पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/५१२

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पिडन पिण्डन वितर २ लोवान, गूगल ६ गाजर | ( पु० ) पिशाच | पितामहः ( पु० ) [ स्त्री० - पितामाहे ] १ बाया : राक्षल | बाप का बाप २ जी का नामान्तर | पिंडनं पिड (४० ) पिण्ड बनाना । ( पु० ) १ पुल । २ ढीला | विंडलः पिण्डलः 5 पिंडस पिण्डसः ( पु० ) भिक्षुक फकीर। पिंडानः

} ( पु० ) लोवान। गूगल

पिंडार: 21 पु० ) साधु । भिखारी | २ गाय पिण्डारः ) चराने वाला ग्वाला ३ भसे वाला। विकत वृक्ष । ५ एक प्रकार की धिक्का- रामक सूचना | चराने पिंडिः, विण्डिः ) ( स्त्री० ) १ गोला। गेंद । २ पिंडी. पिण्डी लुगड़ी ३ पहिये के बीच का भाग | चक्रनाभि ३ टाँग की पिंडरी ४ अशोक वृक्ष । ५ ताद विशेष पुष्पः, ( पु० ) अशोक वृत शूरः, ( पु० ) १ घर में बैठे ही बैठे यहादुरी दिखाने वाला २ पेटू (स्त्री० २ पिंडली। १ माँस की गोलाकार सूजन। पिंडिका पिरिडका पिंडित ) ( वि० पिण्डित ) संघ- गुणा किया ) १ पिडी बनाया हुआ । २ सघन | धन | ३ ढेर किया हुआ । हीत ४ मिश्रित । २ जुड़ा हुआ हुआ ६ गिना हुआ शुमार किया हुआ। पिंडिन् १ (वि० ) श्राद्ध के पिण्डों को पाने वाला ! रिडिन् ) ( पु० ) निचुक २ पितरों को पिराड | देने वाला। पिंडिलः ) ( पु० ) विडिलः । गणक | पिंडीर } पिंडीर: । ( पु० ) पिण्डोर: । फेन पिंडोलिः पियडालिः पुल | टीला | २ ज्योतिषी | | ( वि० ) रसहीन | फीका सूला। अनार का वृक्ष | २ समुद्र- समुद्र का फैन पितृ ( पु० ) पिता |

पिनरौ ( द्विवचन ) पिता माता दाखदैन ।

( खी० ) जुठन | तिल या सरसों की खली २ शिला- ३ सिहलक शिलारस । ४ पिण्याकं पिण्याकः जीत केसर जानू ५ हींग पितरः (पु० बहुवचन पुर्वपुरुष पुरखा। पिता २ पितृकुल के पितर ३ पितृगण - अर्जिन, ( वि० ) पिता द्वारा पैदा किया हुआ। पैतृक ( सम्पत्ति ) | -कर्मन, ( पु० ) कार्य (न०) -कृत्यं ( न० ) किया, (सी० ) आद कर्म /---काननम् (न० ) कयगाद | श्मशान घाट-कुल्या ( स्त्री० ) महब से निकलने वाली एक नदी-गणः, ( पु० ) पितृगण | गृहं, (न० ) ३ पिता का घर । मायका २ श्मशान | कागाह मस्तान घातकः- घातिन् ( पु० ) पितृहत्यारा पिता को मारने बाला-मर्प (म० ) पितरों को जलदान । २ तिल । - निधिः ( स्त्री० ) अमावास्या | तीर्थ, (न० ) १ गया तीर्थ २और तर्जनी के बीच का इमेली का स्थान-दानं, ( न० ) पितरों का श्राद्ध या आब सम्बन्धी दान-दायः, ( पु० ) बपौती पिता से प्राप्त सम्पत्ति या धन-दिनं, (न० ) अमावास्या | -देव, (वि० ) पितरों के अधिष्ठाता देवता। अग्नेष्वातादि पितृगण - देवाः, (पु० ) पितृ- देव-दैवत, (थि० ) पितरों के अधिष्ठाता देवता । -दैवतं, (न० ) मघा नक्षत्र ---द्रव्यं. ( न० ) बपौती। पिता से प्राप्त सम्पत्ति · ( पु० ) १ पितर की थोर के लोग | पिता के सम्बन्धी पितृकुल स्थारियन का कृष्णा पत्र-पतिः, (पु०) यमराज का सामान्तर -- पदं, (न० ) पितृलोक पितृ, ( पु० ) बाप का बाप । बाया-पुत्रौ ( हि० ) पिता और पुत्र-पूजनं, (न० ) पितरों की चर्चा - पैतामह, (वि० ) [ सी०-- पैतामही ] पैतृक । परम्परागत। -- पैतामहाः, ( बहुवचन ) पुरखे। -प्रसूः ( स्त्री० ) १ वादी । बाप की मा पितामही २ सन्ध्या प्राप्त ( वि० ) १ १ पिता से प्राप्त । पुरुखों से प्राप्त। -बन्धुः सं० श० को० ६४