पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६६२

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महिषी महिषी ( स्त्री० ) १ भैस २ पटरानी ३ पक्षी की | मांसू ( न० ) गोश्त माँदा ! सैरन्ध्री | ४ छिनाल औरत | ५ पत्नी के छिनाले की कमाई । -स्तम्भः ( पु० ) सँभा जिसके उपर भैस का सिर सजाया गया हो। माहिष्मत् (वि०) बहुत से भैंसों वाला । जहाँ बहुता- यत से भैसे हों। मही (स्त्री० ) १ पृथिवी । २ ज़मीन | ३ भूसम्पत्ति रियासत | ज़मोदारी ४ राज्य देश १ माही नदी जो खंभाल की खाड़ी में गिरती है ।- ईनः - ईश्वरः, ( पु० ) राजा |--कम्पः ( पु० ) भूचाल । भूकंप । -क्षित् ( पु० ) राजा |- जः, ( पु० ) १ मंगल ग्रह । २ वृद्ध | – जं, ( न० ) अदरक | शादी-तलं ( न०) ज़मीन की सतह /- दुर्ग, ( न० ) भूदुर्ग - धरः, ( पु० ) १ पहाड़ी । २ विष्णु /-प्रः, ( पु० ) १ पर्वत । २ विष्णु भगवान । - नाथः, -पतिः, -पः, - भुज, ( पु० ) - मघवन्, ( पु० ) - महेन्द्रः, ( पु० ) राजा -पुत्रः सुतः, सूनुः, (पु० ) १ मंगलग्रह | २ नरकासुर |- पुत्री - सुता, (स्त्री० ) सीता जी - - प्रकम्पः, ( पु० ) भूचाल /-प्ररोहः, - रुह, ( पु० रुहः, ( पु० ) वृक्ष | पेड़। - प्राचीरं, ( न० ) -प्रावर: ( पु० ) समुद्र भर्तृ, ( पु० ) राजा /-भृत्. ( पु० ) १ पहाड़ | २ राजा - लता (स्त्री० ) केचुवा । सुरः (पु०) ब्राह्मण महोयस (वि० ) अपेक्षा कृत बढ़ा। दो में बड़ा या बलवान् । ( पु० ) बड़ा या उदारमना मनुष्य } (वी०) महित्वा । रमणी । नारी । स्त्री । महीला महेला माकर मा ( धा० परस्मै० ) [ माति, मिमीते, मीयते, मित] १ नापना । २ नाप कर सीमा का चिन्ह करना 1३ आकार की तुलना करना । शरीक होना स्थान पाना। किसी वस्तु में शरीक होना। मांसं ( न० ) १ गोश्त | २ मछली । ३ फल का मांस मांसः ( पु० ) १ कीड़ा | २ वर्णसंकर जाति जिसका पेशा मांस बेचना है। श्रद्-श्रद् – अनि -भक्षक, (दि० ) मांसभक्षी | मौनखोर |- अर्गलः, - अर्गलं, (न० ) मांस पिण्ड जो मुख से नीचे लटकता है। -अशनं. ( न० ) मांस भक्षण आहार ( पु० ) मांसाहार /- उपजीवित्, (पु० ) मांस बेचने वाला का सौदागरोदः, ( पु० | १ भोजन जिसमे मांस हो । २ चाँवल और मांस एक साथ पकाया हुआ भक्ष्य पदार्थ विशेष / - कारि, ( न० ) रक्त खून-प्रन्थिः, ( पु० ) गाँठ | गिल्टी –जं, (न० ) -तेजसू. ( न०) चर्वी बसा। - द्राविन, ( पु० ) खट्टा-साम विशेष - निर्यासः, ( पु० ) शरीर के रोंगटे ।- पिटकः, - पिटकं ( न० ) ३ मांस भरी डलिया | २ बहुत सा मांस । - पित्तं, (न० ) हड्डी- पेशी, १ मांस का टुकड़ा । २ रग पुठ्ठा । ३ भावप्रकाश के अनुसार गर्भ की वह अवस्था जो गर्भधारण के सात दिनों के बाद और १४ दिनों के भीतर होती हैं और प्रायः एक सप्ताह तक रहती है।-- योनिः, ( पु० ) रक्त माँस से उत्पन्न जीव । –सारः, स्नेहः, (न०) चर्बी बसा -हासा, (स्त्री०) चमड़ा। चर्म । मांसल ( दि० ) १ माँस से भरा हुआ। माँस पूर्ण २ मौटा लाज्ञा पुष्ट | ३ बलवान | मज़बूत हद ४ गम्भीर, जैसे स्वर । मांसिकः ( पु० ) जटामासी । मा ( अन्यथा० ) वर्जनात्मक अव्यय । मा ( स्वी० ) १ धन की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी जी | माकँदः } ( पु० ) श्राम का पेड़ । २ माता | ३ माप या मान विशेष पतिः, ( पु० ) विष्णु भगवान । पः, माकन्दः मार्कदी ) ( स्त्री० ) १ आँवला | २पीला चन्दन । ३ माकन्दी ) महाभारत के समय का गंगातट पर बसे हुए एक नगर का नाम । माकर ( वि० ) [ स्त्री०- माकरी ] मकर नामक समुद्री जन्तु विशेष सम्बन्धी