पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३३३

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विश्वा विश्वास, ( पुं. ) प्रत्यय | भरोसा । श्रद्धा | विश्वेदेव, (पुं. ) श्राद्ध में पूजे जाने वाले दस देवता | आग | विश्वेश, (पुं.) जगत्पति । विष्णु और शिव । विष, (क्रि. ) फैलना । खाना । जाना । घेरना पृथुकू करना । उड़ेलना । छिड़कना | चतुर्वेदीकोष । ३३७ . ” विषू. ( स्त्री. ) विष्ठा | फैलाव | लड़की 1 वित्र, (न. ) कमल की केसर । मृणाल वत्सनाभ विष जल विषकण्ठ, (पुं..) शिव | विषघ्न, (पुं.) शिरीष वृक्ष घी । बहेड़ा। (त्रि. ) विष को दूर करने वाला । बच श्रौषधि विषज्वर, ( पुं. ) महिष विशेष । विषण्ड, (न.) मृणाल । भैसार विषदन्तक, (पुं.) सर्प । विषधर, (पुं. ) सांप | विषम, (त्रि.) अयुग्म | ऊंचा नीचा । दारुण । ( न.) सङ्कट | एक प्रकार का पद्य | विषमच्छद, (त्रि.) सप्तच्छद । विषमज्वर, (पुं.) व्वर विशेष मलेरिया बुखार वह ज्वर जिसका समय नियन न हो । विषमनयन, ( पुं.) महादेव । विषमस्थ, (त्रि. ) सङ्कटापन्न। ऊंची नीची भूमि में ठहरने वाला । • विषमशिष्ट, ( न. ) अनुचित शासन | विषमाथुध, (पुं.) कामदेव । विषय, ( पुं. ) इन्द्रियों के कर्म, देखना सुनना आदि । निबन्ध | वस्तु | पदार्थ | स्थान | जगह | विषयिन्, (न. ) ज्ञान | ज्ञानेन्द्रिय । ( पुं. ) राजा । कामदेव । ( त्रि. ) विषयी । विषयों में फँसा हुआ | विष्णु विषलता, ( स्त्री. ) इन्द्रवारुणी बेल | विषविद्या, ( स्त्री.) विष दूर करने की विद्या | विषवैद्य, ( पुं. ) विष दूर करने की विद्या जानवे वाला | विषाण, (न. ) सींग हाथी और सूधर ● का दांत । क्षीरकाकोली । कोढ़ की दवा । विषाद, (पुं.) अक्साद | दुःख । विषान्तक, (पु.) शिव। (त्रि. ) विप दूर करने वाला । विषाराति, (पुं.) विषशत्रु | धतूरा | विषास्य, (पु..) सांप जिसके मुँह में विष हो । दुष्ट । त्रिषु, ( [अव्य.) बराबरी | नाना रूप वाला । विषुव, ( न. ) समय विशेष । जब रात दिन समान होते हैं । विष्कू, (क्रि. ) वध करना । विष्कम्भ, ( मुं. ) सूर्य, चन्द्रमा के एकत्र होने का योग विशेष । विस्तार रोक । नाटक का एक अङ्ग योगियों का एक बन्ध । द्वार का बेड़ा । खम्भा । वृक्ष विशेष | विष्टप, (न.) भुक्न | लोक । विष्टब्ध, (त्रि. ) प्रतिरुद्ध | रुका हुआ । विष्ठम्मिन् (त्रि. ) रोकने वाला है विष्टर, ( पुं. ) कुशासन । वृक्ष भेद | विष्टरश्रवस् (पुं.) विष्णु । विष्टि (स्त्री.) मजूरी | किराया | भाड़ा | बेगार । नरकवास | विश्वा, } ( स्त्री. ) पुरीष 1 मल । विष्णु (पुं.) व्यापक | नारायण | वह्नि । शुद्ध | साफ़ | वासुदेव एक स्मृतिकार का नाम । श्रवण नक्षत्र | विष्णुगुप्त, ( पुं. ) चाणक्य पण्डित । विष्णु तैल, ( न. ) तैल विशेष । विष्णुपद, (न.) आकाश |