पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१६१

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ईषा उम्र अभिलाषा रखना । २ किसी वस्तु के पाने के लिये प्रग्रह करना। ३ उद्योग करना प्रयत्न करना। ईहा (स्त्री०) १ ख्वाहिश चाह | २ उद्योग। क्रिया- शीलता । करने योग्य मनुष्य। – रक्त. (वि०) पिलौहा लाल | ईह् (धा० आत्म० ) [ईहते. ईहित] १ इच्छा करना । नारंगी 1 – लभ, मलभ, (वि०) थोड़े में मिलने वाला । -हासः, (पु०) मुसक्यान । मुसकुराहट। ईवा (स्त्री० ) गाड़ी का बस या हल का बाँस । ईषिका (स्त्री०) : हाथी की आँख की पुतली | २ रंगसान की कूँची । ३ हथियार | तीर । नेज्ञा | ईषिर: ( पु०) अग्नि | आग | ईपीका ( स्त्री० ) रंगसाज की कूची । (सोने या चांदी की) छड, ईंट, सलाका या डला । ईष्मः } ( पु० ) १ कामदेव । २ चसन्तऋतु । ईहामृगः (पु०) १ भेड़िया जिसमें चार दृश्य हों। ईहावृकः ( पु०) भेड़िया [ हुआ | ईहित (व० ० ) वाति अभिलषित | चाहा ईहितं (न०) १ वान्छा | अभिलाषा | चाह । २ उद्योग प्रयत्न | ३ कर्म । कार्य । २ नाटक का एक परिच्छेद उ उ - नागरी वर्णमाला का पाँचवा अक्षर । इसका | उक्थं (न० ) १ कथन | वाक्य | स्त्रोत्र | २ स्तुति | प्रशंसा । ३ सामवेद का नाम । उच्चारण ओष्ठ की सहायता से होता है। इसकी गणना मुख्य तीन स्वरों में है। हस्व. दीर्घ, सुरु, सानुन एवं निरनुनासिक - इस प्रकार इसके १८ भेद हैं। उ, को गुण करने से “श्रो” और वृद्धि करने से "औ” होता है। उः (पु० ) १ शिव जी का नाम | २ ब्रह्म का नाम | ३ | चन्द्रमा का बिम्ब । ४ थ्रोम् का दूसरा अक्षर। (अव्यया० ) पुकारने का, क्रोध अनुग्रह, आदेश, स्वीकृति एवं प्रश्न व्यञ्जक अव्ययात्मक सम्बोधन । उं ( धा०) १ शब्द करना। कोलाहल मचाना । गर जना २ घोंकना । ३ माँगना तगादा करना । उकानदः ( पु० ) लाल और पीले रंग का घोड़ा। उकुणः ( पु० ) खटमल । खटकीरा । उक्त ( च० कृ० ) १ कहा हुआ । कथित | २ बोला हुआ। बतलाया हुआ ३ सम्बोधित ४ वर्णित । उक्त ( न० ) वाणी | शब्दराशि । कथित -- अनुक्त, (वि०) कहा और अनकहा हुआ। उपसंहारः, ( पु० ) संक्षिप्त वर्णन | सिंहावलोकन | सारांश | - निर्वाहः, (पु०) कथन का समर्थन । – प्रत्युक्तं, ( न०) कथन और उत्तर संवाद | उतिः (स्त्री० ) १ कथन यचन | २ वाक्य | ३ ( मानसिक भाव ) व्यक्त करने की शक्ति । यथा "एक वावस्या पुष्पयन्सी दिवाकर निशाकरी ।” - अमरकोश उतू (धा० उभय० ) [ उत्चति, उचित ] [छड़कना । तर करना। नम करना। उडेलना। २ निकालना। छोड़ना । उक्ष (०) छिड़काव | प्रोक्षण या मार्जन | उतन् ( पु० ) बैल । साँड़ । तरः, ( पु० ) छोटा साँढ़। [ सर्वोत्तम । उताल (वि० ) १ तेज | भयानक । २ ऊँचा, बड़ा। उतालः ( पु० ) बंदर वानर उख ) ( धा० पर० ) [ ओखति, उखित, ओखित, उंख् । उखित ] चलना । हिलना। डोलना । उखा ( स्त्री० ) बटलोई । डेगची उख्य (वि० ) बटलोई में उबाला हुआ। उग्र (वि० १ निष्ठुर । हिंसक । जंगली | २ भयानक । भयकर २ भयप्रद । ३ बलवान । शक्तिशाली। प्रबल प्रचण्ड | ४ तीषण | तेज | पैना । ५ उच्च । कुलीन ।– काण्डः, ( पु० ) करेला |-- गन्धः, ( पु० ) 1 चम्पा का वृक्ष । चमेली। लशुन लहसन । हींग -गन्ध, (वि०) तेज़ महकवाला-चारिणी, ( स्त्री० ) दुर्गा का नाम जाति, ( वि० ) ) नीच जाति में उत्पन्न । –दर्शन, रूप, ( वि० ) भयानक शक वाला /- धन्वन्, (वि०) मजबूत धनुषधारी (पु० ) शिव जी का नाम इन्द्र का चण्डा,