पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/६२१

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भित्ति भित्ति (स्त्री० ) तोड़ना। चारन: विभाजित करना. २ दीवार | ३ स्थान | ४ टुकड़ा | टूटी हुई कोई वस्तु । ६ घरार सन्धि झिरी । ७ चटाईम विद्र दोष | अवसर 1-खातनः, ( पु० ) -चौर. (पु० ) चोर घर में सेंध | लगाने वाला - पातनः, ( पु० ) १ चूहा विशेष । २ घूँस | चूहा। भित्तिका (स्त्री०) दीवाल की विस्तुइया । सिद्ध] | धा०परस्मै० ) [ भिति ] १ बाँटना | टुकड़े करना | २ फोड़ना | सन्धि करना। झिरी करना। ३ खोदना | ४ गुजरना । ५ पृथक् करना । ६ अङ्ग | करना | ७ गड़बड़ करना ८ अदल बदल करना। घटाना बढ़ाना । ६ खिलाना । १० बसेरना छितराना ११ खोलना । पृथक करना । १२ ढीला करना |१३ छिपी हुई बात को प्रकट करना । ३४ परेशान करना । १५ पहचानना । भिदकं (न० ) १ हीरा २ इन्द्र का वज्र । भिदकः ( पु० ) तलवार भिदा ( स्त्री० ) १ तोड़न। फटन चीरन । फाइन । २ अलहदगी | ३ अन्तर : ४ जाति । किस्म । भिदिः ( पु० ) मिदिरं ( न० ) भिदु: ( पुo ) ( १४ ) इन्द्र का यत्र । भिदुर (चि० ) १ तोड़ने वाला। फटने वाला चीरने वाला | २ भङ्गप्रवण | टूटने फूटने वाला । ३ मिश्रित । मिला हुआ । गडंगडु । भिदुरं ( न० ) इन्द्र का वज्र । सिरः (पु० ) वृक्ष | भिद्रं ( न० ) वज्र | भिद्यः ( पु० ) १ तोड़ से बहने वाली नदी । २ नदी विशेष । भिंदपाल भेन्द्रपालः मंदिपालः भेन्द्रिपाल फेंका जाता है। भिन्न धा० कृ० ) १ टूटा हुआ फग हुआ. चिर. I हुआ | २ विभाजित | पृथक किया हुआ - गाया हुआ । ३ ( खोलकर ) अलग किया हुआ | ४ खिला हुआ। फूला हुआ । ५ पृथक् । अलग जुदा ६ इतर दूसरा अन्य | ७ ढीला | मिश्रित 8 फिरा हुआ ! १० परिवर्तित । बदला हुआ । ११ भयानक | मस्त | १२ विना - अञ्जनं. ( न० ) कई द्रव्यों को मिला कर बनाया हुआ सुर्मा । उदः, ( पु० ) सौतेला भाई | - करटः, ( पु० ) मदमस्त हाथी । – कूट ( दि० ) नायक विहीन । -क्रम, (वि० ) क्रम- रहित । गड़बड़ | — गति (वि० ) तेज़चाल से जाने वाला। -गर्भ ( वि० ) तितर बितर 1- दर्शिन, (वि०) पक्षपाती । प्रकार (दि०) दूसरी किस्म का या जाति का 1--भाजनं ( न० ) खप्पर । कमण्डलु । -भर्मन्, ( चि० ) वह जिसके मर्मस्थल विधे हो। मर्याद, ( वि० ) १ वह जिसने मर्यादा था सीमा भङ्ग कर दी हो। सम्मानकारी । २ असंयत । जो काबू में न हो। - रुचि, (वि० ) जुदी जुदी रुचि वाला । - वर्चस्, वर्चस्क, (वि०) मलोत्सर्ग करने वाला। - वृत्त. ( वि० ) असद जीवन व्यतीत करने वाला । त्यागा हुआ |--वृत्ति, (वि० ) १ बुरी राह चलने वाला । २ इतर रुचि या भावना रखने वाला । —संहति । वि० ) प्रसंयुक्त । विमुक्त | ---स्वर, ( वि० ) १ आवाज़ बदले हुए | २ बेसुरा । हृदय ( वि० ) वह जिसका हृदय विधा हो । भिन्नः ( पु० ) रत्नदोष । किसी रत्न में ऐब । भिनं ( न० ) १ टुकड़ा | भाग | अँश | २ फूल । मुकुल ३ घाव । छुरी का घाव । ४ भग्नाश । मिटिका } ( स्त्री॰ ) श्वेतगुआ 1 सफेद बुंधची । मिल्लः ( पु० ) भील जाति 1 - तरुः ( पु० ) लोध्र वृक्ष / - भूषणं, ( न० ) गुजा का पौधा | भिल्लोट: ( पु० ) } लोध्र वृक्ष । भिवज्ञ ( पु० ) १ वैद्य | हकीम | डाक्टर | २ विष्णु । ( पु० ) १ छोटा एक डंडा जो प्राचीन काल में फेंक कर मारा जाता था | २ गुफना । जिसमें कंकड़ या पत्थर रख कर और उसे घुमा कर ! भिल्लोटकः ( पु० )