पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/२०१

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श्रुत । चतुर्वेदीकोष । २०२ द्रुत, ( पुं. ) तेज | झट | भागा हुआ । द्रुपद, ( पुं. ) चन्द्रवंशीय एक राजा जो द्रौपदी का पिता था । खम्भा | द्रुम, ( पुं. ) पेड़ । पारिजात । कुबेर । द्रुह, (क्रि. ) बुरा चीतना | द्रोह करना । द्रुहिण, ( पुं॰ ) जगत्स्रष्टा । ब्रह्मा । द्वेक, (क्रि. ) शब्द करना । उत्साहित करना। द्वै, (क्रि. ) सोना । द्रोण, (पुं.) पाण्डव राजकुमारों के गुरु | द्रोणाचार्य । काक विशेष । बिच्छ् । बादल विशेष । एक वृक्ष | चौतीस सेर की तौल विशेष् । आठ सौ गज्ञ लम्बा तालाब विशेष । कूँड़ा। नोंद । द्रोणि, ( स्त्री. ) एक देश एक नदी | नील का वृश्च । एक पहाड़ ! द्रोह, ( पुं. ) बुरा चीतना । वैर । द्रोणायन, ( पुं. ) द्रोणाचार्य की श्रौलाद । अश्वत्थामा । द्रौपदी, ( स्त्री. ) द्रुपदराज की कन्या | पाण्डवों की धर्मपत्नी । इन्छ, (पुं.) रहस्य | कलह | जोड़ा । विवाद | रोगविशेष समासविशेष । शोक। हर्ष । शीत । उष्ण । इन्द्रचर, ( पुं ) जो साथ साथ जोड़ा हो कर बिचरे | चकवा चकई द्वय, ( न. ) दो की संख्या । द्वाः-द्वास्थ, (पुं.) दरवान | द्वारपाल | द्वाचत्वारिंशत्, ( स्त्री. ) ४२ । द्वादश, (त्रि.) बारह द्वादशकर, (पुं. ) कार्तिकेय और बृहस्पति । द्वादशनेत्र, (पुं. ) कार्तिकेय । द्वादशाङ्गुल, ( पुं. ) बिलस्त का नाप । द्वादशात्मन् (पुं. ) सूर्य । मदार का पेड़ | द्वापर, (पुं.) संशय । युग विशेष जो सत्य और त्रेता के पीछे आता है । . द्विती द्वामुष्यायण, (पुं.) गौतम मुनि । द्वार, ( स्त्री. ) द्वार | उपाय | वसीला | द्वारका, ( स्त्री. ) द्वारावती । सात पुरियों में से एक । श्रीकृष्ण को बसाई राजधानी । द्वारकेश, (पुं. ) श्रीकृष्ण । द्वारकाधीश | रणछोड़ | " द्वारप, (त्रि.) द्वारपाल । द्वारयंत्र, (न. ) ताला | द्वारावती, (स्त्री.) द्वारका | द्वारिन्, ( त्रि. ) द्वारपाल | दरवान | द्वाविंशति, ( स्त्री. ) बाइस | द्वि, (त्रि. ) दो । द्विक, (पुं. ) काक | कौत्रा । दो संख्या वाला । द्विककुत्, ( पुं. ) ऊँट | द्विगु, ( पुं. ) संख्यावाचक शब्द पहले आने वाला समास । दोका स्वामी | | द्विगुण, (त्रि. ) दुगुना द्विज, ( पुं. ) संस्कार और जन्म से दो बार जन्मा । ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य । त्रैवर्णिक | दाँत । अण्डज जीव तुम्बुरू का एक वृक्ष । संस्कारित ब्राह्मण । द्विजदेव, (पुं. ) ब्राह्मण । ऋषि | चन्द्रमा | द्विजन्मन्, ( पुं. ) देखो द्विज । द्विजबन्धु, ( पुं. ) कर्म से रहित जन्ममात्र से जीने वाले ब्राह्मणादि प्रथम तीन वर्ण । द्विजराज, (पुं. ) द्विजों का राजा | चन्द्र | अनन्त । गरुड़ | द्विजवर, (पुं. ) उच्च विप्र । ब्राह्मण | द्विजाति, ( पुं. ) देखो द्विजन्मा | द्विजिह्व, ( पुं. ) दो जीभ वाला । सर्पविशेष | खल | चुगल | चोर | झूठा । द्विजेन्द्र, (पुं. ) ब्राह्मण श्रेष्ठ | कर्मिष्ठ ब्राह्मण | द्वितय, (त्रि. ) दो की संख्या वाला । द्वितीय, (त्रि.) दूसरा द्वितीयाकृत, (त्रि. ) दुबारा जोता हुआ खेत ।