पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४४४

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निर्धत निर्धत (व० १०) १ दिलाया हुआ हटाया हुआ। २ त्यागा हुआ अस्वीकृत ३ यक्षित किया हुआ | ४ बचाया हुआ | २ किया हुआ। निति ( च० कृ० ) १ हुआ चिकनाया हुआ। निर्बंधः ) ( पु० ) १ जिद्द | हठ २ कड़ी माँग निर्बन्धः ) आवश्यकता : ३ दुराग्रह | ४ दोपारोपण || २ मतगड़ा| विवाद | निर्वहंण ( देखो निवर्हण ) धोया हुआ। २ चमकाया निर्भट (वि० ) हड़ मज़बूत संगत। निर्भत्सनम् ( म० ) 11 धमकी | डॉट उपट | २ निर्भत्सना ( स्त्री० ) ) कुवाग्य । गाली । फलङ्क | अदनामी । ३ विद्वेष बुद्धि। द्रोह भाव | ४ लाल | ( ४३७ ) खण्डन किया हुआ ६ नष्ट | निर्मुक (०) रंग | लाख । निर्भेदः (पु०) १ फट पड़ना । विभक्त होना । ( बीच से ) चिरना ! २ चीरना | फाड़ना । ३ स्पष्ट कथन | ४ नदीगर्भ | ५ किसी बात का ड़ निश्चय | निर्मथ: ( १० ) निर्मूथनं (न) निर्मथ:-निर्मन्यः ( पु० ) निर्मथनम्-निर्मन्थनम् ( न० ) १ रगड़ | मंथन | मथने को किया । गढबढ़ करने की किया। २ भाग प्रकट करने को या मथने को दो काडों को ग्रामस में रगड़ना। निर्मूथ्य ) ( वि० ) १ गड्ढ़यड्ड करने या मथने निर्मन्थ्य ) का | २ सगड़ कर उत्पन्न करने का। निलु चनम् निलुञ्चनम् निर्मिति ( खी० ) उत्पत्ति पैदावार बनावट | कोई भी कारीगरी की वस्तु । ५ इत्या वध | निर्यातनम् (न० ) बदला चुकाना ( धरोहर का धनी को ) पुनः सौपना २ ऋण चुकाना | ३ दान भेंट प्रतीकार। बदला । वैरनियतन। [ मौन । नियतिः ( स्त्री० ) 1 बहिर्गमन प्रस्थान २ मृत्यु | नियमः (पु०) मरलाह । कर्णधार नाव खेने पाला। बनाने की निर्यास ( न० ) ) १ वृक्षों का चिपचिपा रस । ४ सृष्टि || निर्यासः (पु० ) ) गौद। राल । २ सार | काड़ा | काथ। ३ कोई गाड़ी तरल वस्तु । निर्मथ्यम् | ( न० ) धाग पैदा करने के लिये अरणी निर्मन्यम् | ( काठ की लकड़ियों) निर्माण ( न० ) १ नापने की किया । २ नाप | पहुँच । विस्तार | ३ उत्पन्नकरण क्रिया | गढ़ने या ढालने की क्रिया 1 २ शक्ल आकार बनावट ६ इमारत। निर्माणा ( स्त्री० ) योग्यता उपयुक्तता सुघड़ता। निर्माल्यम् (न० ) १ शुद्धता स्वच्छता | बेदाग़- देवार्पित छोड़ा हुआ मुक्त किया हुआ। आज़ाद किया हुआ) २ सांसारिक मोह समता से छूटा हुआ पृथक् किया हुआ | निर्मुक्तः (पु० ) वह साँप जिसने हाल ही में कैली दगी हो। [ नाश करना | निर्मूलनम् (२०) जड़ से उखाड़ डालना । जड़ से निर्माण ( ० ० ) धोया या पौंड़ा हुआ। रगड़ कर साफ किया हुआ। निर्मकः ( पु० ) मुक्तकरण | आज़ाद कर देने की क्रिया | २ चमड़ा | धर्म जाल | कैजुली || कवच | ४ प्रकाश वायुमण्डल | निर्मोत्तः ( ० ) पूर्वमा जिसमें एक भी संस्कार न बच रहे । निर्मायनम् ( न० ) मुक्ति : मोद्य । निर्याणम् ( न० ) बाहर निकलना । २ यात्रा | रवानगी । प्रस्थान | ३ वह सड़क जो किसी नगर बाहर की ओर जाती हो । ४ अदृश्य होना । गायव होना। ५ शरीर से आत्मा का निकलना। मृत्यु | ६ मोक्ष मुक्ति परमानंद । ७ हाथी के आँख का बाहिरी कोना पशुओं के पैरों में बाँधने की रस्सी। निर्यूहः ( पु० ) १ कलस | बृज्जा | गौख | २ मुकुट | कलगी। शिरोभूषण । ३ खुटी । ४ द्वार। फाटक | २ रस | काय | पन | २ देवता को चढ़ायी हुई वस्तु घस्तु ३ ३ चढ़े हुए फूल । देवता पर से उतारे हुए|नि खनम् } (ज०) खींच कर उखाड़ लेना 1 हुए निलञ्चनम्