पृष्ठम्:ब्रह्मसिद्धिः (मण्डनमिश्रः).djvu/३२६

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APPEND( { 5 Page and na. 150-14. 9-7. ... 107–5, 7; 149-22. विपर्ययख्याति विपर्ययग्रहण विपर्याप्त विभु विभ्रम विमृत्यु विरजस् 120-4. ... 7–17; 11-18 ; 60-7. 152--3. 154-4. 12-–8. विलक्षणप्रत्यय विवर्त 18-2. ... 7-24; 8-9, ... 78–16. ... 13-14. 17. ... 124-19; 185–4. विशुद्धप्रकाश विशेषगुण विश्व विष्णु विस भाग विस्फुलिङ्ग वीतराग खुश्विक 87–8. 100--5. 1-16. 11-8. ... 85-24 ; 88–1. ... 93–1; 153-20 ; 155–8 ; 156-19 ; 158-2; 159-14A 86–8. वैयात्य वैषम्य • 10-24. 25-24; 26-1.

59–2, 4. व्यतिषङ्ग व्यवच्छेद व्यवहारावितंबाद. .. 41-2, ... 1285 b .... 186--12 नीहि ..81-2 ; 148–12.