परिशुष्क परिशुष्क ( च० क्र० ) १ भनी नोति सूखा हुआ २ कम्न्नाथ हुआ। अन्तरान पाया। सेावला। परिशुष्क (न० ) एक प्रकार का परिशून्य (वि० ) १ वि खाली २ नितान्त खाकीन पूर्णतः चश्चित या रहित । परितः (पु० ) उत्सुक आत्माएं। परिरेषा १ ( पु० ) १ बचा हुआ अवशिष्ट २ अवसान । समाप्ति । सम्पूर्णता | ३ परीरेपाः अतिरिनारय। परिणाध: परिशोधन (न० ) ४८४ ) परिसर्पणम् परिक्रिया (खी० ) सजावट | शृङ्गार | शोधन | परिटोम ( पु० ) १ हाथी की रंगीन फूल ! २ हुआ माँस। | परिस्तोमः । आच्छादन । परिष्यंदः परिष्यन्दः ) ( पु० ) १ अनुचरवर्ग । परिस्पंदः परिरूपन्दः १२ पुष्पों से केशों का शृङ्गार ३ श्राभूषण या सजावट का कोई भी उपस्कर । ४ धड़कन सिसफत गति | २ रसव ६ ( ( पु० ) ) १ सफाई। स्वच्छता । ३ त्यागना | बुड़ावा । चुक्ता करना | [क्रिया 1 परिशीयः ( पु० ) सम्पूर्ण रूप से सुखाने या भूनने की परिश्रमः (g०) श्थकावट | क्लेश | पीड़ा | २ उद्यम || श्रयास। श्रम महनत । परिश्रमः ( पु० ) १ सभा २ आश्रम आश्रयस्थल | परिश्रयः ( पु० ) सभा परिषद् २ आश्रम रचा- स्थान । परिश्रांतिः । (स्त्री०) १ थकावट आया। परिश्रम । परिभ्रान्तिः केश | मेहनत उद्योग | 1 परिष्कं परिस्कं । ( न० ) दूसरे का पाला हुआ। टमा कुचलना। परिष्वक ( व० कृ० ) चिपटाया हुआ गले लगाया हुआ। आलिङ्गन किया हुआ। परिवंगः परिव} ( पु० ) १ आलिङ्गन । २ स्पर्श । मेल । परिसंवत्सर (वि० ) पूरे एक वर्ष का परिसंवत्सर ( पु०) एक पूरा वर्ष परिसंख्या ( स्त्री० ) १ गणना | गिनती | २ जोड़ । मीज़ान | कुल संख्या ३ एक अर्थालङ्कार विशेष | परिसंख्यात ( व० कृ० ) गिना हुआ। गणना किया हुधा विशेष रूप से बतलाया हुआ। परिसंख्यानम् ( न० ) १ गणना। गिनती शुमार । जोड़। संख्या २ विशेष निर्देश ३ यथार्थ निर्णय उचित अनुमान या तग्रमीना। 1 परिसन्चरः } ( पु० ) महाप्रलय । परिसमापन परिसमाप्तिः परिश्लेषः (पु० ) थालिङ्गन । परिषद् ( स्त्री० ) १ सभा मजलिस। २ धर्मसभा | परिषदः ) परिषद्यः । ( go ) सभासद | परिषेकः पु० ) परिषेचनम् ( म० ) छिड़कना नम करना। } { स्त्री॰ ) सामाप्ति । सृावमा । परिष्का परिष्कल 5 परिष्करणः { वि० ) दूसरे का पाला पोसा हुआ। | परिसमूहनं ( म० ) १ ढेर । विशेष ढंग से अग्नि के ( पु० ) पोष्यपुत्र। वह बालक जिले चारों ओर का जब का काव परिष्कन्नः किसी अपरिचित मनुष्य ने पाला पोसा | परिसरः ( पु० ) १ किनारा | सीमा सामीप्य । २ 1 पढ़ोस । नैकव्य। स्थान । ३ चौड़ाई ||४ मृत्यु ५ नियम आज्ञा परिष्कन्दः (०) पेरप्यपुत्र । २ नौकर | परिसरणम् ( न० ) इधर उधर घूमना फिरना। परिष्करः (दु० ) शृङ्गार सजावट आभूषण | २ | परिसर्पः ( पु० ) १ इधर उधर जाना या घूमना २ 1 तलाश में जाना। अनुसरण करना पीछा करना । ३ घेरा हाता 1 पाचन क्रिया ३ संस्कार । धारम्भिक संस्कारों द्वारा पवित्र करने की क्रिया ४ सामान (सजवाट का ). परिष्कृत ( व० कृ० ) शृङ्गारित | सजा हुआ । २ पकाया हुआ ३ धारम्भिक संस्कारों से शुद्ध किया हुआ। परिसर्पणम् ( न० ) : हिलना | रेंगना ! २ इधर उधर दौड़ना इधर उधर भागना। चलते फिरते रहना।
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