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पृष्ठम्:वैशेषिकदर्शनम्.djvu/१६५

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अ. १ आ. १ सू. ८

अष्टमाध्यायद्वितीय आह्निका

अनुमान की सत्यता का

ज्ञान की अपक्षा वाले ज्ञान १३७ | परिचायक १४४ ‘अर्थ' की परिभाषा १३७ | शाब्द वोध का अनुमान में इन्द्रियों के कारण और उनके | अन्तर्भाव १४५ विपयों की परीक्षा १३८ | उपमिति आदि का अनुमान में अन्तर्भाव , १४६ नवमाध्याय प्रथम आह्निक स्मृति का निरूपण १४७ माग भाव का साधन ?.३८ | स्वप्र, और स्वमान्तिक ज्ञान ध्वंसाभाव का साधन ११९ | का निरूपण १४० अन्योन्याभाव का साधन१३९ | अविद्या का निरूपण १४७ अत्यन्ता भाव का साधन २४० | विद्या का निरूपण १९४८ अभावों की प्रत्यक्षता का | आर्प ज्ञान का निरूपण १४८ दशमाध्यायप्रथम आह्निक प्रकरण ४१० योग से अन्य अतीन्द्रिय द्रव्यों अङ्गों के भेद में कारणभेद१५१ का प्रत्यक्ष १४२ योग से अतीन्द्रिय कर्म और |* नीनों कारणों की विवेचना १५२ गुणा का प्रसक्ष १४३ | अभ्युदय का निरुपिण १५४

नचमाध्यायद्वितीय

| सुखीर दुःख कानिरूपण१४९ अनुमान का [नस्पण १४४