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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/३२६

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चिर ( अवस्थामा यतिव्यसो हनुमय बिमोषाः । कृपः परशुराम पहले चिरजीविनः # -पाकिन (वि० ) देर में पकने वाला - पुष्पः, (पु० ) वकुल वृष 1-मित्रं, (न० ) पुराना दोख-मेहिन, ( पु० ) गधा। रासभ चोटिल कान | ३ भयप्रद । घिनौना । हुआ । जिल्लाधारी । चपढ़ासधारी | २ दागा हुआ | ३ परिचित | खर ।-Srkris (सम्भाषणम्)-रात्रं, ( न० ) कई रात्रियों की अवधि | चिन्हित (वि०) १ निशान किया हुआ | मोहर लगा का काल दीर्घकाल । विप्रोषित, (वि० ) दीर्घकाल से निर्वासित । दीर्घ कालीन प्रवासी । -सूता, ( न० ) सूतिका, ( स्त्री० ) वह गौ जिसके अनेक बछड़े उत्पन्न हुए हों।- -सेवकः, ( पु० ) पुराना नौकर 1-स्थः, ( न०) - स्थायिन, ( पु० ) स्थित ( वि० ) टिकाऊ। बहुत दिनों चलने वाला। चिरं ( न० ) दीर्घ काल । चिरंजीव ( वि० ) दीर्घ जीवी। चिरञ्जीवः ( पु० ) कामदेव की उपाधि । चीत्कारः (go ) हाथी की चिंघार या गधे की रँक । चीनः ( पु० ) १ चीनदेश | २ हिरन विशेष | ३ वस्त्र विशेष प्रशुकम्, वाससू, (न० ) रेशमी वस्त्र | – कर्पूरः, ( पु० ) कपूर विशेष । - जं, ( न०, ईस्पात लोहा । ~ दिष्ठं, (न० ) १ सिन्दूर । इंगुर २ सीसा चङ्गम् (न० ) सीसा । चीनम् (न० ) १ झंडा | पताका २ आँखों के कोयों के लिये पट्टी विशेष| ३ सीसा | (स्त्री० ) यह विवाहित अथवा अवि- | बीनाः (पु० ) (बहुवचन ) चीन का राजा या चीन वाहित स्त्री जो जवान होने पर भी चिरिगटी दीर्घकाल तक अपने पिता के घर ही देशवासी । चिरठी चिरिंटी ३१३ ) चोष चिन्हं ( न० ) १ निशान | दाग़ | सोहर । निशानी । लक्षण | चपरास राशि | ४ लक्ष्य १ चिन्ह | दाग़ बिल्ला | २ चिन्हानी |३ दिशा – कारिन्, ( पु० ) | २ हनन । घायल करना । चिरन (वि०) [ स्त्री०~-चिरनी ] प्राचीनकालीन । बहुत पुरानी। चिरंतन } (दि० ) प्राचीन । बहुत पुरानी । चिरयति ) ( क्रि० ) देर करना । विलंब करना । चिरायते अटकाना। चिरिः (पु० ) तोता । चिरुः ( पु० ) कंधे के आड़ । चिर्भटी (स्त्री० ) ककड़ी विशेष । चिलू ( धा०प० ) [ चिलति ] कपड़ा धारन करना । चिलमिलिका । चीनाकः ( पु० ) कपूर विशेष । चोरं (न० ) १ चिथड़ा | धज्जी | २ छाल | ३ वस्त्र | ४ चौलड़ा मोती का हार २ धारी। लकीर । लेखन का विधान विशेष। खुदाई । नक्काशी । ७ सीसा ।— परिग्रह, वासिन्, (वि०) १छाल को ( वस्त्र के स्थान पर ) पहिने हुए | २ चिथड़े पहिने हुए । बिजली । चिल्ल ( धा० परस्मै० ) [ चिल्लति, चिल्लित ] ढीला पड़ जाना। शिथिल होना । चिल्जः (१० ) ) चील [-श्रामः, (पु० ) जेब- चिल्ला (स्त्री०) ) कट । चोर गिरहकट । चिल्लीका } { स्त्री० ) गेंद बल्ले का खेल। चिविः (पु० ) ठोड़ी | चीर (स्त्री० ) : आँख ढाँपने का घूंघट विशेष | २ बाँद बल्ला का खेल। ३ भीतर पहिनने वाले कपड़े की संजाप या गोद | चिलमीलि ( स्त्री० ) १ एक प्रकार की गुंज चीरिका चारका } (स्त्री० ) गेंद बल्ले का खेल । ची (वि०) १ किया हुआ | कृत | २ अधीत | पाठ किया हुआ | ३ विभाजित | चिरा हुआ | फटा हुआ |ः (पु० ) खजूर । 1 चीलिका (स्त्री० ) गेंद बल्ले का खेल । चीव (धा० उभय०) [चीवति, चीवते] १ पहनना । धारण करना । ढकना । २ पाना १३ घेरा डालना। चारों ओर से रुद करना।