पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२९४

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रोहि रोहिण, (न. ) रोहिणी नक्षत्र में उत्पन्न | विष्णु । वट । रोहितक । भूतृण आदि वृक्षों के नाम | रोहिणिका, ( पुं. ) लाल मुख वाली स्त्री | गले की सूजन । रोहिणी, ( स्त्री. ) लाल रङ्ग की गौ । दक्ष की कन्या । नक्षत्र विशेष बलराम की जननी और वसुदेव की भार्या प्रथम वार . हुई ऋतुमती लड़की | बिजली | गले की सूजन | मजीठ | हरे | रोहिणीपति, ( पुं. ) वासुदेव । चन्द्रमा । रोहिणीव्रत, (न. ) जन्माष्टमी | श्रीकृष्ण- जयन्ती | • ज्यतुर्वेदीकोष । ३०६ रोहित्, (पुं. ) सूर्य | रोहू मछली । ( स्त्री . ) लाल घोड़ी। हिरनी । रोहित, ( त्रि. ) लाल । लाल रङ्ग का । ( पुं. ) लाल रङ्ग | लोमड़ी | मृग विशेष | लाल घोड़ा । हरिश्चन्द्र के पुत्र का नाम । मछली । ( न. ) लोहू | केसर | इन्द्र- । धनुष । रोहिताश्व, ( पुं. ) अग्नि । रोहिन्, ( त्रि. ) लम्बा | निकला हुआ | वढ़ा हुआ | ( पुं. ) रोहितक | वट | श्व आदि वृश्च । रोहिष, ( पुं. ) एक प्रकार की मदली । एक प्रकार का हिरन । रौक्म, ( त्रि. सुनहला । रौक्मी, (स्त्री. रौक्ष्य, (न. ) कठोर कड़ा । रूखापन | निठुरपन | रौचनिक, (त्रि. ) रौचनिकी, ( स्त्री. )} कुछ कुछ पीला । रौचय, ( पुं. ) बिल्त्र वृश्व का डण्डा | बिल्व वृक्ष की लकड़ी का दण्ड रखने वाला संन्यासी । रौद्ध, ( कि. ) अनादर करना । लंक रौद्र, ( न. ) घाट रसों में से एक | रुद्र देवता का । गुस्सैल | सूर्य्यताप | भयानक । विपद- जनक | ( पुं . ) रुद्र का पूजने वाला । • गर्मीीं। क्रोध | व्यसन । यम । जाड़ा । रौद्रकर्मन्, (त्रि.) भयानक काम करने वाला । साहसी । श्रविचारी । राद्रदशन, ( त्रि. ) भन्यङ्कर रूप वाला । कुरूप । रौधिर, (त्रि.) खूनी | रुधिर से उत्पन्न । रौप्य, (त्रि. ) चाँदी । चाँदी का बना । चाँदी जैसा । ( न. ) चाँदी । रोम, ( न. ) साँभर नोन रौरव, (पुं. ) नरक विशेष | जङ्गली | (त्रि.) रुरु के चर्म का बना। भयानक । बेई- मान । छली । रौहिण, (त्रि.) रोहिणी नक्षत्र में उत्पन्न । ( पुं. ) चन्दन का वृक्ष । बड़ का वृक्ष । श्रग्नि । रौहिणेय, ( पुं. ) बचड़ा। बलराम। बुध ग्रह । शान ग्रहू । ( न. ) मरकत मणि । रौहिष्, (पुं. ) मृग विशेष | तृण विशेष | लता । दूर्वा घास विशेष। मछली भेद । ल, ( पुं. ) इन्द्र । छन्दशास्त्र में श्राठ गणों में से एक गण । व्याकरण में समय विभाग के लिये पाणिनि ने दस लकार माने हैं, जैसे-‘ लट्, लिट्, लुट्, लट्, लेटू, लोट्, लङ, लिङ्, लुङ् और लङ् । लक्, (क्रि. ) स्वाद लेना | चखना | पाना | लक, (पुं.) माथा | बनैले चावलों की बाल । लकच, १ ( पुं. ) वृक्ष विशेष | मदार का लुकच, ] पेड़ या उसका फल । लकुट, ( पुं. ) छड़ी | लकड़ी । ललक, ( पुं. ) लाख | चिथड़ा | फटा कपड़ा।