पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१३८

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प्रानुभविक श्रानुभविक ( वि०) जिसको परंपरा से सुनते चले आये हो । [ वैदिक कर्मानुष्ठान | आंदोल आनुभविक ( पु० ) वेद में विधान किया हुआ । आनुषंगिक } (वि० ) [ स्त्री०-आनुषंगिकी, आन्दोलः आनुषङ्गिकी] साथ साथ होने आंधसः आवश्यक ३ गौण शौकीन । ५ विषयक सम्बन्धी आनुपतिक वाला । २ अनिवार्य ४ अनुरक्त ६ अंडाकार | यथोचित | सुव्यवस्थित ७ अन्तर्मुक्त उपलब्ध | धानूप (वि० ) [स्त्री० [अनूपी] १ पानी वाला। नृशंसम् १ रहमदिली । २ कृपालुता । २ नृशंस्यम् । दया। रहम | तरस । पुणं } (२०) अकुशलता। मूढ़ता। मानपुरा यांत ) (वि० ) [ स्त्री० - प्रांति, प्रान्ति ] प्रान्त । अन्तिम । अन् का। आंतम् । आन्तम् । प्रांतर ) ( वि० ) १ भीतरी । गुप्त किया हुआ। ध्यान्तर २ अत्यन्त भीतरी भीतर का। अतिरम् आन्तरम् आंतरिक्ष आन्तरिक्ष आंतरीक्ष आन्तरीक्ष ( अन्यथा० ) पूर्णतः । अन्ततः । दलदली | नम | २ दल दल में उत्पन्न हुआ। ष्मानूषः ( ५० ) वह जीव जिसे बुख दल या जल में आधः } ( S० ) तिलंगाला देश । आन्ध्रः रहना पसंद हो ( जैसे भैंसा, भैस ।) आनृश्यम् ( न० ) ऋणता। कर्ज से बेबाक होना । आनृशंस 3 ( वि० ) कुणतु दयावान। अनृशंस्य रहमदिल } ( न० ) अभ्यन्तरीय स्वभाव | ( वि० ) 1 व्योम सम्बन्धी । आकाशी। स्वर्गीय नैसर्गिक । २ अन्तरिक्ष में उत्पन्न | 1 आसमान । आंतरिक्षं ) ( न० ) आकाश आन्तरितम् पृथिवी और आकाश के बीच का आपतन दोलित ] भूलना इधर उधर डोलना । २ हिलना । काँपना । (पु०) १ भूलना। झूला | २ कंपकपी । स्थान | } ( वि० ) शामिल । सम्मिलित । आंतर्गणिक यान्तर्गणिक प्रांतहिक ) ( वि० ) घर के भीतर होने वाला आन्तर्गैदिक ) या उत्पन्न । यांतिका, आन्तिका ( स्त्री० ) बड़ी वहिन । आंदो, आन्दोल (घा०प० ) [ दोजयती, आन्धसः आंधसिक आन्धसिकः प्रयं आंध्र ध्यान्म ( पु० ) भात का मौंद या माँदी । } (पु० ) स्लोइया | पाचक 1 } (न० ) अंधापन | ( वि० ) आन्ध्र देशीय । तिलंगाना देशका | आन्वयिक (वि०) [स्त्री०-आन्वयिकी] १ कुलीन । अच्छे कुल में उत्पन्न | अच्छी जाति का २ सुव्यवस्थित । नियमित | आन्वाहिक (वि० ) [ स्त्री० --आन्वाहिकी ] निय होने वाला ( कृत्य ) । नित्य ( कर्म ) । अन्वीक्षिकी ( स्त्री०) १ सर्कशास्त्र | न्याय दर्शन | २ आत्मविद्या | आपू (चा०प० ) [ यामोति । याप्त ] 3 प्रा करना | पाना २ पहुँचना मिलना ( आगे गये हुए को पीछे जा कर ) पकड़ लेना । ३ व्यास होना । छेक लेना। ४ अनुमति देना । थापकर (वि० ) [ स्त्री० आपकरी ] अप्री- सिकर उपद्रवकारी। 1 आपक (वि० ) कथा । अघसिका। आपकम् ( न० ) रोटी। चपाती। आपगा ( श्री० ) नदी। सरिता । यः (पु० ) नदीपुत्र | भीष्म या कृष्ण की उपाधि | आपण: ( पु० ) दूकान हाट बाजार आपणिक (वि० ) [ स्त्री०-आपणिकी ] व्यापार सम्बन्धी वाणिज्य सम्बन्धी । [ विक्रेता। आपणिक (पु० ) दूकानदार व्यापारी व्यवसायी । आपतनं ( न० ) १ आगमन समीप आगमन २ घटना। हादसा २ प्रासि । उपलब्धि । ४ ज्ञाने २ स्वाभाविक परिणाम |