सामग्री पर जाएँ

पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५५२

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

प्रतीप 1 २ हठी अषशकारी | दुराग्रही। ६ बाधाकारक | | प्रती ( न० ) अर्वाकार विशेष । इसमें उपमेय को उपमान के समान न कह कर, उलटा उपमान को उपमेय के समान कहते हैं। अथा उपमेय द्वारा उपमान के तिरस्कार का वर्णन करते हैं । प्रतीपः ( पु० ) महाराज शान्तनु के पिता का नाम । प्रतीपम् (अन्यवा० ) १ विरुद्ध इसके दूसरी ओर २ उलटे क्रम से विलाम क्रम से ३ प्रतिकूल बरखिलाफ़ -ग. (वि०) १ प्रतिकृत गमनकारी । वैरी प्रतिकृत। -गमनं, (न० ) ~गतोः, ( स्त्री० ) पीछे की ओर की गति या गमन- तरणं. (न० ) धार के विरुद्ध जाना या नाव चलाना।-दर्शिनी, स्त्री० ) स्त्री । औरत । नववधू / वचनं, ( न० ) खण्डन । किसी के चचन के विरुद्ध कथन 1-विपाकिन्. ( दि० ) उलटा फल देने वाला। २ प्रतीरं ( न० ) समुद्रसट नदोतर | तट | प्रतीवापः ( पु० ) वह दवा जो पीने के लिये काढ़े आदि में मिलायी जाय। २ किसी धातु का रूप बदलने के लिये उसमें अन्य धातु या वस्तु मिलाना । । ३ संक्रामक रोग | उड़नी बीमारी चुधाछूत के रोग प्लेग। तीवेश मनीहार देखो प्रतिवेश । प्रतीहास प्रतीवेशिन् (वि० ) देखो प्रतिवेशिन् । प्रतीदारी (स्त्री० ) १ स्त्री दरबान या स्त्री द्वारपाल २ द्वारपाल । दरबान । प्रतुदः ( पु० ) १ पक्षियों की जाति विशेष ( इस जाति में तोता, चाज, कौद्रा आदि है) । २ छेदने या चुभोने का यंत्र विशेष । प्रतुष्टिः ( स्त्री० ) सन्तोष | हर्ष प्रतोद ( पु० ) चुभोने का भौहार | प्रतूर्ण (वि० ) वेगवान् | तेज | २ चाबुक | ३ अरई | प्रतोली ( स्त्री० ) गली श्रमसड़क किसी नगर का मुख्य मार्ग । प्रत (व० कृ० ) दिया हुआ दे बाजा हुआ। चढ़ाया भयच, प्रयच हुआ भेंट किया हुआ | २ हुआ। विवाहित । मन ( वि० ) १ प्राचीन | पुरातन | २ अगला । ३ परंपरागत | विवाह में दिया प्रत्यकू (अन्यत्रा० ) विरुद्ध दिशा में पीछे की और २ प्रतिकूल १३ पश्चिम की ओर ४ भीतर की ओर अंदर से पहिले । प्राचीन काल में । प्रत्यक्ष (वि० ) १ नवनगोचर | २ उपस्थित मान। आँखों के सामने स्पष्ट | साफ । ३ सम्बन्धी दर्शनः, दर्शिन् (पु० ) चश्म- दीद गवाह । यह साधी जिसने कोई घटना अपनी आँखों से देखी हो- (वि० ) खुद का देखा हुआ।-प्रभा, (स्त्री० ) यथार्थ ज्ञान 1 प्रमाणं, (न० ) आँखों से देखा हुआ - वादिन, ( पु० ) यह व्यक्ति जो केवल प्रत्यक्ष प्रमाण या इन्द्रिय अन्य प्रमाण माने :-विहित, (वि० ) स्पष्ट रूप से आदेश किया हुआ । प्रत्यक्षं ( न० ) १ स्पष्टता | २ चार प्रकार के प्रमाणों में से एक । प्रत्यक्षिन (पु० ) आँखों देखा गवाह । प्रत्यन ( वि० ) १ ताज्ञा जवान | नया । टटका । २ दुहराया हुआ | ३ विशुद्ध । -वयसू, (वि०) जवान | 1 विद्य इन्द्रियगोचर ४ सोधा | समीप | ६ शरीर (वि० ) [ निम्न हुआ - स्त्री०- प्रतीची ] बोपदेव मतानुसार प्रत्यक्षी] सुश हुआ। घूमा हुआ। २ पीछे पड़ा हुआ ३ अगला | ४ लौटा हुआ फिरा हुआ बदला २ परिचमी | पाश्चात्य आत्मन् (मु० ) (= प्रत्यगात्मन् ) व्यक्तिगत जीव - आशापतिः (= प्रत्यगाशापतिः ) ( पु० ) पश्चिम दिशा के दिपाल वरुण देव - उच्च, ( स्त्री० ) (= प्रत्यगुदद् ) उत्तर-पश्चिम कोण | वायव्यकोण । - इत्तिानः (= प्रत्यग्दक्षियातः) (अन्यथा० ) नैऋत्य कोण की ओर। -दृश्, ( स्त्री० ) (=प्रत्यगृदृश्) अन्तरष्टि -मुख, ( वि० ) [-प्रत्यङमुख ) पश्चिम की सं० श० कौ० - ६२