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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३५१

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डामर डामर (वि०) १ भयानक भयङ्कर | २ विज्ञवकारी उपवधी ३ मनोहर सुस्वरूप | डामरः ( पु० ) १ कोलाहल । चीत्कार। उपद्रव | २ | डिंभ ) ( पु० ) 1 यथा । २ जानवर का बच्चा ३ किसी उत्सव या लड़ाई भगदे के समय होने वाला | डिम्सः मूर्ख। मूढ । चीस्कार था कोलाहल ( ३४४ ) विका इिंडिमः ) डिरिडमः ) } टहलुआ। डिंगर: ) ( पु० ) ३ नौकर चाकर डिङ्गरः ) २ गुरडा । बदमाश | धोखेवाज़ | ३ नीच "जाति का आदमी। ( पु० ) दोलक | ढोलकी डालिम: ( पु० ) वाडिय। अनार । डाइजः (बहु० पु० ) एक देश विशेष और उस देश | डी ( धा० आम० ) [ डयते, डियते, डीन ] १ के अधिवासी । उड़ना २ जाना। ढौकन डा} (सी० ) औरत । २ बबूला । संस्कृत वा नागरी वर्णमाला का चौदहवाँ व्यञ्जन वर्ग का चौथा वर्ण। इसका उच्चारण स्थान मूद्र है। ढक्का (खी० ) बड़ा ढोल । ढामरा (स्त्री० ) हंस । ढालं (२०) बाल । ढालिन् (पु० ) डालधारी योद्धा | डिंभकः । ( पु० ) [ स्त्री० - डिम्भिका] वा डिम्भकः | २ जानवर का बच्चा ढ डिडीरः,डिरिडरः डिझडीरः } ( 3० ) समुद्रफेन । डिमः ( पु० ) दस प्रकार के नाटकों में से एक। मद्रासाओपाइभ्रान्तादिष्ठिः । उपरागदप भूयातोऽसिवृत्त | डिवः ) ( पु० ) १ भगड़ा | टंटा | २ भयभीत होने डिम्ब पर किया हुआ शब्द | ३ बचा ४ अण्डा डण्डुमः ( पु० ) निर्विध सर्प विशेष २ गोला था गेंद। श्राहकः, ( पु० ) -- युद्धम् | डलिः (स्त्री० ) छोटा कछुवा । ( न० ) मूला युद्ध । विना हथियारों की लड़ाई। डीन ( ३० कृ० ) उड़ा हुया डोनम् (न० ) पक्षी का उड़ान पक्षियों के उदान १०३ प्रकार के होते हैं। इन उड़ानों के भेदों के योतक उपसर्ग डीन में लगाने से उस उस उड़ान का बोध होता है । यथा :--" अवडीनं”, उड्डीनं", "प्रडीनम् ", अभिडीनम्", "विडोनम्", "परिडीनं" "पराडीनं" आदि ।

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डेमः ( पु० ) डोम अत्यन्त नीच जाति का आदमी। | इंदिः ढुंगिद ( पु० ) गणेश जी | ढौलः ( पु० ) बड़ा ढोल । ढौक् (धा० आत्म० ) [ ढौकते, ढौकित] जाना। समीप जाना । ढौकनं (न० ) १ भेंट चढौती । २ घूंस ।