पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/४३५

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निपाडना 1 निपाडना (स्त्री० ) अत्याचार | चाद। निपुण ( दि० ) चतुर तीन पटु कावित | ३ अनुभवी ४ दयालु या रखने वाला | २ तीण सूक्ष्म सम्पूर्ण पूरा ठीक ठीक निगम (धन्य ) १ निपुणता से निपुणेन / चतुराई से २ सम्पूर्णतया त्यों ठीक ठीक । निवद्ध ( ० ) 1 वन्धन में पड़ा हुआ हुआ। रोका हुआ पेंद्र किया हुआा रखे हुए | ३ बना हुआ साही देने को बुलाया हुआ। निबंधः ) ( पु० ) 1 बंधन २ ( मकान ) बनाना । निवन्धः | ३ रोक थाम ४ बंधन बेड़ी ५ पट्टी || बड़ा हुआ। भू- 1 सहारा ध्रुवलम्ब ६ अधीनता सम्बन्ध । ७ कारण। उपादान कारण आधार | उद्देश्य | नीव | म स्थान | आधार ६ रचना । प्रवन्ध । व्यवस्था १० साहित्यिक रचना | निबन्ध | १३ सद्वृत्ति | १२ बीणा की खूँटी / १३ वाक्यरचना | १४ ढीका | ! 1 ( ४२८ ) निमीलनम् ८ हल्का हरविचार का | ६ एकान्ती । मुदा हुआ। मैत्री भाव | निभूतम् (अन्यया० ) चुपचाप । गुपचुप गुप्त रीति २ योग्य अकेला १० पद कोमल ६ से। विना जनाये हुए। हुया हुआ। सना हुआ । लिस २ नीचे बैठा हुआ अस्त हुआ। ३ छिपा हुआ | निभालनम् (न० निभूत ( वि० ) बीता हुआ। पड़ता से । ३ व्यों का बेड़ी में पथर निबंधनी (स्त्री० ) बंधन। रस्सी धेड़ी। निवन्धनी {} निर्ध निवर्ह (वि० ) नाशक । विनाशक | शत्रु | निवर्हाम् निवर्हगम् । (न०) वध | हत्या | नाश । विनाश । निविड ( वि० ) १ घना | घनघोर २ गहरा । ३ दयी या चपटी नाक वाला। निभ ( वि० ) समान । तुल्य बराबर। सदश | निमं (न० ) (१ प्राकव्य प्रादुर्भाव २ मिस निभः ( पु० ) ) बहाना। ३ चालाकी । धोखा। 1 २ सम्बन्ध | ) देखना | पहचानना । अत्यन्त भीत। २ गया गुजरा। निभूत, (वि०) रखा हुआ जमा किया हुआ नीचा किया हुआ। २ परिपूर्ण । ३ छिपा हुआ । गुप्त | २ शान्त । चुप । खामोश गतिहीन ६ नम्र । कोमल | ७ विनीत | विनम्र । . निमग्न (च० कृ०) १ १४ दवा हुआ। अप्रधान निमज्जथुः (पु० ) १ डूबने की सेज पर पड़ कर सेना | निमज्जनम् ( न० ) स्नान | डूचना | क्रिया | २ सोना । अवगाहनस्नान | निमंत्रणम् (न०) : बुलावा । २ हाज़िर होने की आशा ३ उपस्थित होने का आज्ञापत्र निमयः (पु०) अदलाबदली। एक चीज़ के मूल्य में दे कर, दूसरी चीज़ खरीदना । निमानं ( न० ) १ भाव | २ मूल्य निमिः ( ० ) १ (ख) भपकाना | मटकाना | २ इष्वाकुवंशीय एक राजा का नाम जो मिथिला राजवंश का पूर्वपुरुषा निमित्तं ( न० ) १ हेतु कारण | २ चिन्ह | लक्षण। ३ शकुन लक्ष्य / सगुन ४ उद्देश्य फल की तरफ प्रावृत्तिः, ( स्त्री० ) किसी विशेष कारण पर निर्भर कारणं, (न० ) -हेतुः, ( पु०) वह कारण जिसकी सहायता या कर्तृत्व से कोई वस्तु बने।कृत् (५०) काक । कौशा धर्मः, (४०) प्रायश्चित्त । धार्मिक विधि जो कभी कभी की आयचिद् (दि. ० ) शकुनों का शुभाशुभ फल जानने वाला ( पु० ) ज्योतिषी | निमित्तं । निमित्तेन ववजह ! क्योंकि निमित्तात् निमियः ( पु० ) १ आँख झपकाने की किया। आँखें बंद करने की क्रिया २ पलक मारने भर का समय | पल। क्षण ३ फूलों के मुंदने की किया ४ पलकों के खुलने और बंद होने की क्रिया । २ विष्णु । 1 | अचञ्चल अचल | निमीलनम् ( न० ) १ पलक झपकाना। २ निमेष । २ मरण | ३ सर्वग्रास ग्रहण