पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/४९

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अभि चतुर्वेदीकोष । ४८ अभिषिक्ल, (त्रि.) अभिषेक किया हुआ । मन्त्र द्वारा जिसकाक किया गया हो । अभिषेशन, (न. ) सेना लेकर शत्रु पर चढ़ जाना। शत्रुपर आक्रमण करना । युद्ध यात्रा | | | (त्रि. ) स्तुत । प्रशंसित । स्तुति किया गया । वर्णित । जिसका वर्णन किया गया हो। भन्दः (पुं. ) तरल पदार्थों का बहना विशेष | अभिसन्ताप, (पुं. ) दुःख | क्लेश। चारों श्रोर से लेश । अभिसन्धः, (पुं. ) सत्य का अभिमान | अभिसन्धान, ( न. ) वचन | प्रतारण | ठगना। अपने मत में कर लेना अभिसम्पात, (पुं. ) युद्ध शाप देगा | विरुद्ध चिन्ता न करना | | अधिक आदि अधिरोग सरः, (त्रि.) अनुचर | सहाय | भृत्य | नौकर अभिसर्जनम्, (न. ) दान | वध | मारण | अभिसार, (पुं.) बल युद्ध | सहाय, साधन । स्त्री पुरुषों के परस्पर किये हुए राकेत स्थान को जाना । । अभिसारिका, (स्त्री.) नायिका विशेष | जो सङ्केत स्थान पर स्वयं आप अथवा नायक को बुलावे । वह शुक्ला और कृष्णा भेद से दो प्रकार की होती है । अभिसारिणी, ( स्त्री. ) अभिसारिका नायिका | अभिः, (त्रि.) यक्क | छोड़ा हुआ । दिया हुआ। । भित (त्रि. ) ताड़ित | मारा हुआ | अभिहार, (पुं.) अभियोग | जाकर आक्रमण करना । चोरी । देखते देखते चोरी करना । अभिहितम्. (त्रि.) कथित | प्रोक्त | कहा हुआ । अभीकः, (त्रि.) कामुक । चाहनेवाला । श्रभि लाषी क्रूर । निर्भय । निडर .. अभ्य (अ) नित्य | शश्वन पुनः पुनः बार बार अभीप्सिनम्, (नि.) वाति भए । अभी:, (त्रि. ) निर्भय । निडर । ( श्री. ) शतमूली । | शाप ।

(पुं.) किरण | घोड़े की लगाफ |

भीष्टः, (त्रि. ) ईप्सित | प्रिय | वाञ्छित प्रभु, (त्रि. ) उपवासी अकृतभोजन भृखा। अभुक्तमूल, (पं.) येष्टा के अन्त की चार मड़ियों के साथ मूल की पहली चार मही ज्येष्ठा को अन्तिम एक घड़ी और भूल की पहली दो घड़ी ज्येष्ठा की अन्तिम आधी घड़ी और मूल के आदि की श्राधी भी की अन्तिम पाँच घड़ी और मूल की पहली नौकी मूलकी अधिकदोपदायी यां अभूतः, (त्रि. ) अविद्यमान | अभूताभिनिवेशः, (पुं. ) सत्य वस्तु में छा " सत्य का ज्ञान | भेदः, (पुं. ) भेदका 1 एकरूप एकता श्रमेयम्, (न. ) दृढ | भेदन करने योग्य होग। जो वेदा न जासके। अभ्यङ्गः, ( पुं. ) तैलमर्द्दन । तेल लगाना | अभ्यञ्जनम्, ( न. ) तैल | श्रभ्य | शरीर में लगाने की स्नेहयुक्त वस्तु उपटन | अभ्यधिकः, (त्रि.) सर्वोत्कृष्ट | उत्तमोत्तम । सब से बड़ा । . अभ्यनुज्ञा ( स्त्री. ) अनुमति प्रसन्नतापूर्वक आशा । अभ्यन्तरम् (ग.) मध्यभाग। बीत्त का भाग | अन्तर्गत | अभ्यमित, (त्रि.) रोगवाला रोगी | अभ्यमित्रीण, (त्रि. ) वीरविशेष | वीरता- पूर्वक शत्रु का सामना करने वाला। अभ्यम्, (त्रि.) समीप | निकट | पास | अभ्यत (नि.) पीड़ित