पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३०५

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घम चतुर्वेदीकोष । ३१७, घमनीया, (स्त्री.) मक्खी, जिसके पेट में जाने से कै हो जाय । घमि, (स्त्री. ) कै । अग्नि । घमित, (पुं.) कै की गयी । वम्भ, ( पुं. ) बाँस । वम्भारव, (पुं. ) पोहों का बोल | वन, (पुं.) चींटा लाल चींटा जो वृक्षों पर पीले रङ्ग का होता है, बीछू के समान विषैला होता है । - वत्री, (स्त्री.) चींटी । वय्, ( क्रि. ) जाना । वय, (पुं.) जुलाहा । कोरी | बुनने वाला । वयन, (न. ) बुनना | बुनावट । वयस्, (पुं.) उम्र । युवावस्था । पक्षी | काक | शक्ति । बलिदान का पदार्थ । वयस्थ, (पुं.) मित्र । सहयोगी | वयस्य, (पुं.) समान अवस्था वाला । वयस्या, (स्त्री. ) सखी | सहेली । वयाक, (पुं.) लता। छोटी शाखा । डाली । वयुन, (न.) ज्ञान | बुद्धि | समझने की शक्ति | देवालय | ( पुं. ) नियम् । आशा रीति भाँति । सफ्राई । वयोधस्, ( पुं. ) तरुण । युवा । वयोधा, ( त्रि. ) बली । ( स्त्री. ) बल | शक्ति । वयोरङ्ग, (न.) सीसा | वर्, (क्रि. ) चुनना | माँगना | पाने के लिये खोजना | चाहना | वर, (न. ) केसर | इच्छा | माँग | परदा | घेरा । (त्रि. ) अभीष्ट | प्यारा । श्रेष्ठ । ( पुं. ) गुग्गुल | यार | जमाई । दुलहा । वरदान | अनुग्रह । पति । चरट, (न. ) कुन्द का फूल | कौड़ा विशेष | हंस । बर्रइया । अन्न विशेष । चरण, (न.) चुनाव | ढकाव | पूजन | वरना । • माँगना । किसी पूजा अनुष्ठानादि करने के लिये नियत समय के लिये उसी काम में चय लगे रहने का अनुरोध करना । अलगाव | रोक | निषेध | ( पुं. ) नगर का परकोटा पुल । वरुण वृक्ष । ऊँटं। धनुष की सजावट विशेष | इन्द्र | चरणमाला, ( स्त्री. ) जयमाल | स्वामित्त्व- स्वीकार की सूचक माला वरमाला वरणसी, ( स्त्री. ) काशी विश्वनाथ वाराणसी, की पुरी । वरण्ड, (पुं.) समूह | मुँहासाँ । बरण्डा घास का ढेर। मछली पकड़ने की बंसी की डोर | खीसा । जेब । वरण्डालु, ( पुं. ) एरण्ड वृक्ष । वरत्रा, ( स्त्री . ) चमड़े का तस्मा हाथी अथवा घोड़ा बाँधने की चमड़े की रस्सी । वरत्वच, ( पुं. ) नीम का पेड़ | वरद, (त्रि.) अभीष्टदाता | प्रसन्न | ( स्त्री. ) कन्या । अश्वगन्धा । आदित्यभक्ता । दुर्गा । वरदाचतुर्थी, (स्त्री.) माघशुक्ला चतुर्थी । वरम्, (अव्य.) थोड़ा प्यारा | बहुत अच्छा बेहतर | वररुचि, (त्रि.) अच्छी प्रीति वाला | कात्या- यन मुनि । विक्रमादित्य की सभा के नव-रत्न कवियों में से एक का नाम । वरलब्ध, (त्रि.) वरदान पाये हुए| ( पुं. ) चम्पक वृक्ष । वरवानी, ( स्त्री. ) सुन्दरी स्त्री | लाख | लक्ष्मी । बुर्गा ।" सरस्वती । प्रियङ्गु लता हल्दी । वराक, (पुं. ) शिव । ( न. ) युद्ध | ( त्रि.) छोटा । शोच्य । बेचारा | वराङ्ग, (न. ) श्रेष्ठ पूज्य अङ्ग | मस्तक | माथा | गुदा | योनि | कुश । ( पुं.) हाथी | विष्णु । कामदेव । ( स्त्री. ) दालचीनी | हल्दी | (T ) अच्छे वाली स्त्री | वराङ्गिन्, ( पुं. ) अच्छे अङ्गों वाला। अम्ल- वेतस । वराट, (पुं.) कौड़ी। रस्सा