MEGISMER WAKUTEPEPOESTERIN LE यौन - यौन ( वि० ) [ स्त्री० - यौनी ] १ योनि सम्बन्धी २ विवाह सम्बन्धी । यौनं ( न० ) विवाह । वैवाहिक सम्बन्ध । ग्रैौचढं ( न० ) १ युत्रती स्त्रियों की टोली | २ युवती स्त्री की खूबी (सौन्दर्य आदि) । युवा स्त्री होने का भाव । यौवनं ( न० :) जवानी | - आरम्भः (पु० ) जवानी का उभाड़ -दर्पः, (पु० ) १ जवानी का र र (पु०) संस्कृत अथवा नागरी वर्णमाला का सत्ताइसौँ व्यञ्जन जिसका उच्चारण जीभ के अगले भाग को मूर्द्धा के साथ थोड़ा सा स्पर्श करने से हुआ करता है। यह ऊष्म और स्पर्श वर्णों के बीच का वर्ण है। इसका उच्चारण स्वर और व्यञ्जन का मध्यवर्ती है। अतएव यह अन्तस्य कहलाता है। इसके उच्चारण में संवार, नाद और घोष नाम के प्रयत्न हुआ करते हैं। रः ( पु० ) अग्नि कामना | ४ वेग २ गर्मी ताप ३ प्रेम | रफ़्तार | या वेग से रंहू ( धा० परस्मै० ) [ रंहति ] तेज़ी जाना या चलना। रंहतिः ( श्री० ) १ वेरा रश्तार २ उत्सुकता | प्रचण्डता । खिलाड़ी - २ भयानक } रक्त ( व० ० ) १ रंगा हुआ रंगीन २ लाल | ३ अनुरक्त / अनुरागवान्। ४ प्यारा प्रिय माशूक ! १ मनोहर | सुन्दर | मनोश | ६ कीड़ा प्रिय | (वि० ) लाल नेत्रों बाजा अक्षः, ( पु० ) १ भैसा २ कबूतर - अङ्कः, (पु० प्रवाल मूंगा, ( न० ) १ खटमल | खटकोरा १२ मङ्गलग्रह ३ सूर्य या चन्द्रमगडल अभिमन्थः, ( पु० ) आँखों की सूजन। अम्बरं, (न० ) लाल रंग का वस्त्र-अम्बरः, (पु० ) गेरुया वस्त्रधारी संन्यासी या परिभ्राजक। -अदः (पु० ) रोग विशेष जिसमें पकने और बहने वाली गाँठे शरीर में निकल जाती हैं। अयेकः, (पु० ) खाल रक्त अभिमान २ अविवेक - लक्षणं ( न० ) । जवानी का चिन्ह २ मनोहरता | सौन्दर्य | ३ (त्रियों के ) कुच | यौवनकं (न० ) जवानी। यौवनाश्वः (पु० ) युनाव के पुत्र का नाम । अर्थात् राजा मान्धाता का नाम । श्रीवराज्यं ( न० ) युवराज का पद । योध्याक २ (वि० ) [स्त्री० -- यौष्माकी] तुम्हारा योष्माकोण खद्रीय | . फूलों वाला अशोक वृक्ष आधारः (१०) चमड़ा - श्राभ (वि० ) लाल आभा वाला | -श्राशयः (पु) शरीर के सात आशयों में से चौथा जिसमें रक्त का रहना माना गया है उत्पलं, (२०) लाल कमल - उपलं, (न०) गेरु कराउ, कठिन, ( वि० ) मधुर कण्ठ वाला। (पु० ) कोकिल पी कन्द -कन्द्रतः, ( पु० ) मूंगा। प्रवाल 1-- कमले, ( न० ) लाल कमल चन्द्रनं ( न० ) १ लाल चन्दन । २ केसर चूर्ण, (न० ) संदूर | ईगुर - छर्दिः (श्री० ) रक्त की कमन जिह्न ( पु० ) शेर सिंह । -तुराडः, ( पु० ) होता-हश. (पु.) कबुतर-धातुः (पु० ) १ मेरु | २ ताँवा /-पः (०) रास --- पल्लवः, (पु०) अशोक वृक्षपा (स्त्री० ) जौंक-पाद (वि० ) लाल पैरों वाला। पादः, (५०) पक्षी विशेष, जिसके पैर लाज हों। सोता । २ संग्राम-रथ ३ हाथी -- पायिन् ( पु० ) खटमल खटकीरा - पायिनी, (बी० ) जौंफ (-पिण्डम् (न० ) ( " १ लाल मुँहासा । २ नाक व मुँह से अपने आप रक्त का गिरना |- प्रमेहः, ( पु० ) पेशाव की राह खून का गिरना। भवं, (न० ) मांस :- मोक्षः, (पु० ) -भांत, (न० ) रक्त का बहनावटी, वरळी, (खी० ) चेचक :- वर्गः, (पु० ) १ लाख २ अनार का पृष ३ कुसुम का फूल। (वि० ) लाल रंगा हुआ। २ बीरबहूटी /-, (४० ) सोना ।
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