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पुटसंख्या
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अ
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अंशो नानाव्यपदेशात् |
२१६
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अकरणत्वाच |
२२८
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अक्षरधियां त्ववरोधः |
३११
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अक्षरमम्बरान्त |
८८
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अग्निहोत्रादि तु |
३७४
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अग्न्यादिगतिश्रुतेः |
२३९
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अङ्गावबद्धास्तु न |
३२९
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अङ्गित्वानुपपत्तेश्च |
१६७
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अङ्गेषु यथाश्रय |
३३३
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अचलत्वं चापेक्ष्य |
३७१
अणवश्च ।। 226
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अणुध |
229
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अत एव च नित्यत्वम् |
१०२
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अत एव च स ब्रह्म |
७०
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अत एव चाग्निन्धन |
३५०
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अत एव चानन्य |
४०५
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अत एव चोपमा |
२६६
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अत एव न देवता |
७८
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अत एव प्राणः |
४६
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पुटसंख्या
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अत एव सर्वाण्यनु |
३७७
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अत: प्रबोघऽस्मात् |
२६०
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अतश्चायनेऽपि |
३८८
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अतस्त्वितरज्यायः |
३५७
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अतिदेशाच्च |
३२३
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अतोऽनन्तेन |
२७३
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अतोऽन्यापि हि |
३७५
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अत्ता चराचर |
६५
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अथातो ब्रह्मजिज्ञासा |
२
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अदृश्यत्वादिगुणकः |
७४
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अदृष्टनियमात् |
२२१
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अधिकं तु भेदनिर्देशातू |
१५३
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अधिकाररूपशब्द |
१९७
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अधिकोपदेशात्त |
३४०
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अधिष्ठानानुपपत्तेश्च |
१८६
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अध्ययनमात्रवतः |
३४३
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अनभिभवं च दर्शयति |
३५५
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अनवस्थितेरसंभवात् |
७१
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अनारब्धकार्ये एव |
३७४
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अनाविष्कुर्वक्षन्वयात् |
३६३
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