जामित्र ( ३३५ I पुत्रवधू ४ निकट की स्त्री नातेदारीन । २ सती साध्थी स्त्री | शामित्रं (न० ) लग्न से साववों घर या जन्मलग्न से ७ वीं लग्न | 1 जामेयः ( पु० ) भाँवा । बहिन का पुत्र । जाम्बवन् (२०) १ सुवर्ण सोना २ जामुन फल । जांववं ) ( पु०) रीछों के राजा, जिन्होंने लंका पर जाम्बवत् थाक्रमण करने में श्रीरामचन्द्र जी की सहायता की थी। जाम्बीरम् | जाम्बीलम् } 1 जमीरी। नीबू विशेष | जाम्बूनदं ( न० ) १ सुवर्ण | सोना । २ सोने का आभूषण ३ धतूरा का पौधा । 1 - जाया (सी० ) श्री स्त्री को जाया कहने का कारण मनुस्मृतिकार ने इस प्रकार बतलाया है - पतिय सभ्यविश्य गर्ने भूत्वेद जायते । आयायास्वद्धि कायात्वं यदश्यां वापते पुनः अनुजीविन, (पु०) ब्राजीवः, ~मनुः (पु०) १ नट | नचैया | २ रगडी का पति ३ भिक्षुक । मोहताज | जायिन् (वि० ) [ स्त्री० - जायिनी] जीतने वाला। यशवर्ती करने वाला ! आयुः ( पु० ) १ दवाई | २ वैद्य। आरः (पु०) आशिक | वीर प्रेमी-जः, -जन्मन्, --जातः, ( पु० ) दोगला 1-भरा, (स्त्री० ) छिनाल औरत। जारिणी ( स्त्री० ) छिनाल औरत | जालं ( न० ) १ जाल | फंदा । २ मकड़ी का जाल । ३ कवच | ४ रोशनदान । खिड़की । २ संग्रह संख्या समुदाय ६ जादू । ७ माया । भ्रम म अनखिला फूल।-अक्षः, (पु०) सुराख | छेद। -कर्मन [ न० ] मछली पकड़ने का धंधा या पेशा ।-कारकः, (पु० ) १ जाल बनाने वाला । २ मकड़ी। गणिका (स्त्री० )- मथानो, पाद-पादः, ( पु० ) हँस 1-प्राया, (स्त्री० ) कवच | जरहयस्तर - जिज्ञासा माया भ्रम धोखा-मालिन् ( दि० ) अवगुण्ठित घूंघर | जालकिन ( पु० ) बादल । जालकिनी (स्त्री० ) भेड़ | जाकिः ( पु० ) १ माहीगीर | मनुषा २ बहे- लिया। चिदीमार | २ मकड़ी ४ सूबेदार ५ जाजिका (स्त्री० ) १ जाल | २ कवच | ३ मकड़ी बदमाश | गुंडा | ४ औंक | २ विधवा । ६ लोहाघूंघट ऊनी वस्त्र | ) जालिनी (स्त्री० ) तसवीरों से सुसजित कमरा । जन्म ( वि० ) [ स्त्री०- जाल्मी १ निष्ठुर नृशंस कड़ा। सग्रसर दुस्साहसी । अविवेकी । जाल्मः ( पु० ) 1 बदमाश गुंडा । २ धन- हीन। नीच । आल्मक (वि० ) [ स्त्री०- जाल्मिका ] 'घृणित । नीच | कमीना । जावन्यं (न०) १ गति | रफ़्तार | तेजी २ शीघ्रता | हड़बड़ी जाह्नवी (स्त्री) श्री गङ्गा जी । जि (धा० परस्मै० ) [ जयति, -जित ] १ जीतना। हराना वशवर्ती करना २ आगे बढ़ जाना। ३ जीतना (बाङ्गी या दाव ) 18 निग्रह करना | र विजयी होना । - जिः ( पु० ) पिशाच जिगनुः (पु० ) स्वॉस जीवन । जिगीपा (स्त्री०) १ जीतने की अभिलाषा । २ स्पर्धा | ३ प्रतिष्ठा मान । ४ पेशा। जिगीषु (वि०) विजयी होने का अभिलाषी । / जिघत्सा (वि०) १ भूखा । २ प्रयत्नशील | ३ सन्तुष्ट जिघत्सु (वि० ) भूखा । 1 जिघांसा ( स्त्री० ) वध करने का अभिलाषी । जिघांसुः ( पु० ) शत्रु | बैरी । जिवृक्षा ( स्त्री० ) ग्रहण करने या पकड़ने का अभिलाषी । [अंदाजन | जिघ्र (वि० ) महकदार आनुमानिक अंदाज़िया जालकं (न० ) १ जाल २ समूह | संग्रह ३ झरोखा खिड़की ४ कली अनखिला फूल ५ | जिज्ञासा ( स्त्री० ) ( किसी बात के ) जानने की इच्छा । 1 1 चूड़ामणि आभरण विशेषः । ६ घोंसला |७
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३४२
दिखावट