पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३००

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लुण्ठ चतुर्वेदीकोष । ३१२ लुण्ठक, (त्रि. ) चोर | लुञ्च, (क्रि. ) तोड़ना । उखाड़ना । लुग्, (क्रि. ) घबड़ाना | तोड़ना | लूटना | लुख, (न. ) नष्ट | छिप गया। टूट गया। लुब्ध, ( पुं. ) लम्पट | लोलुप । विषयों में आपादमस्तक डूबा हुआ । लुभू, (क्रि. ) घबरा जाना । चाहना | लुलाप, (पुं. ) भैंसा | लुलाच, लुलित, ( त्रि.) हिलाया गया | चला गया । लुप्, ( क्रि. ) चोरी करना । लुषभ, ( पुं. ) मस्त हाथी लुड्, ( कि. ) चाहना | लू, ( कि. ) काटना | अलग करना | तोड़ना | बाँटना। इकट्ठा करना पकाना | लुगा, ( स्त्री. ) मकड़ी। चींटी । लूनामर्कडक, ( पुं. ) लनूर । एक प्रकार की चमेली ।' लूतिका, ( स्त्री. ) मकड़ी । लून, ( त्रि.) काटा हुआ । तोड़ा हुआ | नष्ट किया हुआ। घायल । ( न.) पूँछ । लूम, ( न. ) पूँछ । लेख, (पुं. ) लिपि । लेखक, ( पुं. ) लिखने वाली | लेखन, (न. ) भोजपत्र | अक्षरों का लिखना | लिखने का साधन । ( स्त्री. ) कलम आदि । लेखनिक, (पुं. ) लिखने वाला । लेखर्षभ, (पुं.) देवताओं में श्रेष्ठ | इन्द्र | लेखहार, (पुं.) चिट्ठीरसाँ | चिट्ठी ले जाने वाला । लेखिनी, (सी.) कलम | चमचा | लेख्य, (त्रि.) लिखने योग्य | निज स्वत्व- सूत्रक व्यवहारसम्बन्धी एक पत्र | टीप | लेप, ( पुं. ) भोजन | लीपना | लेपक, (पुं. ) राज | थबई । लेलिहान, ( पुं. ) साँप | बारम्बार चाटने वाला । लोट् लेश, (पुं.) थोड़ा | टुकड़ा लेह, (पुं. ) आहार | चाटना । लेहिन, (पुं. ) सुहागा | लेह्य, (त्रि.) मृत | चाटने योग्य | लैङ्ग, ( न. ) अष्टादश पुराणों में से एक । लैङ्किक, (त्रि. ) अनुमित । ( पुं. ) मूर्ति बनाने वाला । लैरप्र, (क्रि.) जाना । पास जाना | भेजना | कोरियाना । लोक्, (क्रि. ) देखना । जाना अभिश होना । लोक, (न. ) भुवन | जन | दुनिया | लोकपाल, (पुं. ) लोकरक्षक इन्द्रादि राजा | लोकबान्धव, (पुं.) सूर्य लोकमातृ, ( स्त्री. ) लक्ष्मी | लोकलोचन, ( पुं. ) सूर्थ्य | लोकबाह्य, (त्रि. ) लोक से बाहर | 'लोकायत, (न.) चार्वाक मत | लोकायतिक, (पुं. ) नास्तिक | चार्वाक | लोकालोक, ( पुं. ) देखा जाता और नहीं देखा जाता । एक पहाड़ जिसकी एक और प्रकाश और दूसरी ओर अन्धकार रहता है । लोकेश, (पुं. ) ब्रह्मा | राजा | पारा | लोग, (पुं.) मिट्टी का ढेला । लोच्, (क्रि. ) देखना | लोच, (न. ) आँसू | लोचक, (पुं.) मूर्ख पुरुष | आँखों की पुतली | काजल । कान में पहनने की एक प्रकार की बाली । काला या नीला लिवास । माथे का आभूषण विशेष जिसे स्त्रियाँ पहनती हैं। मांसपिण्ड | सर्प की कैंचली | झुर्रीदार खाल। तनी हुई भौं । केला । लोचन, (न. ) नेत्र | देखना | लोट्, ( क्रि. ) मूर्ख या पागल होना । लोटू, व्याकरण का समय का अर्थबोधक एक लकार जो आशिष और प्रार्थना में आता है।