मख्वकः मर्यादिन मरुबकः ) (5०) १ दौनामरुना | २ नीयू विशेष | | मईनं ( न० ) १ कुचलना | पीसना | २ मालिश | मरुवकः । ३ चीना | ४ राहु । ५ सारस | मरूकः ( पु० ) १ मेोर। बारहसिंघा विशेष | ( शरीर ) दवाना | ३ लेप करना | ४ दबाव डालना। ५ पीड़ा करना । सन्तापित करना । ६ नाश करना उजाड़ना । मर्कट: (पु० ) : वानर | लँगूर | २ मकड़ी | ३ सारस | ४ खीसम्भोग का ग्रासन विशेष | २ | विप विशेष श्रास्य, (वि० ) बानरमुख | आस ( न० ) ताँबा | – इन्दुः, ( पु० ) आबनूस।तिन्दुकः, ( 50 ) धावनूस विशेष | कुपील । -पोतः, (५० ) बँदर का बच्चा - वासः, (पु० ) मकड़ी का जाला । - शीर्षः, ( पु० ) हिंगुल | मर्कटक: ( पु० ) १ लंगूर | २ मकड़ी | ३ एक जाति विशेष की मधुखी ४ अनाज विशेष | मर्करा ( स्त्री० ) १ बरतन । २ पात्र | २ गुफ़ा | सुरंग | ३ बाँझ स्त्री | मर्च ( धा० उभय० ) [ मर्चयति, मर्चयते ] १ लेना । २ साफ करना। ३ शब्द करना | मर्जू: ( पु० ) १ धोवी ।२ मैथुन कराने वाला लड़का । ( स्त्री० ) सफाई। जुलाई। पवित्रता । मर्तः ( ५० ) मानव | इंसान | आदमी | २ पृथिवी । मर्त्यलोक । मर्त्य ( वि० ) मरणशील खरभर । मर्त्य ( न० ) शरीर |--- धर्मः, ( पु० ) विन- श्वरता 1-धर्मन्, ( चि० ) मरणशील 1- निवासिन, ( पु० ) मानव | मनुष्य - | मर्मरः ( पु० ) १ पत्तों की खड़कन 1 २ बरबराहट | मर्मरी (स्त्री० ) १ हल्दी | २ वृद्ध विशेष । भावः, ( पु० ) मनुष्य-स्वभाव । -भुवनं, (न०) ' मर्मरीकः ( पु० ) १ गरीब आदमी । मोहताज । २ पृथिवी महितः, (पु० ) ईश्वर मुखः, ( पु० ) किल्लर 1 - लोकः, (पु० ) मर्त्यलोक । भूलोक । दुष्ट मनुष्य | मर्या (स्त्री० ) सीमा । हृद मर्यादा ( श्री० ) १ सीमा हद | २ अन्त । छोर सद किनारा ३ चिन्ह । क्षेत्रसीमा चिन्ह । ४ नैतिक विधि । ५ शिष्टता की मर्यादा ६ ठहराव इकरार ।-अचल, (पु० ) - गिरिः, ( पु० ) - पर्वतः, (पु० ) सीमा पर स्थित पहाड़ - भेदकः, (पु० ) क्षेत्र सीमा- चिन्ह को मिटाने मर्त्यः ( पु० ) १ इंसान | मनुष्य । २ सर्त्यलोक । भूलोक । मर्दलः ( पु० ) मृदङ्ग विशेष मर्च ( धा० पर० ) [ मर्बति ] जाना । मर्मन् ( न० ) १ शरीर का मर्मस्थल २ शरीर का सन्धिस्थान २ रहस्य तत्व | भेद-वरं, ( न० ) हृदय । विद, भि, (वि० ) १ अत्यन्त पीड़ाकारक | ३ साँघातिक । श्राघात करने वाला -ज्ञ, ( वि० ) वह जो किसी बात का मर्म या गूढ़ रहस्य जानता हो । सत्वज्ञ | २ भेद की बात जानने वाला रहस्य का जान- कार । - ज्ञः, ( पु० ) प्रकाण्ड विद्वान् | – त्रं, ( न० ) कवच --पारग, ( वि० ) भली भाँति भिज्ञ | भेदः, ( पु० ) मर्मस्थलों को छेदने चाला | २ किसी की गुप्त बातों को या कमज़ोरियों को प्रकट करने वाला 1-भेदनः, ( पु० ) – भेदिन्, (पु० ) बाण । तीर 1-स्थलं, - स्थानं, (न० ) १ शरीर के सन्विस्थान | २ कमज़ोरियाँ । निर्बलताएँ । मर्मर ( वि० ) मरमर | पत्तों या कलफदार कपड़े की मर्द (वि०) कुचलने वाला । कूटने वाला । पीसने वाला। नाशकरने वाला। वाला । मर्दः ( 30 ) १ पोसना कूटना।२ प्रचण्ड आघात । -मर्दन (वि० ) [ स्त्री० - मर्दनी ] कुचलने वाला । मर्यादिन ( पु० ) १ पीसने वाला। नाश करने वाला। बाजा । पड़ोसी । २ सीमा पर रहने
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