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पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३७६

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· समु चतुर्वेदीकोष | ३८० समुत्सर्ग, (पुं.) त्याग देना | पेशाब करना | शौच जाना । समुत्सुक, (त्रि.) अत्यन्त उत्कण्ठित । समुत्सृष्ट, (त्रि.) बिलकुल छोड़ा गया । समुत्सेध, (पुं.) बहुत बढ़ना । समुदय, ( पुं. ) समूह । युद्ध । बढ़ाव। दिन | लग्न | समुदीरण, (न.) भली भाँति कहना | समुद्र, (पुं.) पेटी | सन्दूक | समुद्गम, (पुं.) उत्पत्ति । ऊपर जाना । समुद्गीत, (त्रि.) जोर से या चिल्लाकर गाया गया । समुद्गीर्ण, (त्रि.) उगला हुआ । उठाया हुआ। कहा हुआ। समुद्दिष्ट, (त्रि.) भली भाँति बतलाया हुआ | समुद्धत, (त्रि.) अभिमानी । घमण्डी । समुद्धरण, (न.) उखाड़ । वमन । समुद्भव, (i. ) जन्म । उत्पत्ति । समुद्भूत, (त्रि. ) समुत्पन्न । उत्पन्न हुआ । समुद्यत, (त्रि.) पूरे उद्यम वाला । समुद्यम, (पुं.) पूरा प्रयत्न | समुद्र, (पुं.) जलनिधि । समुद्रकफ, (पुं.) समुद्रफेन । समुद्रग (स्त्री.) नदी | समुद्रचुलुक, (पुं.) जिन्हों ने समुद्र को चुल्लू में भर कर पिया | अगस्त्य मुनि । समुद्रमेखला, (स्त्री.) जिसके आस पास समुद्र भरा हो । पृथिवी । समुद्रयान, (न.) जहाज़ | समुद्रीय, ( (त्रि.) समुद्र में उत्पन्न होने समुद्रिय, वाली वस्तु । 2 समुद्रह, (त्रि.) श्रेष्ठ | सब से अच्छा | समुन्दन, (न.) भीगना | समुन्न, (त्रि.) गीला | भींगा । समुन्नत, (त्रि.) सम्यक् प्रकार से उन्नत । समुन्नति, ("खी. ) अच्छी उन्नतिं । समुन्नद्ध, (त्रि.) गर्वित । अभिमानी । उत्पन्न हुआ । समुन्नय, ( पुं. ) ऊपर का फिकाव । प्रकाश- करण । समुपचित, (त्रि.) बढ़ाया हुआ | समुपेयिवस्, (त्रि.) पास गया हुआ । पहुँचा हुआ | समुपोढ़, (त्रि.) मिल गया । उत्पन्न हुआ । समुल्लेख, (पुं.) पाँव से पृथिवी का खनन । समूढ, (त्रि.) एकत्र किया हुआ । झुका हुआ । टेढ़ा । वश में किया हुआ | विवाहित । शोधित । मूर्ख के साथ | समूल, (त्रि.) जड़सहित। समूह, (पुं.) समुदय | सब का सब | बहुत | समूहनी, (स्त्री.) झाडू । बुहारी । समूह्य, (पुं.) यज्ञ की आग | समृख, (त्रि.) बहुत बूढ़ा | समेत, (त्रि.) समागत | आया हुआ । मिला हुआ । समेधित, ( त्रि.) संवर्धित समोदक, (न.) लघु सहित । सम्पत्ति, (स्त्री . ) बड़ा ऐश्वर्ण्य | सम्पद, (स्त्री.) विभव । दौलत | सम्पन्न, (त्रि. ) साधित । प्रमाणित । सम्पदा वाला । सम्पराय, (पुं.) लड़ाई । श्रापदा । सम्परायिक, (न.) युद्ध लड़ाई सम्पर्क, (पुं.) सम्बन्ध | मेल । सम्पर्किन, (त्रि.) मेल वाला । सम्पा, (स्त्री.) बिजुली सम्पाक, (पुं. ) वृक्ष विशेष, जिसके सेवन से खाया हुआ भली भाँति पच जाता है। सम्पात, (पुं. ) पक्षी विशेष की चाल | अच्छे प्रकार गिरना । सम्पाति, (पुं. ) पक्षी भेद । जंटायु गीध का बड़ा भाई, जिसने समुद्रतट पर हताश पड़ी राम की वानरसेना को उत्साहित कर राम- पत्नी सीता का पता बतलाया था 1... सम्पुट, (पुं.) मिला हुआ। ✔