पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३८८

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

दुखम् चिन, (वि० ) १ सात कडा पीडित दुःखी । -प्राय, बहुत, ( वि० ) दुःखों से | परिपूर्ण 1- भाजू, (वि० ) दुःखी । - लोकः, ( पु० ) सांसारिक जीवन जो दुःखपूर्ण है। - शोल, ( वि० ) कठिनता से काबू में किये जाने वाला | दुष्ट स्वभाव का | चिड़चिड़ा | दुःखम् ( न० ) १ दुःख रंज पीड़ा फष्ट । २ मुसीबत | कठिनाई । दुःखित ) ( वि० ) [ स्त्री० - दुःखिनी] पीड़ित दुःखिन् । सन्तप्त । दुःखी । २ बापुरा | कष्टी । अभागा : दुकूलं ( न० ) रेशमी मिहीन वस्त्र दुपट्टा दुग्ध (वि० ) बुहा हुआ । दूध निकाला हुआ। खींचा हुआ। निकाला हुआ -श्र, ( न० ) -- तालीयं, ( न० ) मलाई :- पाचनम्, ( न० ) दुधैड़ी जिसमें दूध गर्माया जाता हो । --पोष्य, (वि० ) माता का दूध पीने वाला (बच्चा ) 1-समुद्रः ( पु० ) क्षीरसागर । दुग्धम् ( न० ) १ दूध | २ क्षीरवृक्षों का दूध जैसा रस । ( ३८१ ) दुध ( वि० ) १ दुहने वाला देने वाला। हुधा (स्त्री० ) दुधार गो 1 ढुंडुक | दुराडुक) (वि०) बेईमान। दुष्ट हृदय का। जालसाज़। दुद्रुमः (पु०) हरा प्याज्ञ । गुदमः } ( पु० ) डोल ! नगाड़ा । हुंदु: ) ( पु० ) एक प्रकार का ढोल । २ कृष्ण के दुन्दुः ) पिता वसुदेव का नाम । दुंदुभ: पु० स्त्री० ) ढोल विशेष | ( पु० ) १ दुन्दुभः विष्णु । २ कृष्ण | ३ विष विशेष । ४ एक दैत्य जिसे वालि ने मारा था। दुंदुभिः ) ( पु० स्त्री० ) बड़ा ढोल | नगाड़ा । (पु०) दुन्दुभिः | विष्णु | २ कृष्ण | ३ विषविशेष ४ दैत्य जिसे वालि ने मारा था। (अव्यया० ) एक उपसर्ग जो दुस्, के बदले उन शब्दों में लगायी जाती है, जो स्वर या ह्रस्व व्यसनों से आरम्भ होते हैं। इसका प्रयोग "बुरे" "कठोर" या "दुरूह" के अर्थ में किया जाता है। यक्ष, दुर् ( 1 ( वि० ) १ कमजोर आँख वाल २ बुरे नेत्रों बाला।अतः, ( पु० ) कपट के पाँसे- अनिकम, (बि० ) दुस्तर । जिसका नाँधना या पार होना कठिन हो । २ अजेय | ३ प्रनि- वार्य । -प्रत्यय ( चि० ) देखो अतिक्रम - अन० / भाग्य बुरी किस्मत - अधिग, -अधिगम, (वि० ) १ अप्राप्त । २ २ जो कठिनाई से मिल सके । ३ कठिनाई से समझ में आ सके |-अधिष्ठित ( वि० ) बुरी तरह किया हुआ दुर्व्यवस्थित अध्यय (वि० ) १ कठिनता से प्राप्त करने योग्य । २ अध्ययन करने के लिये अत्यन्त कठिन अध्यव साय:, ( पु० ) मूर्खता पूर्ण व्यवसाय या कार्य । -अध्वः, ( पु० ) बुरा मार्ग 1 -अन्त, (वि०) १ अनन्त । अन्तरहित । जिसकी समाप्ति पर पहुँचा ही न जा सके। २ परिणाम में दुःखदायी | --अन्वय, ( दि० ) कठिनाई से पीछे चलने योग्य | २ कठिनाई से प्राप्त करने या समझने योग्य – अन्वयः ( पु० ) भ्रमपूर्ण परिणाम या फल । -- अभिमानिन्, (वि० ) अनुचित अभिमान करने वाला 1-अवगम, ( वि० ) समझ में न आने योग्य व्यवग्रह ( वि० ) कठिनाई से वश में लाने योग्य । - अवस्थ, ( वि० ) दुर्दशाग्रस्त 1- अवस्थ, ( स्त्री० ) दुर्दशा ।—प्राकृति, (वि०) बदसूरत | कुरूप | -आक्रम, ( वि० ) अज्ञेय । न जीतने योग्य (०) १ अनुचित चढ़ाई | २ दुरूह स्थान। -श्रागमः, ( पु० ) अनुचित या शास्त्र विरुद्ध उपलब्धि | आग्रहः (पु० ) मूर्खता पूर्ण हठ | जिद्द /- प्राचर, ( वि० ) कठिनाई से पूर्ण होने वाला । प्राचार. ( वि० ) दुष्ट आचरण वाला । दुष्ट । प्राचारः, ( पु० कुत्सित पद्धति । दुष्टता । आत्मन, ( पु० ) दुष्टात्मा पानी। बदमाश । - श्राधर्ष, (वि० ) १ दुरतिक्रम | दुरुह । २ जिस पर आक्रमण न किया जा सके । ३ क्रोधी । आनम, ( वि० ) कठिनता से झुकाने या खींचने योग्य प्राप, ( चि० ) कठिनाई से प्राप्तण्य 1- धाराव्य,