पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५२९

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( ५२२ ) पृथवो पृपस्क ( वि० ) धनी | धनवान्। स्कन्ध (पु० ) वण की माताश्रा की कारण से उत्पन्न हुए हा वर (दि०) पकका पान वाला नन ( 50 ) शूकर | सुधर | मूख | देवकूफ | २ नीच व्यक्ति | कमीना पृथुकं (स्त्री० ) ) चिड़वा | खोरा। चिउरा | आदमी पापी जन |--भावः, (पु० ) चलहपृथुकः ( 50 ) ( पु० ) यच्चा | वगी। सुदापन | रूप,(दि० ) भिन्न प्रकार या पृथुका ( श्री० ) लड़की । जाति के 1-विध, (दि० ) मिन्न भिन्न | जुदा / पृथुल ( वि० ) चौड़ा | लंबा । विस्तृत जुदा 1-- शय्या ( स्त्री० ) अलग सोने बाला । स्थितिः, (स्त्री० ) भिन्न अस्तित्व | पृथवी (स्त्री० ) देखो पृथिवी ww पृथ्वी (स्त्री० ) १ धरा। भूमि २ पृथिवी तत्व | ३ बड़ी इलायची ४ एक छन्द का नाम । -ईशः पतिः, -पालः, भुज् (पु० ) राजा 1-खातं, ( म० ) गुफा । खोह | माँद । -गर्भः, (पु० ) गणेश का नाम 1 ( न० ) गुफा । खोह -जः, (पु० ) वृ पेड़ | २ मङ्गल ग्रह । पृथा ( श्री० ) पारड राजा की दो शनियाँ थीं। उन दो में से कुम्ली का दूसरा नाम पृथा था। जः, सनयः सुतः सूनुः, (पु० ) प्रथम तीन पारडयों का नाम, किन्तु विशेषकर धर्जुन का । -पतिः, ( पु० ) राजा पाण्डु पृथिका ( श्री० ) वृक्षिकादि जाति का शतपदविशिष्ट कोई जीव | पृथिवी (स्त्री० ) धरा | भूमि इन्द्रः-ईशः पुदाकु:, ( पु० ) १ बिच्छू | २ चीता | ३ सर्प । छोटी जाति का ज़हरीला साँप ४ वृष | २ हाथी ६ तेंदुआ| ( पु० ) - क्षित् ( पु० ) पालः, पालक, भुज्, भुजः, - शकः, (पु०) राजा-तलं, ( न० ) धरावल। ज़मीन की सतह /-पतिः, (पु०) १ राजा २ यमराज 1-मण्डलः, (पु०) (दि०) चित्तीदार | धब्बादार -~-पण्डलम् (न०) भूमण्डल (हः (g० ) शशिनः (पु०) १ किरण । २ ज़मीन | भूमि | ३ तारा- वृक्ष | पेड़ |~~लोकः ( पु० ) भूलोक | मर्त्य लोक | गणयुक्त आकाश ४ कृष्णमाता देवकी का दूसरा नाम :-गर्भः, -घः, -भद्रः, (पु० ) कृष्ण के नामान्तर शृङ्ग ( पु० ) १ कृष्ण का नामान्तर २ गणेश का नामान्तर महान् । पृथु ( बि० ) [ श्री० पृथु या पृथ्वो ] १ चौड़ा | विस्तृत | २ अधिक। विपुल | २ बड़ा ४ विस्तारित । ५ असंख्य | अगणित । ६ चतुर | तेज़ चालाक १७. आवश्यक। पृथुः ( पु० ) अग्नि १२ एक राजा का नाम । राजावेणु का पृथु पुत्र था। पृथुः ( श्री० ) अफीम अहिफेन - उदर, ( वि० ) बड़े पेटवाला । धमधूसर उदः, - ( पु० ) मेड़ा | मेष-जघन, 1-नितम्ब, बड़े चूतड़ों वाला पत्रः, (पु०) – पत्रं, ( न० ) १ लाल लहसन। प्रथ-यशस् (वि० ) दूर दूर तक प्रसिद्ध रोमन्, (पुणे) मली। श्री ( वि० ) बहुत बड़ा समृद्धिशाली - थोधि, (वि०) मौटी कमर बाबी|-सम्पद पृथ्वीका ( श्री० ) १ बड़ी इलायची १२ छोटी इलायची । यूनि पृष् · वृश्निका पृष् पृश्नो पृथ्वी 1 १ छोटा | थोड़ा सर्वाकार २ सुकेोमव । निर्बल | नाजुक ( श्री० ) जलकुम्भी । एक पौधा जो जल में उत्पन्न होता है। पृषत् ( न० ) जल या अन्य किसी तरल पदार्थ की बूंद 1 अंशः प्रश्वः (पु० ) पवन हवा । २ शिव का नामान्तर : आयं, (न० ) दही में मिला हुआ घी-पतिः, [ पृषतां- पतिः ] पवन | हवा-बलः, (पु० ) पवन- देव के घोड़े का नाम । -- पृथतः ( 3० ) : चित्तीदार हिरन । २ जलबिन्दु | ३ धन्वा चिन्द-प्रश्वः, ( पु० ) हुवा | पवन । | पृषक: (०) तीर बाय ।