पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/१७

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बीजगणिते - भी संशोध्यमान राशि का वैपरीत्य सिद्ध हुआ | इसी प्रकार ऋण सात रुपयों से धन तीन रुपया घटाना है तो ऋण सात रुपयों का स्वरूप ' रू १० रु ३ ' यह हुआ। इसमें तीन रुपया घटाने से ‘रू १२ , यह अन्तर हुआ। यहां पर भी संशोध्यमान राशि का वैपरीत्य सिद्ध हुआ । ऐसाही सर्वत्र जानो। इससे : संशोग्यमानं स्वमुत्यमेति' इस प्रकार की उपपत्ति स्पष्ट प्रकाशित होती है ॥ ३ ॥ उदाहरणम्- न्यासः । रू ३रू २ त्रयाद् दयं स्वात्स्वमृणाहणं च ब्यस्तं च संशोध्य वदाशु शेषम् || अन्तरे जातम् रू १ । अन्तरे जातम् रू न्यासः । रू ३२ 1 न्यासः । रू ३ रु २ अन्तरे जातम रू ५ | न्यासः । रू ३ रू १ अन्तरे जातम रूपं । इति धनर्णव्यवकलनम् । - ·उदाहरण---- तीन धन में दो धन, वा तीन ऋण में दो ऋण, वा तीन धन में ऋण अथवा तीन ऋण में दो धन घटा कर शेष जल्दी बतलाओ || ( १ ) न्यास | रू ३ रू. २ इनका अन्तर रू १ हुआ । ( २ ) न्यास | रू रू २ इनका अन्तर रू १ हुआ । ( ३ ) न्यास | रू ३ रु २ इनका अन्तर रूं ५ हुआ । ( ४ ) न्यास । रू ३ रु २ इनका अन्तर रू धूं हुआ । घटाने का प्रकार समाप्त हुआ ।