( ३२७ द्वि (५०) ॐद | - गु. (वि०) दो गाय के बदले में प्राप्त । -गुः ( पु० ) तत्पुरुष समास का एक थवान्तर भेद जिसमें प्रथम शब्द संख्यावाची होता है। -गुण, (वि०) दूना । दुगना |गुणित, १ दूना किया हुआ। दो से गुणा किया हुआ । २ दुहराया हुआ। दो पत्तों में किया हुआ | ३ लपेटा हुआ। ४ दूना वड़ाया हुआ दुगुना किया हुआ। -चरण, (वि०) दो पैरों वाला ।—बन्वारिंश, (वि०) [ = द्विचत्वारिंश, या द्वाचवारिंश, ] ४२ वाँ । चत्वारिंशत् (स्त्री०) (द्विचत्वारिंशत् या द्वाचत्वारिंशत्,) ( स्त्री० ) ४२ | बयालिस - जः, ( पु० ) १ दो बार उत्पन्न हुआ। ब्राह्मण क्षत्रिय और वैश्य ब्राह्मण जिसमें समस्त संस्कार हों। २ पक्षी सर्प । म यदि कोई भी अण्डज जन्तु | ३ दाँत । -जराजः, (पु०) १ चन्द्रमा २ गरुड़ | ३ कपूर - राजब्रुवः, -राजवन्धु, (पु०) १ केवल जन्म का ब्राह्मण किन्तु ब्राह्मणो चित्त कर्मों से रहित । २ ब्राह्मण बनने का दावा रखने वाला मनुष्य ! बनावटी ब्राह्मण । -जन्मन् - जातिः, पु०) १ प्रथम तीन वर्षों में से कोई भी हिन्दू । २ ब्राह्मण ३ चिड़िया | ४ दाँत - जातीय, (वि०) प्रथम तीन वर्गों से सम्बन्ध युक्त। --जिह्वः, (पु०) १ सर्प २ चुगलखोर | कहानी कहने वाला । ३ कपटी मनुष्य 1 - त्रिंश, ( द्वा- त्रिंश) ( न० ) १३२ वाँ। २ बत्तीस का !- त्रिंशत्, [ द्वात्रिंशत्,] ( स्त्री०) ३२ | - दण्डि, (अव्यया- ) डंडे से डंडा--दत् ( वि० ) दो दाँतों वाला 1- दश. ( वि० ) २० | बीस |-- दश, (वि०) [ द्वादश] १ बारहवाँ | २ बारह से दना हुआ। -दशन्, [द्वादशन्.] (वि० बहुव० ] १२ बारह । अंशुः (पु० ) १ बुध । २ बृहस्पति । -आयुस ( पु० ) कुत्ता -दशी, [द्वादशी] तिथि विशेष ।-देवतं, (न०, विशाखा नक्षत्र -- देह. ( पु०) गणेश | धातुः, (पु०) गणेश | -नवत, (वि०) ३२ वे । - नवतिः ( स्त्री० ) १२ / -पः, ( पु० ) हाथी । -पक्षः, ( पु० ) १ चिड़िया | २मास । – पंचाश, (वि०) २२वाँ । पश्चाशत् (स्त्री०) २२१-पथं, (न०) दो मार्ग | ३ २ ) वि
- पदः, (पु०) दो पैर का आदमी । -पादिका, -पदी (स्त्री०) छन्द विशेष - पादू,- पावः, १ दो पैर का आदमी | २ पक्षी | ३ देवता 1- पाद्यः, -पाद्यं, (न० : हरी सजा-पायिन, (पु०) हाथी । —विन्दु:. (पु०) विसर्ग / भुजः, ( पु० ) कोण । --- भूभ, (वि०) दोमंजला /- मातृ, मातृतः, (पु०) १ गणेश | २ जरासन्ध राजा ।-मार्गी (श्री० ) चौराहा 1- मुखा, ( स्त्री० ) जौंक /-रा, (पु० ) भौंरा । - रदः, ( पु० ) हाथी । -रसनः, (पु० ) सर्प । --रात्रं, (न०) दो रात-रूप, (वि०) १ दो रूप वाला | २ दो रंग का। - रेतस्, (पु०) खच्चर । रेफः, (पु०) भौरा । - वजकः ( पु० ) १६ काया सोलह पहल का घर विशेष! -वाहिका. (स्त्री०) - हिंडोला, 1- विंश, [ द्वाविंश, ] ( वि० ) बाइसवाँ। –विंशतिः, [द्वाविंशतिः ] / स्त्री० ) बाइस। -विध, (वि० ) दो प्रकार का - वेशरा, ( स्त्री० ) एक प्रकार की हल्की गाडी जिसमें खच्चर जोते जाते हैं। -रातं, ( न० ) १ दो सौ । २ एक सौ दो 1- शत्य, (वि०) दो सौ मूल्य का था दो सौ में खरीदा गया । – शफ, (वि०) घिरा हुआ सुम या खुर । - शफः, ( पु० ) खुर वाला कोई भी जानवर । - शीर्षः, (पु० ) अग्नि । - षष, ( वि० ) दो बार ६, यानी १२ । - [= द्विप द्वाषट ] यासठवाँ - पछि ( स्त्री०] ) [+ द्विपट्टिः, द्वापरिः ] बासठ । - सप्तत, [+द्विद्वा-सप्तत, ] (वि०) बहत्तरवाँ । -सप्ततिः, (स्त्री०) [+द्वि, द्वा सप्ततिः, बहत्तर । --सप्ताह:, (पु०) एक पक्ष या पखवारा। - सहस्र - साहस्र, (वि०) २००० से युक्त | सहस्रं, - साहस्रं, (न०) दो हज़ार i--सीत्य, -हल्य, ( वि० ) दो प्रकार से जोता हुआ । अर्थात प्रथम लंबान में दूसरी बार चौड़ान में 1-- सुवर्ण, (वि०) दो मोहरों में खरीदा हुआ या दो मोहरों के मूल्य का । —हन्, ( पु० ) हाथी । - हायन, वर्ष, (वि०) दो वर्ष पुराना या दो वर्ष की उम्र का। -हीन, (वि०) नपुंसक लिङ्ग