पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४५५

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नील किया करते थे । २ किमी देवत' की भारती उतरना दीपदान | आरती । बाल (वि० ) [ स्वी०-नीला, नीलो ] १ नीला | २ नील से रंगा हुआ :-अङ्गर ( पु० ) सारस पोञ्जनम्, (न० ) सुर्मा 1-अञ्जना, -अजसा, (श्री० ) विजली | विद्युत /- 10 - अजं, प्रबुजं, अम्बुजन्मन् ( म० ) | नीवरः (पु० ) १ व्यवसाय | व्यापार । २ व्यवसायी । ३ साधू । संन्यासी ४ कीचड़ | उत्पलं, (न० ) नील कमल-अभ्रः, (पु० ) 1 8 कालीघटा। -अन्वर (वि० ) भीलवस्त्र पहिने | नीवरं ( न० ) कीचड़ | हुए श्रम्बरः (पु० ) १ राक्षस दानव १२ शनिग्रह ३ बलराम - (पु० ) तड़का | भोर-घश्मन् ( 50 ) नीलम रत्न :- कराठः, ( पु० ) १ मयूर मोर | २ शिव । ३ नीलकण्ठ ४ कुक्कुट विशेष २ खञ्जन पची। ६ गौरैया ७ मधुमक्षिका केशी (स्त्री० नील का पौधा । -ग्रीक, (पु० ) शिव जी - छदः, (पु० ) १ चुहारे का पेड़ २ गरुड़ |-- तरुः ( पु० ) ताइवृक्ष तालः, ( पु० ) तमाल वृपः, (पु० ) -पङ्कम, (न०) अन्धकार (-पटलं (न० ) काली परदा या काला उधार धंधे की आँख पर का काला जाला। नीविः ) (स्त्री०) कमर में लपेटी हुई धोती की वह नोत्री गाँठ जिसे स्त्रियाँ पेट के नीचे सूत की डोरी 1 से या योंहीं बाँचती हैं। फुफुंदी | नारा । इजार- बंद | २ पूंजी बारदाना। ३ होड़ | दाँव । नीवृत् (पु० ) कोई भी आवाद स्थान | नीम ( वि० ) देखो नीघ्र | --(पु० ) बाजपही नीशार: (पु० ) १ गकपड़ा। कंबल २ मसहरी । 1. ( श्री० ) १ नील का पौधा | २ अलसी | ३ कनाल | सः, ( पु० ) मधुमक्षिका चन्द्रमा २ वादल ३ महिः, रत्नं, (न० ) नीलम | - मीलिक ( पु० ) जुगन् । खद्योत मृत्तिका ( म० ) पुष्पकसीस। | कालीमिट्टी | -राजिः, ( स्त्री० ) कालिमा की रेखा । घनान्धकार / ~~लोहितः, ( पु० ) शिव जी लर्क ( म० ) १ काला नोंन । २ नीला ईस्पात लोहा। वर्त्तलौह बीदरी लोहा ३ नीलाथोथा। तूतिया । रेलकः ( पु० ) काले रंग का घोड़ा । गेलं मीलङ्गः ( पु० ) मी: (०). लिका ( खो० ) १ नील का पौधा । लिमन् ( पु० ) नीला रंग कालापन। नीलापन एक कीट विशेष | मुद् A मक्खी। राग विशेष - नीली स्त्री० ) १ नील का पाधा । २ नीले रंग की • राग, ( वि० ) अनुराग में-- रागः, (30) 8 प्रेम जो नील के रंग की तरह पका हो या जो कभी न छूटे। अटल प्रेम २ पमित्र /~-सन्धानं, ( २० ) नील का खमीर | नीवाकः (पु०) १ मँहगी के समय अनाज की बढ़ी हुई माँग | ३ अकाल दुष्काल | नीवारः (पु० ) वे चावल जो विना जोते योये अपने आप उत्पन्न हो । पसाई के चॉवल । तिनी के चावल। मुन्यन्न । मुनियों के खाने का अनाज विशेष | नीहार: ( पु० ) ३ फोहरा। कुदासा श्रोस । पात्रा २ भाड़ा] | मलमूव । नु (अव्यया० ) सन्देह | अनिश्चितता सूचक अव्यय । यह सम्भावना और अवश्य के अर्थ में भी प्रयुक्त होता है। नु ( धा० पर० ) [ नौति, प्रणौति, नुत, ] प्रशंसा करना सराहना करना। सारीफ करना । सुतिः (स्त्री०) १ प्रशंसा तारीफ | विरदावली २ पूजन अर्चा । } जुद् ( धा० उभ० ) (जुदति, नुक्ते-सुत्त या सुन्न, प्रति) १ धक्का देना। हाँकना | रेखना । ठेलना । २ उत्तेजित करना। बतलाना | आग्रह करना। ३ हटाना। भगा देना फेंक देना ४ भेजना | दालना ।