पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२६

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प्रतिचार ( २१ ) प्रतिप्रबन्ध अतिचारः (पु० ) १ उल्लङ्घन । २ सगुण में अति- अतिद्वय ( वि० ) ३ अद्वितीय । जिसके समान दूसरा क्रमण करना | ३ ग्रहों की शीघ्र गति । ग्रहों न हो। जो दो से बह कर हो । जिसकी तुलना न का एक राशि से दूसरी राशि पर जाना। ( पु० ) छाती नाम से प्रसिद्ध एक | अतिधन्वन् (पु० ) वेजोड़ तीरंदाज या योद्धा | (स्त्री०) तृय विशेष २ तालमखाना। प्रतिच्छत्रका (स्त्री) ३ सुल्का । अतिजगती (स्त्री०) छन्द विशेष जो १३ अक्षरों का होता है (वि०) जगत को डौंकने वाला। ज्ञानी । जीवन्मुक्त | जिसके जोड़ का दूसरा धनुर्धारी या योद्धा न हो। अतिधृतिः ( सी० ) एक छन्द जिसमें प्रत्येक पक्ष में १८ असर होते हैं। अतिष्ठत्र हो सके। जिसका जोड़ न हो। ३ अतिदीप्यः (पु०) रक्तचित्रक वृष्ण लाल चीता का पेड़ | अतिजव (चि०) बड़े वेग से चलने वाला। अतिजागरः ( पु० ) नीलक पक्षी--जो सदा जागता रहता है। (वि०) जिसको नींद न आवे । व्यतिज्ञात (वि०) जो आवशद न हो। व्यतिडोनं (न०) पक्षियों का एक असाधारण उड़ान। अतितराम्, अतितमां ( अव्यया० ) अधिक । उच्चतर | २ बहुत अधिक। प्रतितीरण (वि०) अत्यन्त कड़वा | मरिचा। अतितीवा (स्त्री०) गोंठडूब अतिथिः (पु०) मनु अन्या० ३ लो० १०२ के अनुसार | अतिपत्तिः ( स्त्री० ) असिद्धि । असफलता । सीमा अतिथि की परिभाषा यह है :- के वाहिर जाना। (E धुँ स्मृतः अभिष्यं दो स्वातस्मादतिभिषयते ॥' " H - १ आगन्तुक घर में आया हुआ। अज्ञात पूर्व किया, (वि० ) - सत्कारः ( पु० ) सकिया, (स्त्री०) सेवा, सपर्या (स्त्री० ) अतिथि का आदर सत्कार । मेहमानदारी । - धर्मः ( पु० ) अतिथि का सरकार-यशः ( पु० ) पञ्चमहायों में से एक नृयज्ञ । अतिथिपूजा मेहमानदारी। अतिदानं (न०) अत्यधिक दान | " प्रतिदिष्ट (वि०) दूसरे के धर्म का दूसरे में आरोप | अतिपातकं ( न० ) एक बड़ाभारी पाप । मीमांसा शाख की परिभाषा विशेष | अतिदेशः (पु० ) अतिदिष्ट वह नियम जो अपने निर्दिष्ट विषय के अतिरिक्त और विषयों में भी काम दे। प्रतिनिद्र (वि०) १ अत्यधिक निद्रानु। अत्यधिक सोने वाला १२ विना निद्रा का निद्रा रहित | अनिद्रम् | निद्रा के समय का अतिक्रम। अतिनिद्रा (सी० ) अत्यधिक मद अतिनु, व्यतिनौ ( वि० ) नाव से उतारा हुआ । नदी या समुद्र के तट पर उतरा हुआ। अतिपंचा, अतिपक्ष (स्त्री० ) पाँच वर्ष के ऊपर की लड़की। प्रतिपतनं ( न० ) निर्दिष्ट सीमा के धागे उड़ जाना था निकल जाना चूक जाना छोड़ जाना। उलझन करना। मर्यादा के बाहिर जाना। अतिपत्रः ( पु० ) सागौन का वृत्त । अतिपर ( वि० ) वह व्यक्ति जिसने अपने शत्रुयों का नाथ कर डाला हो । अतिपरः ( पु० ) वदा या श्रेष्ठ शत्रु । अतिपरिचयः (पु० ) अत्यधिक मेलमिलाप । अतिपात (पु० ) गुज़रजाना ( समय का ) । भूल उल्लङ्घन २ घटना का घटना ३ दुर्व्यवहार । असद्व्यवहार | विरोध प्रतिकूल्य | नष्ट हो जाना । चूक ध्यतिपातिन् (वि० ) चाल में बढ़ा हुआ। अपेक्षा- कृत वेगवान् । प्रतिपात्य ( भू० स० कृ० ) विलम्ब करने योग्य स्थगित करने योग्य | | अतिप्रवन्धः ( पु० ) अत्यन्त निरवच्छता |