पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/२३८

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( २३१ ) काल्य (वि०) १ समय से। सामयिक । अवसरानुसार २ प्रिय | अनुकूल | शुभ । कल्याणकारी । काल्यम् ( न० ) तड़का | सबेरा। भोर। प्रभात । काल्यणकम् ( न० ) कल्याण करनेवाला । शुभ । कावचिक (वि० ) [ स्त्री० --कावचिकी ] कवच या वर्म सम्बन्धी । काव्या (स्त्रि०) १ प्रतिमा । २ सखी सहेली । काश ( धा० आत्म० ) [ काशते, काश्यते; काशित ] १ चमकना चमकदार देख पड़ना सुन्दर दिख लाई पड़ना। प्रकट होना। काशः (पु० ) हे एक प्रकार की घास जो छत छाने कावचिकम् ( न० ) कवचधारी पुरुषों का समूह | कावृकः (पु०) १ मुर्गा | २ चकवा चकवी | कावेरम् (न०) केसर | जाफ्रान। कावेरी (स्त्री० ) १ दक्षिण भारत की एक नदी का नाम । २ रंडी वेश्या काव्य (वि०) १ वह पुरुष जिसमें कवि अथवा पण्डित के लक्षण विद्यमान हों। २ भविष्य | ईश्वरी प्रेरणा से लिखा हुआ । पद्यमय । -अर्थः, (पु०) पद्य- मय विचार | पद्य सम्बन्धी भाव | चौरः, (पु०) दूसरे की कविता चुरानेवाला । -रसिक, (वि० ) वह पुरुष जो कविता को पसंद करता हो और उसकी विशेषताओं और सौन्दर्य की सराहना कर सकें । - लिङ्गम्, (न० ) अलङ्कार विशेष | काव्यं ( न० ) १ पद्यमयी रचना २ शायरी । कविता | ३ प्रसन्नता | नीरोगता | ४ बुद्धि । + ईश्वरी प्रेरणा स्फूर्ति काषाय (वि०) [ स्त्री० -काषायी ] जोगिया या गेरुआ रङ्ग का। काव्यः ( पु० ) १ शुक्राचार्य का नाम । यह असुरों | कापायम् ( न०) जोगिया था गेरुया रङ्ग का वस्त्र | के गुरु थे। काष्टं ( न० ) १ लकड़ी का टुकड़ा । २ शहतीर । लट्ठा । ३ लकड़ी । छुड़ी ४ नापने का एक औज़ार 1- आगारः, (पु०) -आगरम्, (न०) घेरा। -अम्बुवाहिनी, लकड़ी का बना मकान ( स्त्री० ) बाल्टी। ढोलची ।-कदली, (स्त्री०) जंगली केला 1-- कीटः, ( पु०) लकड़ी का घुन । - कुट्टः- कूटः, (पु०) कठफुड़वा | हुदहुद | खुटबदई । पक्षी विशेष ।-कुद्दालः, ( पु० ) कठौता । - तत्तू, (पु० ) — तक्षकः, ( पु० ) बढ़ई । - तन्तुः, ( पु० ) शहतीरों में रहने वाला एक छोटा कीड़ा । - दारु:, (पु० ) देवदास का पेड़। पलाश का पेड़ | - भारिकः, ( पु० ) लकड़हारा लकड़ी ढोने वाला ।-मठी, (वि०) चिता । - मल्लः, (पु० ) ठठरी जिस पर रख कर मुर्दा ले जाया जाता है ।-लेखकः, चाती है । ( न०) १ उस घास का फूल तृणपुष्प । २ फेफड़े का रोग । काशि ( पु० ) [ बहुवचन] एक प्रदेश का नाम । काशिः । ( स्त्री०) सप्त मातपुरियों में से एक । श्राधु- काशी । निक बनारस नगर। -पः, (पु० ) शिव काष्ठ काशिन् (वि०) [स्त्री०- काशिनी] १ चमकीला | २ सदृश | समान [ यथा जितकाशिन् अर्थात् जो विजयी के समान आचरण करे। ] जी की उपाधि । -राजः, ( पु० ) काशी के एक राजा का नाम जो श्रम्बा, अम्बिका और अम्बा- लिका का पिता था । काशी (स्त्री०) देखा 'काशि:' । -नाथः, (पु०) शिव जी । - यात्रा, ( स्त्री० ) काशी की तीर्थयात्रा | काश्मरी (स्त्री०) एक पौधा जिसे गाँभारी कहते हैं। काश्मीर (वि०) [ स्त्री०- काश्मीरी ] काश्मीर देश में उत्पन्न काश्मीर देश का। काश्मीर से आया हुआ । —जं, ( न० ) - जन्मन्, (न०) केसर | जाफ्रान । काश्मीरं (न०) केसर । जाफ्रान। [रहनेवाले । काश्मीराः (बहुवचन) देश विशेष अथवा उस देश के काश्य ( न० ) मदिरा शराब मद्य पम् ( न० ) माँस । गोश्त । काश्यपः ( पु० ) एक प्रसिद्ध ऋऋषि २ कणाद का नाम |-- नन्दनः ( पु० ) १ गरुड़ की उपाधि २ अरुण का नाम । | काश्यपिः ( पु०) गरुड़ और अरुण की उपाधि काश्यपी (स्त्री०) पृथ्वी काषः ( पु० ) रगड़न । खरोंच |