पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२७७

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मि चतुर्वेदीकोष | २८० मि, (क्रि.) फेंकना । मिच्छु, ( क्रि. ) रोकना । चिड़ाना । मित्, ( स्त्री. ) खम्भा | मित, (त्रि. ) परिमित । मापा हुआ । निर्दिष्ट । सीमाबद्ध । मितङ्गम, ( पुं. ) धीरे धीरे चलना । हाथी । मितद्रु, ( पुं. ) समुद्र । मितस्पच, (पुं.) सूम मिति, ( स्त्री. ) ज्ञान । माप | प्रमाण | साक्ष्य | संकल्प | भित्र, ( न. ) सुहृद् | दोस्त । मित्रविन्द, ( पुं. ) अग्नि । मित्रता, १ (सं.) मैत्री | दोस्ती । मित्रत्व, मित्रयु, ( पुं. ) मित्रवत्सल । मिथ्, (क्रि. ) मिलना । मारना । समझना । काटना । पकड़ना । मिथिस्, ( श्रव्य. ) केले । आपस में । मिथिला, (स्त्री.) तिरहुत । राजा जनककी पुरी। मिथुन, ( न. ) स्त्री पुरुष का जोड़ा । मेष से तीसरी राशि | विषय के अर्थ मिलन | मिथ्या, ( श्रव्य. ) असत्य | झूठ | मिथ्यादृष्टि, ( स्त्री. ) भूल | मिथ्यानिरसन ( न. ) शपथ खा कर अस्वीकार करना या मुकरना । मिथ्याभियोग, (पुं. ) झूठी फरियाद । मिथ्याभिशंसन, झूठा कलङ्क | मिथ्याभिशाप, ( पुं. ) झूठा अपवाद | मिथ्यामति, ( स्त्री. ) भ्रम | भूल | मिदू, (क्रि.) स्नेह करना । मिल, (क्रि. ) मिलना । मिलिन्द, (पुं.) मधुमक्षिका मिलिन्दक, ( पुं. ) सर्प विशेष । मिलीमिलिन्, (पुं.) शिव का नाम । मिश, (क्रि. ) शब्द करना । मिश्र, (क्रि.) मिलाना। हाथी विशेष । एक देश | पदवी । श्रेष्ठ । मौर मिश्र व्यवहार, (पुं.) गणितविद्याकी क्रिया विशेष मिंधू, (क्रि. ) दूसरों को नीचा दिखाने की अभिलाषा । आँख मारना। नम करना । मिष, ( न. ) स्पर्धा | छल कपट | मिषिका, ( स्त्री. ) जटामांसी | मिष्ट, (त्रि.) मांठा । मिहू, (क्रि. ) सींचना | प्रस्राव या पेशान करना । वीर्य निकालना मिहिका, (स्त्री.) पाला । बर्फ । मिहिर, (पुं. ) सूर्य । चाफ का पेड़ । वृद्ध | मेघ चन्द्रमा वायु मिहिराण, (पुं. ) शिव । मी, (क्रि.) मारना | कम करना। बदलना। भक्त करना । खोना । भटकना । जानां । ·

जानना मरना नष्ट होना । मीढ, (त्रि.) मूता हुआ । मीदुष्टम, ( पुं. ) शिव । सूर्य । चोर । मीन, (पं.) मछली। बारहवीं राशि | मीनकेतन, (पुं. ) कामदेव । मीनगन्ध, (पुं. ) सत्यवती । मीनाण्डा, ( श्री. ) मिश्री | परिष्कृत शर्करा | मछली का अण्डा । मीम्, (क्रि. ) शब्द करना | मीमांसक, ( पुं: ) मीमांसा शास्त्र के ज्ञाता अथवा उसके पढ़ने वाले परीक्षक । सिद्धान्ती । निर्णयकर्त्ता । मीमांसा, (स्त्री.) गूढ़ विचार । अनुसन्धान भारतवर्षीय षड्दर्शनों में से एक दर्शन का नाम। यह दर्शन दो भागों में विभक्त है एक पूर्वमीमांमासा है, जिसके बनाने वाले जैमिनिजी हैं। इस भाग में कर्म का प्रतिपादन किया गया है। दूसरे भाग का नाम उत्तरमीमांसा है । इसके रचयिता बादरायणजी हैं। इसमें ब्रह्मविद्या का निरूपण है। विचार | परीक्षा 6 मीर, (पुं. ) समुद्र | सीसा | शर्वत । पर्वत का विशेष | .