पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२१२

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नाय चतुर्वेदीकोप | २१३ नायक, (पुं. ) अगुआ । नेता | स्वामी । हार के बीच की मणि । सेनापति । शृङ्गार रस का अवलम्ब रूप पति या उपपति । पहुँचाने वाला । नायिका, ( स्त्री. ) शृङ्गार रस की मुख्य पात्री प्रेमासक्त युवती । दुर्गारूपिणी शक्ति | नार, (पुं. ) पानी । बालक । नरों का समुदाय : नारक, (पुं.) नरकसम्बन्धी यातना । नारकिन, ( त्रि. ) नरक की पीड़ा को भोगने वाला जीव | नरकवासी । नारङ्ग, (पुं. ) रसविशेष | गाजर | सन्तरे का पेड़ । नारद, ( पुं. ) ब्रह्मदेव का मानस पुत्र | श्रज्ञान भङ्ग कर ज्ञान को देने वाला । मुनिविशेष | देवपिं विशेष : 9 प्रवाह 77 निःश्वा नारिकेल, ( पुं. ) नारियल का फल या पेड़ | नारी, ( स्त्री. ) स्त्री । नाल, (न. ) कमल की डण्डी । नालिक, ( सं . ) चौबस मिनिट का समय | नालीक, (पुं.) तीर विशेष । नाविक, (पुं.) मल्लाह | माँझी । नाव्य, (त्रि. ) नाव द्वारा पहुॅचने वाला देश | नाव चलाने योग्य | नाश, ( पुं. ) पलायन । श्रदर्शन | मरण | निधन | न मिलना । नासत्य, (पुं. ) अश्विनीकुमार | । नास्र, ( स्त्री. ) नथुना । नासा, ( स्त्री. ) नासिका । नासापुट, ( पुं. ) नथुना । नासिक्य, ( त्रि. ) नातिका से उत्पन्न अश्विनी कुमार | नास्ति, (अव्य. ) नहीं | न होना । नास्तिक, (त्रि. ) अविश्वासी | स्वर्ग | स्वर्गप्राप्ति का साधन और ईश्वर को न मानने वाला | वेद की निन्दा करने वाला । " नास्तिको वेदनिन्दकः । " चार्वाक | नास्तिकता, (खी. ) मिथ्या दृष्टि | नास्तिक होना नि, ( श्रव्य. ) नीचे | बहुत | सदा | सन्देह । कौशल । फेंकना । छुटाई । हटाव | पास आदर | देना । छुटाव | रुकाव । निःशलक, ( त्रि. ) निर्जन | एकान्त | निःशेष, (त्रि.) निखिल | सकल | सब । न नासिंह, ( ) एक उपपुराण जिसमें नृसिंहजी की कथा है । नाराच, (न. ) वाण । तीर । नारायण, ( पुं. ) नर 66 स्वरूप से नित्य जीव-समूह स्थान हैं जिसका त्सवका अन्तर्यामी । अथवा जलशायी | मनुस्मृति आदि स्मृतिकर्ताओं ने यही अर्थ किया है। "पो नारा इति प्रोक्ता आपो वै नरसूनवः । ता यदस्यायनं प्रोक्तं तेन नारायणः स्मृतः ॥ " इत्यादि प्रमाणों से प्रतिपाद्य | नरों का आश्रय श्री विष्णु भगवान् । नारायणक्षेत्र, (न. ) गङ्गाजी के दोनों ओर की दो दो हाथ जगह इस क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध है । बदरिकाश्रम | नारायणवलि, (पुं. ) दशगात्र - विधि होने पर शौच निवृत्ति और मरे हुए प्राणी के उद्धार के लिये धर्मशात्रोक्त प्रायश्चित्त ! निःश्रेयस, (न. ) मोक्ष | छुटकारा | मङ्गल | विशेष | नारायण की विशेष पूजा | विज्ञान | भक्ति | शिव

• नारायणी, स्त्री. ) विष्णु की शक्ति । लक्ष्मी । गङ्गा । शतावरी । निःश्वास, ( पुं. ) मुख और नाक से निकला हुआ वायु | सोस । सारा । निःश्रयणी, ( स्त्री. ) सीढ़ी । नसेनी । निःश्रेणि-रणी, ( स्त्री. ) बाँस की सीढ़ी या नसेनी ।