पृष्ठम्:धम्मपद (पाली-संस्कृतम्-हिन्दी).djvu/१०

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( = ) धगळ ध्वव हुई जिल्दोमें है । श्रीयुत 'चारुचन्में वसुने धम्मपदका पीके साथ संस्कृत और टैंगळामें अनुवाद किया है ( इस ग्रंथसे शुझे अपने में बड़ी सहायता मिली है, और इसके लिए मैं चारू थालुका आभारी हैं)। बैराशाके था दूसरा नम्बर मराठी का है, जिसमें आचार्य धर्मानन् काम्यके ग्रंथके अतिरिक सारे दीघनिकायका भी अनुवाद मिलता है । इस क्षेत्रमें हिन्दीका तीसरा नस्थर होना बाकी बात है । मैंने अगले तीन चतुर्मासमें मजिभम निकायमहावग्ग, और चुल्लवग-इन तीन अंयोंको हिन्दी में अनुवाद करनेका निश्चय किया है । यदि विस्रबाधा न हुई, जो आधा है, इस वर्षके अन्तर्मे पाठक बिभम निकायको हिन्दी रूप मैं देख देंगे। शुक्रस्य भवन्त चन्द्रमणि भइस्थविरले ही सर्व प्रथम धम्मपचुका मूरूपा सहित हिन्दी अनुवाद किया था। उन्डोनें अनुवावकी एक इति भेल की थी और साझाकी भाँति इस काममें भी उनसे बहुत प्रोत्साहन सिं; तदर्थं पूज्य साहाय्यविका मैं कृतज्ञ हैं। अया रहुख सांकृत्यायन ७-७-१९३३