । वाहः, -वाहनः वार्ताकः ( स्त्री० ) चार्ताकि ( श्री० ) वार्ताकी (स्त्री० ) वार्ता किन पु० ) वातकः ( पु० सी० ) ( पु० ) बावल | मेव 1 – शः, (पु० ) विष्णु | वार्तिका (स्त्री० ) सीतर | यटेर । भगवान-सम्भवः, ( पु० ) १ लवंग | लौंग । २ सुर्मा विशेष | ३ उशीर ख चारित ( ज० कृ० ) 1 रोका हुचा । अवरुद्ध | २ रा किया हुआ | बचाया हुआ। वारीहटः (पु० ) हाथी वारुः (पु० ) विजय कुक्षर वह हाथी जिस पर सेना में विजय पताका रहती है। वारुंड: चारुण्डः ( ७५ ) वारुणं (न० ) जल | धारुणः (पु० ) भारतवर्ष के नवखण्डों में से एक । वारुणिः (पु० ) १ अगस्य ऋषि | २ भृगु जी | वाणी (स्त्री० ) १ पश्चिम दिशा २ किसी भी प्रकार की मदिरा या शराब | ३ शतभिज् मसुन्न । ४ दूर्वा श्री दूब | वल्लभः (पु० ) वय | जी। ू } ( पु० ) नाग जाति का प्रधान । वारुंड: ( पु० वारुगडः ( पु० वारुंड ( म० वारुण्ड ( म० ) वास्ठः (go ) अन्तशय्या मरणखाट। वह टिकठी जिस पर मुर्दे को रखकर ले जाते हैं। श्ररथी। वारुण ( वि० ) [ स्त्री०] १ वरुण सम्बन्धी | २ वरुण को समर्पित किया हुआ | २ | वार्तायन: ( पु० ) संवाददाता। जासूस। दूस। वरुण को दिया हुआ। - वार्तिक (वि०) [स्त्री० -- वार्तिकी] संवाद संबन्धी । २ खबर लाने वाला | ३ व्याख्याकारी । वार्तिकः ( पु० ) १ गोइंदा। जासूस | २ किसान | वार्तिक ( न० ) किसी ग्रन्थ के उक्त, अनुक्त और रक्त अयों को स्पष्ट करने वाला वाक्य या ग्रंथ । [वार्तिक और भाग्य में यह भेद है कि, भाष्य में केवल मूल ग्रन्थ का आशय स्पष्ट किया जाता है, किन्तु वार्तिक में पूर्ण स्वतंत्रता रहती है। वार्तिक- कार नयी बातें भी कह सकता है। ] वात्र झा ( पु० ) अर्जुन का नाम । वार्द्धकं (न० ) १ बुढ़ाया। बृद्धावस्था | २ बुढ़ापे के कारण उत्पन्न थिय। ३ वृद्धजनों का समु दाय । 3 आँख का मैल या कीचड़ | २ कान का मैल या डेठ । ३ नाव का पानी उसोचने का कठौता या पात्र विशेष | यात्र., वार्द्रा वारेंद्री ) ( सी० ) बंगाल के एक अंचल का नाम वारेन्द्री) जिसका आधुनिक नाम राजशाही है। वार्स (वि० ) [ श्री० वा वाम् (२० ) वन | जंगल वार्णिकः ( पु० ) लेखक । ] वृक्षों से सम्पन्न । बैंगन या भटे का पौधा ३ वार्त्त (वि०) तंदुरुस्त । स्वस्थ्य १ इल्का | कमज़ोर असार ३ धंधा करने वाला। पेशे वाला। | वार्त्त ( न० ) १ तंदुरुस्ती | २ निपुणता । पटुता । वार्ता ( स्त्री० ) १ पालन | २ संवाद | खयर पेशा। आजीविका ४ खेती | वैश्यवृत्ति । वैश्य का धंधा ( अर्थात् कृषि, वाणिज्य, गोरक्षा और कुसीद ५ बैंगन का पौधा -वहः, - हरः. ( पु० ) दूत | क़ासिद | २ बत्ती बनाने वाला। --वृत्तिः, ( पु० ) जो किसानी पेशे से निर्वाह करता हो । - वार्डक्यं ( न० ) १ बुढ़ापा २ बुढ़ापे की निर्बलता। वाईषिः वार्द्धषिकः वाईपिन् वाईप्यं ( न० ) व्याज। सूद वार्ध. चाय } (स्वी० ) चमड़े का तस्मा । 1 ( पु० ) सूदखोर | व्याजखोर |
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/७६३
दिखावट