श्रावसथ वसः (पु० ) ावसस्थान | मकान | घर | २ विश्रामगृह | ३ छात्रालय | मठ | कुटी | ४ वृत्त विशेष | ( १४१ ) श्रावसध्य (वि०) घर वाला। घर के भीतर । श्रावसथ्यः (g० ) अग्निहोत्र का अग्नि जो घर में रखा जाता है। आवसथ्यम् (न० ) छात्रावास । छात्रनिलय । २ मठ | कुटी | ३ घर । मकान | व्यावमित (वि० ) १ समाप्त | सम्पूर्ण | २ निर्णीत | निश्चित । निर्धारित । आवसितम् (न० ) पका हुआ धनाज | [ हुए। श्राव (वि० ) उत्पन्न करते हुए। पथ दिखलाते आवापः (०) १ बीज बोना। २ बखेरना। ३ आल बाजा । ४ बरवन । अनाज । अनाज रखने का बर्तन | ५ पेय पदार्थ विशेष ६ कंकण । ७ ऊपढ़ खाबड ज़मीन व्याधापक: ( पु० ) कंकण पहुँची। वापनम् ( न० ) करवा | भावालं ( न० ) थाला। खोडुआ | भावासः ( पु० ) १ घर मकान बस्ती । २ आवासस्थल । आवाहनम् ( ० ) इलावा न्योता आमंत्रण । २ देवता का आह्वन २ अग्नि में थाहुति देना। भाविक ( वि० ) [ स्त्री० आविकी ] १ भेद सम्बन्धी । २ ऊनी । करना | आविष्करणम् ( न० ) आविष्कार ( पु० ) वेशनम् प्रविष्ट ( व० ० ) १ प्रविष्ट | घुसा हुआ | २ धावे- शित ( भूत प्रेत द्वारा ) । ३ मरा हुआ। वश में किया हुआ ४ सर्वग्रास किया हुआ घेरा हुआ। रत। सचेष्ट। हुआ। विभांवः (पु० ) १ प्रकाश प्राकम्य [ २ अवतार | उत्पत्ति । t आविल (वि० ) १ मटीला। गंदलर मैला। गंदा २ अपवित्र | ३ काले रंग का कलौंहा ४ धुंधला | मंद | आविलयति ( कि पर० ) धब्बा लगाना | कलङ्कित आविस् (अव्यया० ) सामने। नेत्रों के आगे खुलं- खुल्ला साफ तौर पर स्पष्टसः | आावीतं ( न० ) अपसव्य दहिने कंधे पर अनेक रखने की क्रिया । आबुक: (पु० ) (नाटक की भाषा में ) पिता । आवृतः ( पु० ) भगिनीपति। बहनोई | श्रावृत् (स्त्री० ) १ किसी और का या मुड़ा। प्रवेश | २ क्रम | विधि | तरीका | ३ रास्ते का मोह रास्ता दिशा ४ प्रायश्चित्त विशेष । प्रावृत्त (व० ० ) १ धूमा हुआ। चकर खाया हुआ | लौटा हुआ। २ दुहराया हुआ ३ अभ्यस्त पड़ा हुआ। सीखा हुआ। अधीत । श्रावृत्तिः ( स्त्री० ) 1 प्रत्यावर्तन | लौटना | २ पल- टाव। ( सेना का पीछे ) हटाव | ३ परिक्रमा । यकर ४ धूमकर या चकर काट कर पुनः उसी स्थान पर धाना जहाँ से रवाना हुआ हो। १ वारं- बार जन्म और मरण लौफिक जीवन | ७ बार- चार किसी बात का अभ्यास ७ पुनरावृत्ति । दुहराना । यविकम् ( न० ) ऊनी कपड़ा। श्रावग्न (वि०) दुःखी । विपद्ग्रस्त । मुसीवतज़दा । थाविद्ध ( स० कृ० ) १ बिदा हुआ | दिया हुआ | २ टेदा झुका हुआ ३ ज़ोर से फेंका हुआ। चलाया | यावेदनम् ( म० ) आवृष्टिः (स्त्री० ) वर्षा । फुआरः) आवेग (०) बेचैनी | चिन्ता | उद्विग्नता घबरा- हट । व्यस्तता चित्तचाचल्य २ धवराइट। उतारी। F सूचना | इतिला २ प्रति- ३ अपनी दशा को सूचित अर्जीवा स्मरण | वर्णन करना। अर्जी आवेशः (पु० ) 1 व्यासि | सन्चार । प्रवेश | २ अनुरक्ति | ३ अभिमान र ४ चित्तचावल्य | क्रोध रोष ५ भूतावेश | किसी प्रेत का किसी के शरीर पर अधिकार होना भूतप्रेतबाधा सूगी की मुख । १ १ प्राकव्य । प्रकाश | | घ्यावेशनम् ( न० ) १ प्रवेश द्वार २ भूत प्रेत की ) साक्षात्करण । बाधा । ३ क्रोध रोप ४ कारखाना घर
पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१४८
दिखावट