पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२०७

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

ध्रुव चतुर्वेदकोष | २०८ ध्रुव, ( पुं॰ ) शङ्कु । विष्णु । महादेव । राजा उत्तानपाद का पुत्र । योगविशेष । नासिका के आगे का भाग। भूगोल के दोनों केन्द्रों के ऊपर के भाग । ताराविशेष । पक्का । तर्क । आकाश । लगातार । स्थिर । एक गीत । · ध्रौव्य, (न. ) पक्का होना । स्थिर होना । ध्वंस, (पु.) विनाश | गिरना | ध्वज्, (क्रि. ) जाना। ध्वज-जा, (मुं. ) झण्डा । निशान। कलवार सेना । पुरुष का चिह्न । ध्वजिन्, (पुं.) राजा । ऱथ । ब्राह्मण । घोड़ा साँप कलवार। मोर । ध्वजिनी, ( स्त्री. ) सेना | ध्वन्, (क्रि. ) शब्द करना। ध्वन, (पुं.) सुर| शब्द | ध्वनि, (पुं. ) धीमा सुर । चलङ्कार का एक उत्तम काव्य | ध्वंस, (क्रि.) जाना। विनाश होना । गिरना | ध्वस्त, (त्रि. ) नष्ट चला गया । नाश हो गया । ध्वांक्ष, (क्रि. ) चाहना । डरावना शब्द करना । ध्वांक्ष, (पुं. ) काक | बगला । फ़कीर । घर । ध्वान, ( पुं. ) शब्द | ध्वान्त, (न. ) अन्धकार । अन्धेरा । ध्वान्तारि, ( पुं. ) सूर्य्य | थाक का वृक्ष | चन्द्रमा आग | ध्व, (क्रि. ) भुकाना। मारना । न न, ( अ ) पतला । अतिरिक्त । रिक्त । रीता । एक ही सा | वही । प्रशंसित | अविभाजित । मोती | गणेश | धन सम्पत्ति । दल । गाँठ युद्ध | बुद्धदेव का नाम भेंट | नहीं । नंशुकं, (गु. ) हानिकारी | नाशकारक | छोटा मिहीन पतला | भटका हुआ । खोया हुआ | नख नकुर, (न. ) नाक नकुल, (त्रि.) न्यौला । चौथे पाण्डव का नाम । शिव जटामांसी । केसर । नक्क, (न. ) रात्रि | व्रतविशेष | नक्कचारिन्, ( पुं. ) उल्लू | बिलार | चोर राक्षस चमर्गादड़ । या रात में वाला कोई भी जीव । विचरने नक्कञ्चर, ( पुं. ) देखो नक्कचारिन् । नक्कन्दिव, (न. ) रात और दिन । नक्कम्, (अव्य. ) रात । नक्र, (पुं. ) नाका | मगर कुम्भीर द्वार के आगे का काठ । नासिका ( 1 ) बर्रइयों अथवा शहद की मक्खियों का झुण्ड । नक्षत्र, (न. ) अश्विनी आदि अट्ठाईस नक्षत्र । तारा । नक्षत्रचक्र, (न. ) आकाशमण्डल में दीखने वाला ताराओं का राशिचक्र | नक्षत्रनेमि, ( पुं. ) ध्रुव नक्षत्र । चन्द्रमा | विष्णु नक्षत्रमाला (स्त्री.) तारों की नाई माला । २७ मोतियों वाला हार । तारों की पंक्ति । नक्षत्रसूचक, (पुं. ) कुगणक | पञ्चाङ्ग देख कर मुहूर्त्तादि बताने वाला कम पढ़ा सिद्धान्त न जानने वाला ज्योतिषी । सिद्धान्त. ग्रन्थों में नक्षत्रसूची का मुख देखने से प्रायश्चित्त करना लिखा है। पूरा गणित- विशारद ज्योतिषी ही ज्योतिष सम्बन्धी कार्य कर सकता है। नक्षत्रेश, (पुं. ) चन्द्रमा नक्षत्रों का स्वामी | नक्षत्रविद्या, ( स्त्री. ) ज्योतिषविद्या । खगोल विद्या | नख्, (क्रि. ) जाना. | चलना | सरकना | नख, (पुं. न. ) जहाँ सूगख हो । नाखून | न्हो। नखकुट्ट, (पुं. ) नाई। हज्जाम नखर, (पुं. न. ) पश्चे के आकार का