पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६५५

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मत्तिनिमन् मसि मलिनिमन् (पु० ) गंदगी । अशुद्धता | मैलापन। मल्लिकः ( पु० ) १ हंस विशेष जिसकी टाँगे और २ कृष्णा कालापन। कलूटापन। यथा - "मलिमिमातिनि समययोयिता । " चोंच मैले रंग की होती है | २ माघ मास । ३ जुलाई की ढरकी ।- (पु० ) - श्राख्या हंस विशेष। -अर्जुनः, ( पु० ) श्रीशैल पर स्थित शिवजी के एक लिङ्ग का नाम -आख्या ( श्री० ) मोतिया | ३ पाप । नैतिक धपवित्रता । मलिम्चः (१०) डाँकू चोर २ दैत्य ३ डॉल 1 मच्छर । ४ अधिक्रमास। खोंद का महीना। मल्लिका ( स्त्री०) १ मोतिया । २ मोतिया का फूल । २ पवन | हवा ६ अग्नि ७ वह ब्राह्मण जो I ३ डीवट | पतीलसोत विशेष आकार का मिट्टी का बना बरसन | पँचमहायज्ञों को नित्य नहीं करता। मजीमस (वि० ) : मैला | गंदा २ फाला कलूटा। काले रंग का । ३ पापी दुष्ट मलीमसः ( पु०) १ लोहा । २ पोखे रंग का कसीस हरे रंग का कसीस तूतिया | कसरती । मल्लू ( धा० आत्म० ) [ मन्जते ] ग्रहण करना। अधिकार करना कज़ा करना । मल्ल ( वि० ) 1 मज़बूत बलवान रोवीला | २ अच्छा उत्तम | मल्लः (go ) पहलवान कसरती मज़बूत था ताकतवर आदमी कटारा | ४ कपोल कनपुटी गण्डस्थल । १ देवता को चढ़ायी हुई वस्तु प्रसाद - अरिः ( 50 ) 1 श्रीकृष्ण । २ शिव क्रीडा ( स्त्री० ) पहलवानों का दंगल जं, (न० ) कालीमिर्च- तूर्य, (न० ) डोल विशेष - भूः~~-भूमिः, (स्त्री०) १ अखाड़ा | २देश विशेष | | मधू ( धा० परस्मै० ) [ मषति ] चोटिल करना | मशकिन् (पु० ) गुजर का पेड़ मथुनः ( पु० ) कुता | घायल करना वध करना। नाश करना । -यु, ( १० ) बाहुयुक्त | कुश्वी विद्या, ( स्त्री० ) कुश्ती लड़ने की विद्या - शाला, ( न० ) १ अखाड़ा मल्लीकरः ( पु० ) चोर। मल्लुः (पु० ) री भालू मद् ( धा० परस्मै० )[ मवति ] बाँधना कसना | सव्यू (धा०] परस्मै० ) [ मन्यति ] बाँधना | मशू (धा० परस्मै० ) [मर्शात] भिन्न भिन करना । गुनगुनाना २ नाराज़ होना। आदमी । २ ३ प्याला. मशः (४०) १ मच्छर | २ गुआर | ३ क्रोध / हरी, ( स्त्री० ) मसैहरी । मच्छरदानी। मशकः ( पु० ) मच्छर डाँस २ मला नामक धर्मरोग ३ मशक जो भिश्तियों के पास रहती मषिः } ( स्त्री॰ ) मसी । रोशनाई । स्वाही । मषी मल्लकः ( पु० ) १ डीबट | पढीजसोत | २ तैल- | मसू ( घा० परस्मै० ) [ मस्यति ] १ तौलना । नौपना | २ रूप बदलना। पात्र ३ दीपक ४ नरेरी का बना प्याला । १ दाँत ६ कुन्दपुष्प मसः ( पु० ) माशा | एक तौल विशेष | मलित ) ( श्री० ) मोतिया । -नाथः, ( पु० ) मल्ली ) १४व या १५वीं शताब्दी में यह एक प्रसिद्ध टीकाकार हो गये हैं। इनकी बनायी रघुवंश, मसनं ( न० ) १ नापना | तौल | २ रूखरी | बुढी मसरा ( स्त्री० ) मसूर मयारः . कुमारसम्भव, मेघदूत, किरातार्जुनीय, नैषधवारिस | मसारकः } (5० ) पना रन । और शिशुपालवध की टीकाओं का विद्वानों में मसिः (पु० सी० ) १ रोशनाई | स्याही | २ कालिख । बड़ा आदर है। ३ फाजल ~~-आधारः, ( पु० ) -कूपी,