पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६३८

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मजुल, मञ्जुल सुग्गा 1 ---प्राणः: ( 3० ) ब्रह्मा /-भाशिन्, - वाच्, (वि० ) मधुरभाषी 1 -चक्त्र, (वि०) सुन्दर शहवाला। खूबसूरत । - स्वन, स्वर, ( वि० ) मधुर स्वर करने वाला । मंजुल ( वि० ) मनोहर । सुन्दर सुरक्षा | } (कण्ठ) | मञ्जुल ( २१ ) मंजुलम् ) ( न० ) १ क्रूज | २ जल का सोता । मञ्जुलम् । कूप । २नदी या जलाशय का पाट मंजुलः } (पु०) जलकुकुट । जल का मुर्गा । मञ्जुलः मंजूषा ) ( स्त्री० ) १ पेटी | वक्स | चौखटा । मञ्जषा ) आधार | २ मंजीठ | ३ पत्थर | ४ बड़ा } पिटारा या टोकरा | मटची ) } (बी० ) श्रोला । मटः स्फटि: ( पु० ) अभिमान का आरम्भ । खोखला अभिमान | मट्टकं ( म० ) छत की मुड़ेर । मठ् ( धा० परस्मै० ) [ मठति ] १ रहना | वसना । २ जाना । ३ पीसना | मठं ( नं० ) ११ वह मकान जिसमें किसी महन्त मठः ( पु० ) ) के अधीन अन्य बहुत से साधु रह सके । २ छात्रनिलय | बोडिंग हाउस। छात्रालय छात्रावास । ३ विद्यालय विद्यामन्दिर | ४ मन्दिर | ५ बैलगाड़ी ।-आयतनं, (न०) मठ | अखाड़ा | अस्थल । विद्यामन्दिर । विद्यालय | मटर ( वि० ) नशे में। शराब पिये हुए। मठिका ( स्त्री० ) मठी । मड़ी। मठी (स्त्री० ) १ छोटा मठ | २ अखाड़ा | अस्थळ । मडडक: } ( पु० ) ढोळ । मण् (धा० परस्मै० ) शब्द करना | बरबराना । मणिः ( पु० स्त्री० ) १ बहुमूल्य रत्न । जवाहिर । २ आभूषण । ३ कोई भी वस्तु जो अपनी जाति में श्रेष्ठ हो । ४ चुम्बक पत्थर | ५ कलाई | ६ घड़ा || भगाङ्कुर । योनिलिङ्ग योनि का अगला भाग। मणिमत् = लिङ्ग का अगला भाग -इन्द्र-राजः, ( पु० ) हीरा। -कंड:-कराठः, ( पु० ) नील- कण्ठ पक्षी कण्ठकः ( १० ) मुर्गा - कणिका, --कर्णी, ( स्त्री० ) बनारस वा काशी में तीर्थकुण्ड विशेष 1-काचः, ( पु० ) वाण का वह भाग जहाँ पर लगे होते हैं 1-काननं, ( न० ) गरदन । - कारः, (पु० ) बाहरी । - तारकः ( पु० ) सारस पक्षी | दर्पणः, ( पु० ) दर्पण जिसमें रत्न जड़े हों 1- द्वीपः, ( पु० ) १ अनन्त नाग का फन । २ अमृत सागर का एक द्वीप विशेष |-धनुः, ( पु० ) - धनुस् ( न० ) इन्द्रधनुष । - पाली (स्त्री० ) जाहरिन । स्त्री जो रस्न रखती हो । पुष्पक ( पु० ) सहदेव के शङ्ख का नाम 1-पुरः, ( पु० ) १ नाभि । २ चोली, जिसमें बहुत से रन टके हों। पून० ) कलिङ्ग देश का एक नगर -बन्धः, ( पु० ) १ कलाई । पहुँचा | - बन्धनं, ( न० ) १ अँगूठी का वह स्थान जहाँ नगीना जड़ा जाता है । २ मोती की लड़ी | ३ कलाई । -- बोजः, - वीजः, ( पु० ) अनार का पेड़। -भित्तिः, ( स्त्री० ) शेष के भवन का नाम । -भूः, (स्त्री०) रत्नजटित फर्श । - भूमिः, ( स्त्री० ) मणियों की खान । २ रत्न जटित फर्श ।-मंथ, ( न० ) सैंधा निमक 1- माला, (स्त्री०) १ रतनहार | २ चमक | आभा | दीति | ३ प्रेमक्रीड़ा में गाल पर या अन्यन्त्र दोंतों से कोंटने का गोल चकत्ता या दाग ४ लक्ष्मी जी का नाम ५ एक द्वस का नाम ( न० ) जवाहिर 1 - रागः, ( पु० ) रंग । – रागं, (न० ) हिङ्गुल सरः, ( पु० ) हार। गुज 1 सूत्रं, ( न० ) भोतियों की लड़ी। - रत्नं रत्नों का शिंगरफ/- मणिकः ( पु० ) ) जल का घड़ा । ( पु० ) भवाहर मणिकं ( न० ) ) विशेष । माणिक । चुनी। मणितं (न०) एक व्यक्त सिसकारी जो स्त्रीसम्भोग के समय मुख से निकला करती है । मणिमत् (वि० ) रत्नजटित । ( पु० ) १ सूर्य | २ एक पर्वत का नाम । ३ एक तीर्थ का नाम ।