पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१०९

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( १०२ ) अवसेक हुआ। दर्यात किया हुआ । ४ एकत्र किया हुआ। जमा किया हुआ । ५ नस्थी किया हुआ | बंधा हुआ। अवसेक (०) छड़काव | सिंचन । अवसेचनम् (न०) १ सींचने की किया। पानी देने की 1 क्रिया २ रोगी के शरीर से पसीना निकालने की क्रिया। ३ रक्त निकालने की क्रिया । अवस्कन्दः ( पु० ) ) १ आक्रमण | हमला | २ अवस्कन्दनम् ( न० ) ) ऊपर से नीचे उतरने को क्रिया े ३ शिविर | छावनी | [ करते हुए। व्यवस्कन्दिन (वि० ) आक्रमण करते हुए बलात्कार वर (पु० ) विष्ठा २ गुझाङ्ग ( यथा लिङ्ग गुदा योनि ) ३ बुहारन। बटोरन । श्रवस्तरणम् ( न० ) बिछौना । 1 अवस्तात् (अव्यया० ) १ नीचे | नीचे से नीचे की ओर २ तले अवस्तार ( पु० ) १ पर्दा | २ कनात | ३ चटाई अवस्तु ( न० ) १ तुच्छ वस्तु | २ असलियत नहीं । अवास्तवता | - व्यवस्था ( स्त्री० ) १ दशा हालत अवस्थिति । समय । काल । २ स्थिति | ३ आयु । उम्र चतुष्टयम्, ( न० ) मनुष्य जीवन की दशाये- [ यथा -१ बालव, २ कौमार, ३ यौवन, ४ वार्धक्य | ] -त्र्यं, (न०) वेदान्तदर्शन के अनुसार मनुष्य की तीन दशाएं [ यथा -१ जागृत, २ | स्वप्न, ३ सुषुप्ति। ] - द्वयं, (न० ) जीवन की दो दशाएँ (यथा-सुख और दुःख) व्यवस्थानं ( न० ) १ स्थिति रहायस २ स्थान ३ आवसस्थल । बसने का स्थान ४ ठहरने की अवधि । व्यवस्थायिन् (वि० ) ठहरने वाला। बसने वाला। रहने वाला । अवस्थित ( ० ० ) १ रहा हुआ । ठहरा हुआ । २ दृढ़ | ३ अवलम्वित । टिका हुआ । अवस्थितिः ( स्त्री० ) १ वर्तमानता । रहाइस | २ डेरा बासा । वयनम् (न० ) शरण। चूने की क्रिया गिरने की क्रिया । प्रवाग्र अवस्रंसनम् ( न० ) नीचे गिरने की क्रिया पात पतन । प्रवहतिः (स्त्री० ) कूटना | कुचरना । अवहननम् ( न० ) १लिका निकालने को धानों का कूटने की क्रिया २ फेफड़े। यावश्यप। स्थानान्तरित "वपण वसाव इनजस्" "अवमनस्फुयुमः- मिताषय | अवहरणम् ( न० ) : हरण करण करण | २ फेंक देने की क्रिया | ३ चोरी। लूट। ४ सपुर्दगी । ५ कुछ काल के लिये युद्ध कार्य बंद कर देने की क्रिया । अस्थायी सन्धि । प्रवहस्तः ( 50 ) हाथ की पीठ | अवहानिः ( स्त्री० ) हानि। घाटा | नुकसान | अवहारः (पु० ) १ चोर | २ शार्क मछली । ३ अस्थायी सन्धि ४ आमंत्रण समन | बुलावा । ५ स्वधर्मस्याग ६ फिर मोल ले लेने की क्रिया । व्यवहारकः ( पु० ) शाकै मछली । अवहार्य ( स० का० कृ० ) १ ले जाने को । स्थानान्तरित किये जाने को। २ अर्थदण्डनीय दण्डनीय ३ फिर मोल लेने योग्य 1 व्यवहालिका ( स्त्री० ) दीवाल | यवहासः ( पु० ) १ मुसक्यान | २ हँसी दिल्लगी। उपहास । अवाहित्था, व्यवहिया (सी० ) | मानसिक भाव का अवहित्थं, अबहित्यम् (न०) ) दुराव । इसकी गणना "संचारी" या व्यभिचारी भाव में है। आकारगुति । अवहेलः (g० ) अवहेलनं ( न० ) ) व्यवहेला (स्त्री० ) अवहेलना (स्त्री० ) | स्कार | अवज्ञा अपमान । तिर- स्कार । अवज्ञा । अपमान । तिर- । व्यवाक् ( अन्यथा० ) १ नीचे की ओर २ दक्षिणी । दक्षिण की ओर ~ ज्ञानं, (न० ) अपमान - भव, ( वि० ) दक्षिणी । --मुख, ( वि० ) [ स्त्री०- मुखी ] नीचे की ओर देखते हुए । २ सिर के बल।-शिरस्, (वि०) नीचे की ओर सिर लटकाये हुए । - | वात ( वि० ) अभिभावक | रखवाला । अवान (वि० ) झुका हुआ । प्रणाम करता हुआ ..