पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३४४

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व्रात्य • चतुर्वेर्दाकोष | ३४८ व्रात्य, (पुं.) संस्कार व्युत द्विज । नीच मनुष्य वर्णसङ्कर विशेष भ्रष्ट । “ सावित्री पतिता व्रात्याः ॥" -मनुः । व्रात्यस्तोम, (पुं. ) व्रात्य के करने योग्य व्रत । वेद में एक तन्त्र जो व्रात्योंही के लिये है । बी, (क्रि. ) चुनना | जाना । ढकना । चुना जाना । बीड, १ (पुं.) लज्जा ब्रीडा, ] ( स्त्री.) ब्रीडन, (न. ) लजाना । व्रीडित, (त्रि.) लज्जित श्रीस्, (क्रि. ) घायल करना। वध करना | व्रीहि, (पुं. ) चावल | श्रीकाञ्चन, (न. ) एक प्रकार की दाल १ ब्रुड, ( क्रि० ) ढक | एकत्र करना । ढेर लगाना | डूबना | वैहेय, (त्रि.) चावल | धान उपजने योग्य खेत । ली, (क्रि.) जाना | पकड़ना | सहारना | सहारा देना। चुनना । ब्लेक्षू, (क्रि. ) देखना । श श, (पुं.) काटने वाला | नाश करने वाला | अस्त्र | शिव । ( न. ) प्रसन्नता | शंयु, (त्रि. ) प्रसन्न | समृद्धि शील । शंव, ( पुं.) हल चलाना | इन्द्र का वज्र | खल के दस्ते का लोहे वाला अप्र भाग । शंवर, (न. ) जल | पानी । शंस, (क्रि.) प्रशंसा करना । दुहराना । पाठ करना । चोटिल करना । शंस, (पुं. ) प्रशंसा । पाठ । आह्वान | तन्त्र | जादू । भलाई की इच्छा आशी- वाद । शाप | विपत्ति | Py शंसित, (त्रि.) प्रशंसित । निश्चित । पक्का | मारा गया। कहा गया। शंस्य, (त्रि.) मारने योग्य प्रशंसाके योग्य || शकू, (क्रि.) डरना | योग्य होना | शक्लि शक, (पुं. ) एक देश | एक जाति । एक राजा जिसने अपना शक चलाया। उसका चलाया वर्ष | युधिष्ठिर, विक्रमादित्य और शालिवाहन इन तीनों राजाओं ने अपने अपने शक चलाये थे । शकट, ( पुं. न. ) छकड़ा। एक दैत्य, जिसे श्रीकृष्ण ने मारा था | शकटहन, (पुं. ) श्रीकृष्ण । G शकल, (पुं. न.) खण्ड । हिस्सा | अंश । टुकड़ा। छाला। काँटा ( मछली का ) । शकाः, ( पुं. ) बहुवचन । देश विशेष । जाति विशेष । शकार, (पुं.) राजा की बिन ब्याही स्त्रो का भाई । अनूढ़ भ्राता । मद माता । अभिमानी | शकारि, ( पुं. ) शक का शत्रु । विक्रमादित्य राजा जिसने शक बन्द कर अपना संवत् चलाया था. शकुन, न. ) सगुन पक्षी विशेष | मङ्गलाचार | गीध | शुभ सूचक चिह्न । शकुनश, (त्रि.) ज्योतिषी । शकुन्त, ( पुं. ) पक्षी । एक प्रकार का कीड़ा | शकुन्तला, ( स्त्री. ) दुष्यन्त की स्त्री | शक्कर, ( पं. ) बैल | चौदह अक्षर का पाद वाला एक छन्द | शक्करि, शक्करी (स्त्री. ) एक नटी | नीच जाति की स्त्री । श्रङ्गली । शक्ल, (त्रि.) शक्ति वाला | कठोर । धनी । अभिधा | चतुर | शक्ति, ( स्त्री. ) सामर्थ्य | देवी | धर्म्म विशेष | बच्छ शक्लिग्रह, (पुं.) अर्थ को बताने वाली वृत्ति का समझना । वृत्ति । अस्त्र । स्वामिकार्त्तिक । शिव | शक्किग्राहक, ( पुं. ) कार्तिकेय । शब्द की शक्ति को जताने वाला । शक्लिघर, (पं . ) कार्तिकेय (त्रि. ) शक्ति रखने वाला |