पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२८०

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( २७३ ) खेलन खातकः (९०) १ खोदने वाला | बेलदार | २ | खिरः (पु० / १ संन्यासी । फकीर | २ मोहताज | कहुआ कर्जदार । भिखमंगा | ३ चन्द्रमा खातकं (न० ) खाई। गड़ा। गत । [ पीड़ित | खिन्न (व० कृ०) सन्तप्त । उदास । ग़मगीन । दुःखी । खिलं खिलः ( पु० ) ( न० ) ११ बंजर जमीन का टुकड़ा । मरु- ) भूमि का एक खत्ता । २ अतिरिक्त भजन जो मूलभजनसंग्रह में न आया हो । ३ त्रुटिपूरक परिशिष्ट भाग ४ संग्रह | ५ शून्यता | खोखलापन | खाट खुंगाहः, - खुङ्गाहः (१० ) काला टुआ या घोड़ा। खुरः ( पु० ) १ (गाय आदि का ) खुर । २ सुगन्ध द्रव्य विशेष | ३ छुरा प्रस्तुरा का पाया। आघातः, -क्षेपः, ( पु० ) लात 1 -पास, -णस, (वि० ) चपटी नाक वाला। -पदवी (स्त्री० ) घोड़े के पैरों के चिन्ह- प्रः, ( पु० ) तीर जिसकी नोंक या फल अर्द्ध चन्द्राकार हो । खुरली (स्त्री० ) सैनिक कवायद या अस्त्र-चालन का स्वातक खाता ( स्त्री० ) कृत्रिम तालाब | खातिः ( स्त्री० ) खुदाई । खात्रं ( न० ) १ फडुआ। कुदाली | २ लंबा अधिक और चौड़ा कम तालाब | ३ डोरा । ४ वन | जंगल । २ भय | खाद् (धा० परस्मै० ) [खादति, खादित] खाना भक्षण करना शिकार करना काटना । ग्वादक (वि० ) [ स्त्री० - स्वादिका] खाने वाला । निघटाने वाला। खादकः ( पु०) कर्जदार | ऋणी | कटुआ | खाद्नं ( न० ) १ खाना | चवाना । २ भोज्य पदार्थ | खादनः ( पु० ) दाँत | दन्त | [ उपद्रवी खादुक (वि० ) [ स्त्री० खाकी ] उत्पाती। खाद्यम् ( न० ) भोज्यपदार्थं । खाना । खादिर (वि० ) [ स्त्री - हादिरी, ] खदिर यानी कत्था के वृद्ध से बना हुआ था तत् वृक्ष सम्बन्धी । खानं ( न० ) १ खुदाई । २ चोट /-उदकः, (पु०) नारियल का वृक्ष | खानक (वि०) [ स्त्री०- खानिका] खोदने वाला। बेलदार खान खोदने वाला। खानिः ( स्त्री० ) सानि । यानिक ( न० ) खानिकः ( स्त्री० हे कूप का छेद | कूप की दरार ) या सन्धि । खानिलः ( पु० ) घर में सेंध लगाने वाला चोर। खार ) (स्खी०) १२ मन ३२ सेर की अनाज खारिः खारी ) की तौल विशेष | अभ्यास | खुरालकः ( पु० ) लोहे का तीर । खुरालिकः (पु०) १ छुरा रखने का घर या केस । २ लोहे का तीर । ३ सकिया। खुल्ल (वि० ) छोटा। कम | नीच। ओछा - तातः, (पु०) पिता का छोटा भाई । छोटा चाचा । खेचर देखो खचर । खेट: ( पु० ) १ गाँव । २ कफ १ २ बलराम का मूसल । ४ घोड़ा । खेटितानः ) (पु०) वैतालिक जो अपने मालिक को गा खेदितालः बजा कर जगावे । खेटिन् (पु० ) मनमौजी । भ्रष्ट खेदः ( पु० ) १ उदासी । शिथिलता | सुस्ती । २ थकावट ३ पीड़ा शोक खार्वा (स्त्री० ) त्रेता युग खिंखिरः–खिङ्किरः ( पु० ) १ लौमड़ी | २ चारपाई | खेयं ( न० ) गढ़ा | खाई | खेयः (पु० ) पुल | मचवा या पाया । खिद् ( धा० परस्मै० ) [खिदति, खिन्न ] ठोंकना । दबाना । दुःख देना सताना । ( आत्मने० ) [ खिद्यते, खित्ते, खिन्न, ] सन्तप्त होना । खेल (चि०) खिलाड़ी | कामी । कामुक । पीड़ित होना । थक जाना सुस्त या उदास | खेलनं ( न० ) १ हिलना डुलना | २ खेल | श्रमोद - हो जाना। डराना | भय दिखाना। प्रमोद | ३ अभिनय सं० श० कौ० खेल् (धा० परस्मै०) [ खेलति, खेलित] १ हिलाना। इधर उधर घूमना । २ काँपना। खेलना ।