पृष्ठम्:ब्रह्मसिद्धिः (मण्डनमिश्रः).djvu/२९२

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

अनुक्रमणिका ३ 41 पुटम्. पाक्तिः. आकरः तत्तत्प्राप्य शुभाशुभम् ... , 188 18 Gita. -2-57. ... 155 8 Brahm. Si. 2-1-4. ततु समन्वयात् तत् त्वमांसे 34 |4} 76 15 120 5 ^ Chind. 6-५-7. 15B 22 7 159 . तत्र को मोहः कः शोकः - ® } not. 125 15 Chand. 6--. तत्सत्यं स आत्मा •.. 7 तथा विद्वान् पुण्यपापे 1:9 16 Mund . 8-1-8. तदन्तरस्य सर्वस्य 120 ifa. 5. तदयुक्तं प्रतिद्रव्यम् -- 58 7 516. Var. page 170. 122 5 Brh. 1-4-10. तदात्मानमेववदहम् तदेतत्प्रेयः पुत्रात् तदेतत् सत्यम् ... ... 5 - – 17 do. 1-4-8. ... 100 11 Mund. 2-1-1. 17 11 Chand. 2-23-8. .. 1B2 1 Brh. 4-4-7. तद्यथा शङ्कना तद्यथाहिनिर्वयनी तद्यथेषीकातूलम तमंतं वेदानुवचनेन ... तमेव भान्तमनुभाति तमेव विदित्वातिमृत्युम् ... 128 17 Chand. 5-24-B. ... B6 14 Bh. 4-4-22. --1B 1B Katha. 2-2-15. ... 128 7 Sv€ta. B-8. तस्माद्यदन्यथा सन्तम् •• 147 8 Sld. Var page 245. ••• 17 18 Prasna. 5-2. तस्य तावदेव चिरम्_ । ... 129 19 ]80 Chand. 6-14-2. •• 127 12 Katha. 5-15. -- 116 12 Minm. St. 4-1-2. तस्य मासा सर्वमिदम् तस्य लिप्सार्थलक्षण तस्थाश्रमविकल्पमेखें तावदेव चिरम् 36 6 Gant. DhaP. 1.2.1 1819 Chand. 6-14-2.