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पृष्ठम्:मालविकाग्निमित्रम्.djvu/४६

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पुटमेतत् सुपुष्टितम्

C O R R I G E N D A.


P. 34,1.7,read the stage-direction प्रस्थिता afterलहेहि in 1. 6.
P. 33,1 18, read रक्ताशोकरूचाविशेषितगुणो
P. 62,1. 15, , पिङ्गलाक्ष्या
P. 78,1. 17, , रत्नभाण्डं यौवनगर्वं
P. 83,1. 18, , सर्प इति
P. 84,1.8 English notes, right-hand column, read पुछ्छिदव्वो

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