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कतिचि पहादिदेवे खाद्बरादम्ि दोक पप पाि व्ययम् ये पातमा २८ निःोवाद। पार चाकुबेरपुमय चूर्णकुमाले मुनिर्भलिए ना क को नियु प्रियेथिदिव्यममे नम्॥४९॥ अन्तु कुले शोले पुषि सामगजन्ममि यः ॥४२॥ की मान निका ज्या नायोगे पराइ मारि दिन ।