पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६८६

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G मेधाविन् ( ६७६ मेघाविन् (वि० ) १ तीव्र स्मरणशक्ति वाला । २ बुद्धिमान् । धीमान् । ( पु० ) १ विद्वान परिडत २ होता ३ नशीला पेय पदार्थ विशेष | मेधि देखो मेथि । मेधिका } ( स्वी० ) महदी ! मेध्य ( वि० ) १ यज्ञ के योग्य | २ यज्ञ सम्बन्धी ! मेयः (०)मेड़ा | भेड़ा | २ राशि |-अण्डः यशीम | ३ पवित्र । ( 50 ) इन्द्र की उपाधि -कम्वलः, ( पु० ) ऊनी कंवल 1- पालः, -पालकः, ( पु० ) गरिया-मांसम् ( म० ) भेद का माँस -यूथं, (ज०) भेड़ों का गल्क्षा | मेपा (स्त्री० ) छोटी इलायची । ( श्री० ) भेद | मेध्यः (पु० ) १ बकरा | २ खदिर का बुरा । ३ व जी। जया | मेध्या ( स्त्री० ) कई एक पौधों का नाम । मेनका ( स्त्री० ) १ शकुन्तला की माता एक अप्सरा का नाम । २ हिमालय की पत्नी का नाम /- श्रात्मजा (स्त्री० ) पार्वती का नाम । मेना ( स्त्री० ) १ हिमालय की पत्नी का नाम । २ एक नदी का नाम । मेनाइः ( पु० ) १ मयूर । मोर | २ बिल्ली | ३ | बकरा | मेपू ( था० धात्म० ) [ मेपते ] जाना | 1 मेय (वि० ) १ नापने योग्य नापने का । २ वह जिसका तनमीना या अनुमान किया जा सके। ३ ज्ञेय जानने योग्य मेरुः ( पु० ) १ एक पुराणोक्त पर्वत जो सोने का कहा गया है और जिसके बारे में कहा जाता है ! कि उसके गिर्द समस्त ग्रह धूमा करते हैं। २ माला के बीच का गुरिया जिससे जप भारम्भ किया जाता है। मणिहार के बीच का रह:- धामन, (१०) शिवजी | - यंत्र ( न० ) वीजगणित का चक्र - विशेष | मेरुकः ( पु० ) यशधूप धूना | मेलः (पु० ) संयोग । समागम । मिलाप । मेलनं ( म० ) ३ संमिश्रण। मेला ( बी० ) 2 समागम २ सभा | समाज | संयोग। मिलाप ) २ जमावड़ा ) मैत्रेय ३ सुर्मा | ४ नील का पौधा २ स्याही | ६ ( संगीत में ) स्वरप्रामक ( पु० ) -अम्बु: पु० ) मन्दः (पु० ) नन्दा, ( श्री० ) - मंदा ( श्री० ) कलमदान | मसी- " पाय | दावात P मेव् (धा०म० ) [ सेवते ] पूजन करना | सेवा करना। परिचर्या करना मेषिका मेथी । ! मैत्र ( वि० ) [ स्त्री० मैत्री ] १ मित्र का | मित्र सम्बन्धी २ मित्र का दिया हुआ । सद्भावात्मक | ४ मित्र नामक देवता सम्बन्धी । मेहः ( ए० ) १ पेशाब करने की क्रिया | २ पेशाब सूत्र | ३ पेशाब की बीमारी | ४ भेड़ा | ९ बकरा /-घ्नी (स्त्री० ) हल्दी | मेहनं ( न० ) १ मूत्र विसर्जन करने की किया | २ सूत्र । ३ लिङ्ग । [+] मैत्रे ( म० ) दोस्ती | २ मलोत्सर्ग ३ अनुराधा नक्षत्र [मैत्रभं भी इसी अर्थ में प्रयुक्त होता है।] मैत्रः (पु० ) १ कुलीन आक्षण | २ प्राचीन कालीन एक वसहर जाति ३ गुदा । मलद्वार | मैत्रकं (न०) मित्रता | मैत्रावहसः ( पु० ) १ वाल्मीकि जी का नाम । २ अगस्त्य जी का नाम ३ सोलह स्विजों में से पाँचवाँ विज मैत्रावरुणः (पु० ) वाल्मीकि मैत्री ( श्री० ) 1 दोस्ती सन्नाव। २ घनिष्ट सम्बन्ध ३. अनुराधा नपत्र | मैत्रेय (वि० ) [ श्री० –मैत्रेयी ] मित्र सम्बन्धी । सद्भाव युद्ध | अगस्त्य । २ वशिष्ठ ३