पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/१८४

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

तुलि तुलित, (त्रि. ) परिमित मापा गया। समान किया गया। तुल्य, (त्रि. ) बराबर । सदृश | समान | तुल्ययोगिता, ( स्त्री. ) अर्थालङ्कार का एक भेद । तुवर, (पुं.) एक प्रकार का धान । कसैले स्वाद का । तुष, ( क्रि० ) प्रसन्न करना । सुष, ( पुं. ) बहेड़े का वृक्ष | धान का किला | भूसी । तुषानल, (पुं ) तिनकों की आग । प्राचीन समय में दण्ड का एक विधान था जिसे प्राणदण्ड दिया जाता उसके शरीर में घास लपेट कर बाँध दी जाती थी और फिर उसमें आग लगा कर वह जला डाला जाता था । तुषार, (पुं. ) बर्फ । श्रद । कुहासा | चतुर्वेदकोय | १८५ कपूर । सुष्टि ( ६.. ) सन्तोष तु, (क्रि.) मारना । तुहिन, ( न. ) हिम | बर्फ चन्द्रमा का तेज | तुहिनांशु, ( पुं. ) चन्द्रमा | चाँद । तूग्ण, ( क्रि. ) सिकोड़ना भरना तूण-गी, ( पुं. स्त्री. ) तरकस | तूणीर, ( पुं. ) तरकस । तूर्ण, (न. ) शीघ्र | त्वरा वाला । तूर्य्य, (क्रि.) मारना ( न. ) वाद्ययन्त्र विशेष | तुरही बाजा | तूल, (क्रि. ) भरना करना । तूल, ( पुं. न. ) एक प्रकार का कपास । आकाश । तुन्द नामक वृक्ष । तूलिका, ( स्त्री. ) शब्द का साधन । तूवर, (पुं. ) बेसींग वाली गौ | बेदाढ़ी मूँछ का पुरुष । कसैला रस। ! नेज तूस्त, (न. ) जटा | लट | धूर | महीन | तृग्गू, (क्रि. ) खाना | तृण, (न.) तिनका । घास तूष्णीक, ( त्रि. ) चुप रहने वाला | तूग्णीम् ( श्रव्य. ) मौन । चुप चाप । तृणकाण्ड, ( न. ) तिन अथवा घास का ढेर | तृणनुभ, ( पुं. ) नारियल । ताल । खजूर । तृणधान्य, ( सं . ) विना जोती हुई भूमि में उत्पन्न धान | नीवार । धान्यविशेष | तृणराज, ( पुं. ) ताल का वृक्ष तृणौकस्, ( न. ) तिनकों का बना हुआ घर | तृण्य, ( स्त्री. ) तिनकों का ढेर । तृतीय, (त्रि.) तीसरा तृतीयप्रकृति, ( स्त्री. ) हिजड़ा । नपुंसक | तृतीया, ( स्त्री. ) तीज । तृतीयाकृत, (त्रि.) तिगुना किया गया | तृद्, (क्रि. ) अनादर किया गया । तृन्ह, (क्रि. ) मारना। तृप्, (क्रि. ) तृप्त होना । तृप्ति, ( स्त्री. ) पेट भर जाना । प्रसन्न होना | सन्तुष्ट होना । तृफ्, (क्रि. ) प्रसन्न होना । तृफला, ( स्त्री. ) हरे, बहेरा, आमला का संयोग तृफला कहलाता है। तृष्, (क्रि. ) चाहना | तृष्णा करना । तृषाभू, ( श्री. ) लॉम | हृदय का एक स्थान | तृषित, ( त्रि. प्यासा | चाई वाला । तृष्णाक्षय, ( पुं. ) मन को रोकना चाह का नाश । तृहू, (क्रि.) मारना । त, ( क्रि. तरना । पार होना । उद्दलना । दबाना । तेज, (क्रि. ) तेज़ करना | पैना करना | तेजः फल, (पुं.) तेजबल का वृक्ष | तेजस्, ( न. ) उष्ण | अग्नि आदि द्रव्य आग | प्रकाश । पराक्रम | वीर्य । घी । तपाने वाला। ज्योति । सूर्य । कान्ति ( शरीर की ) | सुवर्ण श्रादि धातु द्रव्य |