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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५७८

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प्रातिभ प्रातिभं ( न० ) विस्तृत कल्पना प्रातिभाव्यं ( न० ) जमानत । जामिनी । प्रातिभासिक (बि० ) [ सी० - प्रातिभासिकी ] १ जो असली न हो। २ नकक्ष | प्रातिलोमिक (वि० ) [ स्त्री० --प्रातिलौमिकी } विपक्ष। विरुद्ध उत्पन्न | प्रातिनाम्यं ( ० १ प्रतिलोम का भाव २ विरु ढता प्रतिकूलता। प्रतिवेशिकः प्रतिवेश्यकः प्रतिवेश्यकः A ( पु० ) पड़ोसी । ( ५७१ ) प्रातिवेश्यः (पु०) १ पड़ोसी २ वह पड़ोसी जिसके घर का द्वार ठीक अपने घर के द्वार के सामने हो। प्रातिशाख्यं ( न० ) ग्रन्थ विशेष । इसमें वेदों की | किसी शाखा के स्वर, पद, संहिता, संयुक्त वर्षादि के उच्चारणादि का निर्णय किया जाता है। बेदरें की प्रत्येक शाखा की संहिताओं पर एक एक प्रातिशाख्य ग्रन्थ थे। ऐसा लेखों के सङ्केतों से जान पड़ता है { प्रातिस्विक (वि० ) [ स्त्री० - प्रातिस्विकी } विख- क्षण विशिष्ट प्राति ( ज० ) प्रतिहिंसा यदला। पलटा । प्रतिद्वार: ( पु० ) मायावी। जादूगर । ऐन्द्र- प्रातिहारकः शालिक । लाग का खेल करने प्रातिहारिकः बाजा प्रातीतिक (वि० ) [स्त्री०- प्रातीतिकी] मानसिक | काल्पनिक। जिसकी मतीति केवल चिन्ता या कल्पना के द्वारा मन में होती है। प्रातीयः (पु० ) प्रतीप के पुत्र राजा शान्तनु प्रातीपिक (वि० ) [ स्वी० --प्रातीपिकी ] (स्त्री०) १ विरुद्धाचरण करने वाला २ विपरीत | उलय | प्रात्यतिक (वि०) [ स्त्री० - प्रात्यतिकी ] विश्वासी || इतमीनामी १२ प्रतिभू । जमिनी। जमानत | प्रात्यहिक (वि० ) [ स्त्री० - प्रात्यहिकी ] दैनिक | प्रति दिन का। प्राथमिक (वि० ) [ स्त्री० - प्राथमिको ] १ प्रार- म्भिक आदि का । आदिम १२ प्रथम बार होने | 1 वाला ३ पहला अगला । आतः, प्रान्तः

प्राथस्यं ( म० ) प्रथमता पहिलापन माइतिरायम् ( म० | प्रदक्षिणा परिक्रमा प्रादुस् (धन्यया०) दृश्यतः । स्पष्टतः प्रकाशतः | -- करणं (प्रादुष्करां ) ( न० ) प्रादुर्भाव | त्य करना। -- भावः ( 50 ) (=प्रादुर्भावः) १ प्रकट होना। अध्यक्ष होना। २ ऐसे बोलना जो सुन और समझ पढ़े १३ किसी देवता का धरा धाम पर अवतार प्रादुष्यं ( न० ) प्रकटन प्रादुर्भाव प्रादेशः ( पु० १ एक मान जो अँगूठे की नोंक से लेकर हर्जनी की नोंक तक का होता था और नापने के काम में आता था| २ प्रदेश स्थान। प्रादेशिक ( वि० ) [ स्त्री० – प्रादेशिकी ] १ मादेशनं (न० ) प्रसाद । पुरस्कार दान | प्रदेश सम्बन्धी प्रान्तिक ३ प्रसङ्गगत | असङ्गानुसार - 2 सायाल प्रादेशिकः ( पु० ) सामन्त । ज़मीदार ! प्रादेशिनी (स्त्री०) तर्जनी । अँगूठे के पाल की ऊँगली । प्रादोषिक (वि०) [ सी०- प्रादोपिकी] सम्बन्धी । प्रादोष (वि० ) [खी०~-मादोषी] प्राधनिकं ( न० ) हथियार । आयुध । प्राधानिक ( वि० ) [ स्त्री० - प्राधानिकी ] प्रधान सम्बन्धी | २ प्रधान सर्वोत्कृष्ट प्राधान्यं ( न० ) १ प्रधानता । श्रेष्ठता | २ मुख्यता | उत्कर्ष | ३ प्रधान कारण प्राधी (वि० ) भली भाँति पड़ा हुआ बहुत पर हुआ प्राध्य (वि० ) १ लंबा दूर फासला ।२ मुका प्राध्वः ( पु० ) गाढ़ी | बग्घी हुआ। ३ बद्ध | 9 अनुकूल प्राध्वम् ( अन्यवा० ) से २ टेपन के। प्रांतः (०) अनुकूलता से उपयुक्त रूप प्रान्तः + किनारा | हाशिया । छोर २ कोना । ३ सीमा ४ अन्त । ५ नोंक ग ( वि० ) समीपस्थ पास रहने वाला दुर्ग, ( न० ) १ किसी नगर के परकोटे के बाहिर की आवादी २ नगर या थावादी तो किसी दुर्ग के समीप हो।-विरस ( वि० ) अन्व में फीफा बेज्ञायका |